About Elephant in Hindi । हाथी के बारे में

About Elephant in Hindi । हाथी के बारे में : दोस्तों, आज मैं आप सभी विद्यार्थियों की सुविधा के लिए हाथी पर निबंध (hathi par nibandh) लिखी हूं।

इस Article के माध्यम से जहाँ तक संभव हो सके। आज मैं आप लोगों को हाथी के बारे (About Elephant in Hindi) में विस्तार से जानकारी देने का प्रयास करूंगी।

तो, आइए चलते है, अपनी मुद्दो की ओर और जानते है, हाथी के विषय मे कुछ अनकहे, अनसुने और रोचक तथ्य।

About Elephant in Hindi। हाथी के बारे में 

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हाथी उन पशुओ में से एक है, जो अपनी विशाल शरीर एवं लंबी सूंड के लिए जाना जाता है। यह पालतू एवं जंगली दोनों प्रकार के जीव की श्रेणी में आता है।

जंगली हाथी काफी खतरनाक किस्म की होती है। जबकि पालतू हाथी अपेक्षाकृत शांत स्वभाव की होती है। ये न सिर्फ आज से बल्कि सदियों से मनुष्यों द्वारा पाला जाता है।

अन्य कई पशुओं की तरह हाथी भी शाकाहारी पशुओं में से एक है। यह संपूर्ण पृथ्वी पर पाए जाने वाले पशुओं में से एक है। हाथी खासकर गन्ना और केला खाना ज्यादा पसंद करता है।

कई रंगों में पाई जाने वाली हाथी तीक्ष्ण बुद्धि वाला एक जानवर। साथ ही इसकी ऊंचाई कई अन्य पशुओं की अपेक्षा बड़ी होती है। थाईलैंड में दुनिया के अन्य देशों की अपेक्षा बड़ी संख्या में हाथी पाई जाती है।

यही कारण है कि, थाईलैंड को हाथियों का देश (Country of Elephant) कहा जाता है। दुनिया के भिन्न-भिन्न स्थानों पर यह भिन्न-भिन्न रूप, रंग एवं आकार में पाया जाता है।

आज भी इंसान अपने कई काम यथा- सर्कस, भारी सामान ढोने आदि में तथा इसके दांतो से बनी कई सुंदर वस्तुओं का उपयोग करता है। इस प्रकार कहे तो हाथी हमारे लिए काफी उपयोगी है और हमें भी इसकी देखभाल ईमानदारी पूर्वक करनी चाहिए।

Information About Elephant in Hindi in 250 Words

हाथी पृथ्वी पर मौजूद अन्य पशुओ की तरह ही एक चौपाया जानवर है। इसके एक नाक, दो लम्बी-लम्बी कान, दो छोटी आँख, दो बाहरी दाँत एवं एक लम्बी सी पूँछ होती है।

हाथी को एक सूंड भी होता है, जो काफी लंबी होती है। साधारणतः हाथी की सूंड ही हाथी की नाक होती है। जो इसे सांस लेने में मदद करती है।

हाथी का शरीर काफी बड़ा होता है। यही कारण है कि, इसे धरती पर उपस्थित समस्त पशुओं में सबसे बड़ा जानवर माना जाता है। यह काफी बुद्धिमान पशु होता है।

इसी खासियत की वजह से इसे प्रशिक्षण देकर इससे कई तरह के भारी एवं मनोरंजक काम करवाया जाता है। यह अनाज, घास एवं पेड़-पौधे की टहनियाँ या फिर कहे डालियों को अपने भोजन के रूप में खाता है।

इसी कारण इसे शाकाहारी पशु खा जाता है। आदिकाल से ही यह मानव द्वारा पाले जाने वाले पालतू पशुओं में से एक है। यह विश्व के लगभग सभी भागों में पाया जाता है। साथ ही इसकी प्रजाति भी कई प्रकार की होती है।

एक स्वस्थ हाथी लगभग 100 वर्षों तक जीवित रह सकता है अर्थात इसकी जीवनकाल लंबी होती है। जंगली हाथी काफी खूंखार प्रवृत्ति का होता है।

जबकि इसके विपरीत पालतू हाथी सामान्य स्वभाव का होता है। हाथी खासकर थाईलैंड में काफी अधिक मात्रा में पाई जाती है। इसलिए तो ‘थाईलैंड’ हाथियों का देश के नाम से जाना जाता है।

सामान्य रूप से इसका रंग स्लेटी होता है। इसके त्वचा की मोटाई 1 इंच होती है। इसके बावजूद भी इसकी त्वचा काफी संवेदनशील होता है।

