About Deer in Hindi/ Deer in Hindi । हिरण के बारें में

About Deer in Hindi/ Deer in Hindi । हिरण के बारें में : Friends,आज मैं आप सभी के लिए एक बहुत ही  खास Artical लेकर आई हूँ। और आज का हमारा Topic हैं, हिरण जिसे हम अंग्रेजी में Deer के नाम से जानते हैं।

आज मैं आप सभी को हिरण नामक इसी चौपाया जानवर के बारें (About Deer in Hindi) में विस्तार रूप से जानकारी देने का प्रयास करूंगी। इस आर्टिकल के माध्यम से आप हिरण पर निबंध (Essay on Deer in Hindi) भी लिख सकते हैं।

तो चलिए चलते हैं अपनी मुद्दों की ओर, और जानते हैं, हिरण के बारे में कुछ रोचक बातें। उम्मीद करती हूं कि, आज का यह आर्टिकल आपके लिए Helpful होगी।

About Deer in Hindi/ Deer in Hindi । हिरण के बारें में

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हिरण एक बेहद ही खूबसूरत जंगली जानवर है। जो ऑस्ट्रेलिया और अंटार्कटिका महाद्वीप को छोड़कर हर जगह पाया जाता है। इसकी आंखें बहुत ही ज्यादा सुंदर और आकर्षक होता है।

इतना ही नहीं इसकी शारिरीक संरचना भी बेहद सुंदर होती है। आमतौर पर हिरण घास के बड़े-बड़े क्षेत्रों में पाया जाता है।

सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि, हिरण एक स्तनधारी जीव है। नर हिरण (Male Deer) और मादा हिरण में एक खास अंतर यह है कि, नर हिरण को लंबे-लंबे सींग होते हैं।

परंतु मादा हिरण (Femal Deer) को कोई सींग नहीं पाया जाता है। इसकी लंबी -लंबी टांगे तेज दौड़ने में हिरण की काफी मदद करती है।

हिरण औसतन 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है और लगभग 10 फीट लंबा छलांग भी मार सकता है। इनकी सबसे बड़ी विशेषता तो यह है कि, इसकी सुनने और सूंघने की शक्ति बहुत ही ज्यादा होती है।

इतना ही नहीं बल्कि यह हमेशा चौकन्ना रहता है। इसके अलावा हिरण मनुष्यों की तुलना में उच्च आवृत्ति की ध्वनि को भी सुन सकता है। हिरण उन जीवों में से एक है।

जिसमें मादा से संभोग के लिए दूसरे नर से प्रतियोगिता अर्थात लड़ाई होता है और विजयी को मादा के साथ संभोग करने का सुख प्राप्त होता है।

हिरण को जब खतरा महसूस होता है, तो वह अपने पूंछ को ऊंची कर अन्य हिरणों को खतरा से अवगत कराता है। इस फूर्तीले जानवर का औसत आयु काल 18 से 20 वर्षों का होता है। अत: हिरन एक बेहद ही फुर्तीला शाकाहारी जानवर है।

Short Information About Deer in Hindi

हिरण एक शाकाहारी जंगली जानवर है। जो काफी तेज दौड़ और लंबी छलांग लगा सकता है। आमतौर पर हिरण विशाल घास के मैदानों में रहना पसंद करता है।

आम भाषा में मादा हिरण को (Female Deer is Called) ‘हिरणी’ कहा जाता है। यह बहुत ही ज्यादा फुर्तीला और चौकन्ना होता है।

खतरा महसूस होने पर हिरण अपने पूंछ को उठाकर अन्य हिरणों को संकेत देकर चेतावनी देता है। खास बात तो यह है कि’ हिरण का पूंछ बहुत छोटा होता है।

आमतौर पर हिरण हल्के भूरे रंग का होता है। साथ ही साथ इसके शरीर पर छोटे-छोटे सफेद धारियां होती है। हिरण के बारे (About Deer in Hindi/ Deer in Hindi) में सबसे खास बात तो यह है कि यह रात में भी देखने में सक्षम होता है।