मादा हाथी (Female Elephant in Hindi) अन्य जानवरों की तरह ही बच्चे को जन्म देती है। इतना ही नहीं हाथी के बच्चे की सबसे बड़ी खासियत यह है कि, 1 दिन में वह लगभग 10 लीटर दूध पी सकता है।

यह कई प्रकार से हमारी सहायता करती है। परंतु आज कई कारणों से यह बहुमूल्य जीव हमारे पृथ्वी पर से धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है। अतः इसकी सुरक्षा हेतु हमें कुछ उपाय करनी चाहिए।

Elephant Essay in Hindi in 550 Words

वैसे तो हमारी इस धरती पर कई तरह की छोटी-बड़ी पशु-पक्षियाँ विद्यमान है। उन्ही मे से एक हाथी भी है, जो लगभग पृथ्वी के कोणे-कोणे मे पाई जाती है।

यह अपनी भारी-भड़कम शरीर एवं लम्बी सूंड के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। यह बहुत ही तेज बुद्धीवाला जानवर है। आदिकाल से पृथ्वी पर मौजूद, इस पशु का हमारे समाज में आज भी काफी महत्व है।

खासकर यह दुनिया के समस्त भागो के अपेक्षा ‘एशिया एवं अफ्रिाका’ महादेश मे सबसे अधिक संख्या मे पायी जाती है। नर हाथी अकेला रहना पसंद करता है। जबकि मादा हाथी झुंड में रहना ज्यादा पसंद करती है।

इस का रंग काला, सफेद, और धूसरा आदि होता है। परंतु अक्सर यह काला या धूसरा रंग में पाया जाता है। जबकि थाईलैंड एक ऐसा देश है, जहां ‘सफेद हाथी’ पाया जाता है।

एक हाथी की अधिकतम आयु सीमा 100 वर्षों तक की होती है, अगर वह स्वस्थ हो तो, हाथी अपनी लंबी सूंड का प्रयोग कई कामों में करता है।

हाथी घरेलू और जंगली दोनों ही प्रकार का होता है। जिस हाथी को घर में पालतू बनाकर रखा जाता है, उसे घरेलू इसके विपरीत, जो हाथी जंगल में रहता है, उसे जंगली कहा जाता है।

पालतू हाथी अपने मालिक के हर हावा-भाव को समझने के साथ ही साथ घर के अन्य सदस्यों की भावना को भी समझता है और उसके अनुसार ही अपना व्यापार करता है। परंतु जंगली हाथी ठीक इसके विपरीत होता है।

यही कारण है कि, जंगली हाथी से लोग डरते हैं। इसे ट्रेनिंग देकर सर्कस में भी प्रयोग किया जाता है। क्योंकि यह लोगों की भाषा समझने और सीखने में समर्थ होता है।

इसकी सबसे बड़ी खासियत तो यह है कि, यह जितना शांत स्वभाव का होता है उतना ही गुस्से में भी होता है। कभी-कभी यदि किसी कारण से कोई हाथी पागल हो जाता है, तो वह इतना खतरनाक हो जाता है कि लोगों का जान भी ले सकता है।

परंतु अक्सर ऐसा देखने को नहीं मिलता है। हाथी अपने साथी हाथियों की आवाज को लगभग 5 मील दूर से भी सुन सकता है। इससे ही हमें इस बात की पता चलती है कि, वास्तव में हाथी काफी संवेदनशील होता है।

यद्यपि इसकी त्वचा मोटी होती है।अन्य कई चौपाया पशु की तरह ही हाथी भी स्तनधारी पशुओं की श्रेणी में आता है। क्योंकि वह बच्चे को जन्म देती है।

हाथी काफी लंबे समय तक खड़ा भी रह सकता है। क्योंकि इसके पैरों की संरचना मोटे स्तंभों के समान होती है। साथ ही साथ इसके टांगे काफी गद्देदार एवं सीधी होती है।

खासकर दुनिया के अन्य देशों की अपेक्षा हमारी भारतीय संस्कृति में आदि काल से ही यह अपना खास महत्व रखती है। क्योंकि प्राचीन समय में हमारे भारतीय राजा इसका उपयोग अपने सवारी के रूप में करते थे।

क्योंकि हाथियों उन्हे बड़े-बड़े जंगलों में ले जाकर शिकार करने में उनकी मदद करता था। परंतु जैसे-जैसे हम लोग आधुनिकता की दौर में प्रवेश करते गए।

हाथी नामक इस जंगली जानवर का भी हमारे समाज में महत्व घटता गया और हम लोग इसकी अवहेलना करने लगे। फलतः यह हमसे दूर होता गया साथ ही इसका काफी शिकार होने एवं अन्य कई पर्यावरणीय समस्याओं के कारण इसका जीवन काफी संकटमय हो गई।

परिणामस्वरुप, आज यह विपरीत विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गया है। इतना ही नहीं इसकी कुछ प्रजाति तो विलुप्त भी हो चुकी है।

हमारे पर्यावरण के इस बहुमूल्य प्राणी को समाप्त होने से बचाने के लिए, हम मानव जाति को हर-संभव इसके संरक्षण का उपाय करना चाहिए।

Long Type Essay on Elephant in Hindi।

हाथी धरती पर उपस्थित उन सभी पशुओं की श्रेणी में आता है। जिसका शरीर काफी विशाल है एवं जो स्तनपाई जीव है। कई अन्य जीव-जंतुओं के तरह हाथी भी जंगली एवं पालतू होता है।

सबसे खास बात तो यह है कि, इतना विशाल शरीर होते हुए भी या एक शाकाहारी पशु हैI यह न सिर्फ आज से बल्कि आदिकाल से ही हम मानव के उन प्रिय पशुओं में से एक है। जिसे हम पालते हैं।

पुराने जमाने में इसका प्रयोग कई कामों में किया जाता था। यथा- युद्ध करने, भारी सामान ढोने आदि कामों में इतना ही नहीं आज के वर्तमान युग में हाथी का चिड़ियाघर आदि में लोगों के मनोरंजन के लिए रखा जाता है।

इसके मरने के बाद भी इसके शरीर के कई हिस्से का उपयोग अनेक प्रकार की वस्तुओं को बनाने में किया जाता है। जिसे हम अपने दैनिक जीवन में प्रयोग में लाते हैं। इस बात से भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि, हाथी हमारे लिए कितना ज्यादा उपयोगी है।

हाथी की शारीरिक बनावट (Body Structure of Elephant)

हाथी का शरीर काफी विशाल होता है।अन्य पशुओं की तरह ही एक चौपाया जानवर है। इसको चार पैर होता है, इसके दोनों कान लंबे होते हैं, जो दिखने में पंखे जैसे लगते हैं।

सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि, पूछ लंबी होने के साथ ही साथ इसका सूंड भी काफी लंबा होता है, जो इसे सांस लेने, भोजन एवं जल ग्रहण करने में सहायक होता है।

एक तरह से कहे तो हाथी की सूंड ही उसकी नाक होती है। हाथी का पैर काफी गद्देदार एवं खम्भे की तरह मजबूत होती है। साथ ही इसकी टांगे काफी सीधी होती है।

शायद यही कारण है कि, बिना थके यह काफी लंबे समय तक खड़ा रह सकता है। इसकी त्वचा काफी मोटी होती है। इसके बावजूद भी इसकी श्रवण शक्ति अर्थात सुनने की क्षमता अधिक होती है।

क्योंकि यह अपने अन्य साथियों की आवाज को 5 मील दूर से ही सुन लेती है। साथ ही इन्हें दो छोटी-छोटी आंखें होती है। इसकी एक खासियत यह है कि, हाथी को ज्यादा रोशनी में कम और कम रोशनी में ज्यादा दिखाई देती है।

इसकी ऊंचाई लगभग 11 फुट होती है। अब जहां तक बात आती है। हाथी वैसे तो अनेक रंगों में पाई जाती है। परंतु काला, सिलेटी और सफेद रंग की हाथी अधिक देखने को मिलती है।

हाथी की जीवन शैली (Lifestyle of an Elephant)

हाथी शांत एवं गुस्सेले दोनों ही स्वभाव का जानवर है। नर हाथी अकेला रहना पसंद करता है। जब कि मादा हाथी झुंड में रहना पसंद करता है।

मादा हाथी बच्चे को जन्म देती है और उसे अपना दूध पिलाती है। मादा हाथी का गर्भकाल लगभग 22 महीने का होता है। साथ ही यह 4 साल में एक बार ही गर्भ धारण करती है।

हालांकि हाथी एक शाकाहारी पशु है। यही कारण है कि, इसका मुख्य आहार केला, गन्ना, पेड़ों की टहनियां, शाक, हरी घास, आदि है। इसकी जीवन काल लंबी होती है।

क्योंकि यह 100 साल से अधिक दिनों तक जीवित रह सकती है। परंतु आज कई कारणों से इसकी आयु कम पड़ती जा रही है। कभी-कभी हाथी पागल भी हो जाता है और पागल हाथी पर काबू पाना असंभव है।

हाथी अक्सर जंगलों में रहना पसंद करती है। हाथी विश्व के लगभग सभी भागों में पाई जाती है। परंतु मुख्य रूप से यह थाईलैंड, भारत, श्रीलंका, अफ्रीका में पाए जाते हैं। इसका कारण यह है कि, इसके रहने के लिए अनुकूल वातावरण खासतौर पर इन क्षेत्रों में ही उपलब्ध हैं।