इतना ही नहीं बल्कि हिरण की सूंघने की क्षमता भी काफी तीव्र होती है। हिरण एक ऐसा जानवर है जो खतरा को सूंघकर भी पता लगा सकता है।

हिरण का जीवनकाल (Average Age of Deer) 18 से 20 वर्षों का होता है। हिरण का पूर्णतः शाकाहारी जानवर है। यह मुख्य रूप से घास, पत्तियां, छोटे पौधे इत्यादि खाता है।

नर हिरण के सिर पर सींग (Antlers) पाया जाता है। जो काफी मजबूत होता है। यह सींग साल में एक बार झड़ जाता है। परंतु फिर उसी स्थान पर नए सींग निकल आते हैं।

हिरण ज्यों-ज्यों बड़ा होता है, त्यों-त्यों उसका सींग बढ़ता जाता है। हिरण की सींग हिरण के लिए बेहद खास होता है, क्योंकि इन्हीं सींगों की मदद से नर हिरण मादा को आकर्षित करता है।

और उसके साथ संभोग कर अपने प्रजातियों की संख्या में वृद्धि करता है। एक खास बात तो यह है कि हिरण की विभिन्न प्रजातियों में प्रजनन काल उसके आकार और वजन के अनुरूप अलग-अलग होता है।

क्योंकि जितना हिरण का आकार बड़ा होगा उसका उतना लंबा प्रजनन काल होगा। इन सब बातों के अलावा हिरण का प्रजनन का उसके रहने के स्थान और जलवायु पर भी निर्भर करता है।

वैसे साधारणतः हिरन का प्रजनन काल 180 से 240 दिनों का होता है। हिरण के बच्चे की सबसे बड़ी खासियत है कि हिरण के बच्चे जन्म से मात्र 20 मिनट बाद ही खड़े होने लगते हैं और 7 घंटे बाद चलने फिरने लगते हैं। वास्तव में, हिरण एक मजबूत और आकर्षक जानवर है।

Long Information on Deer in Hindi

हिरण एक स्तनधारी जंगली जानवर है। जो बच्चे को जन्म देती है और उसे दूध पिलाती है। यह एक बेहद ही सुंदर प्राणी है। जिसकी आंखें उसे अद्वितीय सुंदरता प्रदान करती है।

हिरण का संबंध प्राचीन समय से ही मनुष्य से रहा है। प्राचीन समय में राजा अपने मनोरंजन के लिए हिरण का शिकार करते थे।

इतना ही नहीं बल्कि भारतीय प्राचीन महान ग्रंथ रामायण में भी हिरण का जिक्र किया गया है। यह एक बहुत ही खास जानवर है। नर हिरन को मादा से भिन्न नर का सींग बनाता है।

आमतौर पर मादा हिरण में सींग नहीं पाए जाते हैं। परंतु Raindeer एक ऐसा मादा है, जिसे सींग पाया जाता है। दुनिया भर में हिरण एक ऐसा जानवर है, जिसकी आंखें बड़ी और खूबसूरत होती है।

हिरण उन जानवरों में से एक है, जो झुंड में रहना पसंद करता है। हिरण डरपोक किस्म का जानवर होता है। वर्तमान समय में हिरणों की संख्या में काफी कमी आयी है।

इसका दो मुख्य कारण है- पहला शिकारी जानवरों जैसे- शेर, चीता, बाघ, भेड़िया द्वारा हिरण का शिकार तथा दूसरा मुख्य कारण मनुष्य को माना जाता है।

क्योंकि मनुष्य द्वारा हिरण को उसके सींग के लिए सबसे ज्यादा संख्या में मारा जाता है। इन सींगों से खूबसूरत वस्तुएं और दवाएँ बनाई जाती है। इस प्रकार हम देखते हैं कि हिरण के घटते संख्या के पीछे मनुष्य का सबसे बड़ा हाथ है।

हिरण का शारीरिक संरचना (Body Structure of Deer) 