भारतीय संस्कृति में हाथी का महत्व (Importance of Elephant in Indian Culture)

वैसे तो अन्य कई ऐसे पशु हैं। जिन्हें भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से ही काफी महत्व दिया जाता है। उन्हीं में से एक है- हाथी, भारतीय धार्मिक ग्रंथों में हाथी से संबंधित कई व्याख्यान लिखे गए हैं।

क्योंकि हाथी प्राचीन समय से ही धर्म और संस्कृति से करीब से जुड़े हैं। हमारे यहां इसे प्यार से गज या ग्राह भी कहा जाता है। पुराने जमाने में जब कभी युद्ध होती थी, तो हाथी की संख्या के आधार पर ही सेनाओं में हार या जीत होती थी।

हमारे समाज में हाथी को ऐश्वर्य एवं समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। महाभारत के युद्ध में भीअश्वत्थामा’ नामक हाथी का महत्वपूर्ण स्थान रखा गया था। इस प्रकार कहा जाए तो ,वास्तव में हाथी का हमारी भारतीय धार्मिक संस्कृति में काफी महत्व है।

हाथी की प्रजातियां (Species of Elephant)

हाथी स्थल प्राणी में सबसे बड़ा प्राणी है। जहां तक हाथी के प्रजाति का बात है, तो आज के वर्तमान दौड़ में हाथी की दो ही प्रजाति पृथ्वी पर मौजूद हैं।

जिनमें से एक है- एलिफ्स (Elephas) जो एशिया में पाई जाती है और दूसरी है लॉक्सोडाप्टा जो अफ्रीका में पाई जाती है। इसके अलावा ममथस नामक एक और भी प्रजाति था।

जो अब लुप्त हो चुकी है। साथ ही एशिया एवं अफ्रीकी हाथी के आकार एवं वजन में काफी अंतर पाई जाती है

About Elephant in Hindi in 5 Points। हाथी के बारे में 5 रोचक तथ्य

  • हाथी का रंग ज्यादातर काला, सफेद और स्लेटी होता है।
  • इसका जीवनकाल 100 साल से भी अधिक होता है।
  • हाथी के बच्चे को कॉल्फ कहा जाता है।
  • इसकी त्वचा काफी संवेदनशील होती है।
  • हाथी का बच्चा 1 दिन में 10 लीटर से भी अधिक दूध पी सकता है।

उपसंहार(Conclusion)

इस प्रकार हम कह सकते हैं कि, वास्तव में हम मानव के लिए यह एक बहुत ही उपयोगी पशु है। परंतु आज आधुनिकता के इस दौड़ में कई पर्यावरणीय एवं मानवीय समस्याओं के कारण इसे अपने अनुकूल वातावरण नहीं मिल पा रही है।

परिणाम स्वरूप आज यह प्राणी हमारे पर्यावरण से धीरे-धीरे विलुप्त हो रही है और कुछ तो पूर्ण रूप से विलुप्त हो चुकी है। अतः आवश्यकता है कि हम मानव को इस प्राणी के अस्तित्व को बचाए रखने के लिए कठोर से कठोर कदम उठाना चाहिए।

हाथी से संबंधित रोचक तथ्य। Information About Elephant

  • थाईलैंड को हाथियों का देश कहा जाता है। साथ ही यहां सफेद रंग की हाथी पाई जाती है, इसलिय इसे सफेद हाथियों का देश
    (Country of White Elephant) भी कहा जाता है।
  • एक हाथी एक दिन में 30 गैलन जल और 400 पाउंड खाना खा सकता है।
  • इसकी ऊंचाई 11 फीट से भी जाते हो सकती है।
  • मादा हाथी झुड में रहना पसंद करती है।
  • यह अपने भोजन पचाने के दौड़ान काफी मात्रा में मीथेन गैस छोड़ती है।
  • हाथी 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकता है।
  • इसकी यादाश्त क्षमता काफी अधिक होती है।
  • मादा हाथी का गर्भकाल 22 महीने का होता है
  • नर हाथी को दो बाहरी दांत होता है।
  • नर हाथी एकांत में रहना पसंद करता है।
  • जन्म के समय हाथी के बच्चे की लंबाई 33 इंच वजन लगभग 120 किलोग्राम होता है।
  • दुनिया की सबसे छोटी हाथी यूनान के क्रिट द्वीप में पाई जाती थी।
  • हाथों सिर्फ 2-4 घंटे ही सोता है।
  • हाथी एक शाकाहारी पशु है।
  • हाथी का धड़कन 1 मिनट में 27 बार धड़कता है।

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