हिरण एक चौपाया जानवर होता है। जिसे चार लंबे पैर, दो आंखें, दो कान, एक मूँह और एक छोटी पूंछ होती है। हिरण का पैर बहुत ही ज्यादा मजबूत होता है।

जिसके कारण यह बहुत तेज दौड़ और लंबी छलांग लगाता है। हिरण औसतन 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है और लगभग 10 फीट लंबा छलांग मार सकता है।

नर में मादा से अतिरिक्त एक संरचना पाया जाता है, जिसे सींग कहा जाता है। हिरण का सींग बहुत ही ज्यादा मजबूत होता है। यह इतना मजबूत होता है कि यह शेर का भी हड्डी तोड़ सकता है।

इसकी आंखें सभी स्तनधारी जानवरों से बड़ी होती है। हिरण के लगभग सभी प्रजातियों में सींग पाया जाता है। परंतु Chinese Water Deer नामक हिरण के प्रजाति में सींग नहीं पाया जाता है।

हिरण के इस प्रजाति में लंबे कैनाइन दाँत पाया जाता है जो 8 सेंटीमीटर लंबे हो सकते हैं। हिरण का पुराना सींग हर वर्ष गिर जाता है और उसके स्थान पर नए सींग निकलते है।

यह नए सींग एक मुलायम आवरण से ढका होता है, जिसे Velvet कहा जाता है। हिरण अपनी दोनों आंखों की सहायता से 310 डिग्री तक देख सकता है।

क्योंकि उनकी आंखें उसके सिर के किनारे स्थित होती है। यह रात में भी देख सकता है। हिरण की कानों की मांसपेशियां आपस में जुड़ी हुई होती है।

जिस कारण यह बिना सिर हिलाए अपने कान को किसी भी दिशा में घुमा सकता है। हिरण की कानों की इसी अद्वितीय विशेषता के कारण इस की सुनने की क्षमता अधिक होती है।

और यह मनुष्य की अपेक्षा उच्च आवृत्ति वाले ध्वनि को भी सुन सकता है। इतना ही नहीं कि हिरण की सूंघने की क्षमता भी काफी अधिक होती है।

हिरन अपने पैर, खुरों और सिर पर स्थित एक विशेष प्रकार की ग्रंथियों से एक विशेष गंध निकालती है। इस गंध की सहायता से अन्य हिरन उसकी शारीरिक स्थिति, लिंग, निवास क्षेत्र इत्यादि का पता लगाता है।

हिरण के पेट में चार कक्ष बने होते हैं। जो पाचन क्रिया अथवा जुगाली में सहायता करता है।

हिरण के विभिन्न प्रजातियों की पैरों की लंबाई भिन्न-भिन्न होती है। हिरण एक ऐसा जानवर है, जिसमें पित्ताशय से नहीं पाया जाता है।

हिरण की जीवनशैली (Lifespan of Deer)

वैसे हिरण का जीवन शैली भी अन्य शाकाहारी जानवरों के जैसा ही होता है। परंतु हिरण की फुर्तीलापन और चंचलता इसे अन्य जानवरों से भिन्न बनाता है।

हिरन का औसत आयु का 18 से 20 वर्षों का होता है। यह अक्सर घास के मैदानों में और झुंड में रहता है। हिरण लगभग अपना आधा समय खाने में बिता देता है।

यह जीव शिकारी जानवरों से हमेशा चौकन्ना रहता है और खतरा महसूस होने पर वहां से तुरंत भाग निकलता है। मादा हिरण बसंत ऋतु में एक या दो बच्चे को जन्म देती है, जिसे Fawns कहा जाता है।

नर हिरण को मादा के साथ संभोग करने के लिए अपनी जान पर खेलकर अन्य हिरणों से लड़ाई लड़ना पड़ता है और विजयी होने पर ही उसे मादा के साथ संभोग करने का मौका मिलता है।

नर हिरण का सींग मादा को आकर्षित करने का सबसे बड़ा हथियार होता है। इस प्रकार हिरण अपने संख्या में वृद्धि कर पृथ्वी पर अपना अस्तित्व बनाए हुए हैं।

हिरण का निवास स्थान (Habitat of Deer)

हिरण पृथ्वी पर मौजूद एक ऐसा जीव है, जो हर जगह और हर परिस्थिति में पाया जाता है। यह उष्णकटिबंधीय क्षेत्र से लेकर शीतोष्ण कटिबंधीय क्षेत्र तक तथा समतल से लेकर पहाड़ तक पाया जाता है।

कुल मिलाकर यह जीव हर महाद्वीप में पाया जाता है। परंतु ऑस्ट्रेलिया और अंटार्कटिका ऐसा महाद्वीप है जहां हिरन नहीं पाया जाता है।

साधारणतः हिरण बड़े-बड़े घास के मैदानों में रहना पसंद करता है। प्रत्येक हिरण के झुंडों का अपना क्षेत्र होता है जो 30 मील तक विस्तृत हो सकता है।

हिरण का प्रजाति (Species of Deer)

जहां तक हिरण की प्रजातियों की बात है, तो दुनिया भर में हिरन के 60 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती है I जो भिन्न-भिन्न भागों और जलवायु में पाया जाता है।

हिरण के कुछ प्रजाति के नाम इस प्रकार हैं- Moose, White Tailed Deer, Mule Deer, Elk, Earibou, Red Deer, Pudu etc. हिरण का सबसे छोटा प्रजाति का नाम Southern Pudu है।

जिसका वजन मात्र 9kg और लंबाई लगभग 36 सेंटीमीटर तक होता है। इतना ही नहीं Moose हिरण का सबसे बड़ा प्रजाति है जो 6.5 फीट लंबा और 820kg वजन का हो सकता है।

विश्व में हिरण के केवल एक प्रजाति Reindeer को ही पाला जाता है। सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि, अफ्रीका में हिरण का केवल एक प्रजाति पाया जाता है जो Barbary Red Deer है।

हिरण का अंधाधुंध शिकार किए जाने की वजह से इसके कुछ प्रजाति विलुप्ति के कगार पर पहुंच गए हैं।

हिरण के विलुप्त हो रहे प्रजाति का नाम है – Hog Deer, Persian Fallow Deer, Calamian Deer, Bawean Deer etc. इतना ही नहीं Pere David’s Deer नामक हिरण का प्रजाति अब विलुप्त हो चुका है

यह दुनिया के कुछ गिने-चुने चिड़ियाघर में ही पाया जाता है।

हिरण का भोजन (Food of Deer)

यह तो हम सभी जानते हैं कि, हिरण एक शाकाहारी जानवर है। हिरण एक ऐसा जानवर है, जिसका भोजन सर्दियों में अलग और गर्मियों में अलग होता है।

वैसे आमतौर पर गर्मियों में हिरन घास, पत्तियां, फल, फूल इत्यादि खाना पसंद करता है। लेकिन सर्दियों में हिरण पेड़ों के शाखाओं और छालों को खाना अधिक पसंद करता है।

इस प्रकार ,हम देखते हैं कि हिरण पूर्णतया शाकाहारी जीवो में से एक है।

हिरण का रंग (Colour of Deer)

हिरण को उसके शरीर का मनमोहक रंग अन्य जानवरों से भिन्न और खूबसूरत बनाता है। साधारणतः हिरण हल्के भूरे रंग का होता है और उसके पूरे शरीर पर सफेद रंग की धारियां पाई जाती है।

सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि हिरण के बच्चे के जन्म के समय उसके शरीर पर सफेद रंग का धब्बा होता है। जो उसे आसपास के परिस्थिति में छिपे रहने में मदद करता है। परंतु बच्चा जैसे-जैसे बड़ा होता है, उसके शरीर पर स्थित यह धब्बा मिटते जाता है।

उपसंहार (Conclusion)

इस प्रकार, निष्कर्ष के तौर पर हम यह कह सकते हैं कि, हिरण एक बेहद ही खूबसूरत जानवर है। यह हमारे प्रकृति का अद्भुत बनावट है।

अतः हमें इसकी संरक्षण करना चाहिए। यह हमारे जंगलों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण जीव है।

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