About Papaya in Hindi । पपीता के बारे में : Friend’s आज मैं आप सभी के लिए एक बहुत ही खास Topic पर आर्टिकल लेकर आई हूं। जो है – पपीता के बारे में (Papaya Information in Hindi) आज इस आर्टिकल के माध्यम से मैं आप सभी को पपीता से जुड़ी विभिन्न तथ्यों के बारे में विस्तार-पूर्वक बताने का प्रयास करूंगी।
उम्मीद करती हूं कि, आज का यह Artical आपके के लिए उपयोगी होगी। तो आइए चलते हैं अपनी मुद्दों की ओर, और जानते हैं। Papaya नामक Fruits के बारे में कुछ अद्भुत बातें।
About Papaya in Hindi । पपीता के बारे में
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पपीता उन फलों में शुमार है, जो लगभग सभी मौसम में पाया जाता है। साथ ही यह फल लगभग सभी जगहों पर पाया जाता है, क्योंकि इसके पौधे को लगाना काफी आसान है।
पपीता का पेड़ अन्य पौधों की अपेक्षा हल्का एवं लचीला होता है। यही कारण है कि, इसे तोड़ने या काटने में ज्यादा समय नहीं लगता है।इसकी पत्तियां काफी बड़े-बड़े आकारों वाली होती है।
यह एक ऐसा फल है। जिसे न सिर्फ घरों में लगाया जाता है। बल्कि बड़े पैमाने पर इसकी खेती भी की जाती है। जहां बाजारो में इसकी मांग काफी है।
वही पपीता की खेती करने वालों की आय भी काफी है। पपीता को पेड़ से तोड़कर सीधा बाजारो या फिर कहे तो मं मंडियो में Supply किया जाता है।
क्योंकि इस फल को पेड़ से तोड़ने के बाद, ज्यादा दिनों तक रखने पर यह खराब होने लगता है। पपीता न सिर्फ खाया जाता है। बल्कि कच्चा पपीता का सब्जी भी बनाई जाती है।
सबसे खास बात तो यह है कि, दोनों ही अवस्था में अर्थात कच्चा एवं पका दोनों ही पपीता खाने के अनेक फायदे है। यह फल अक्सर गोल एवं बेलनाकार आकार में पाया जाता है।
पपीता जब कच्चा होता है। तो इसके छिलके का रंग हरा एवं फल का रंग हल्का उजला होता है। साथ ही इसके छिलके थोड़े शक्त होते हैं। जबकि पकने के बाद पपीता के ऊपरी भाग का रंग हल्का पीला और लाल हो जाता है।
साथ ही इसके फल का भी रंग हल्का लाल हो जाता है। पपीता के अंदर छोटी-छोटी बीच पाई जाती है। साथ ही इसके बीज का रंग हल्का भूरा (धूसरा) या काला होता है और यह बीज चिपचिपा होता हैं।
पपीता के बीज के भी कई फायदे हैं। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि, कुछ मायनों में पपीता का तुलना तरबूजा से किया जाता है। पपीता छोटे एवं बड़े दोनों ही आकारों में पाया जाता है।
फर्क सिर्फ इतना है कि, अक्सर Hybrid पपीता बड़े आकार वाले पाए जाते हैं। जबकि साधारण पपीता छोटे या मध्यम आकार में ही पाया जाता है।
पपीता के बारे (About Papaya in Hindi) में ऐसा अनुमान है कि, विश्व भर में लगभग 40 पपीते की प्रजातियां (Types of Papaya) पाई जाती है।
हमारे देश में यह फल प्राचीन समय से ही है। इसके पौधे (Papaya Tree in Hindi) छोटे, बड़े एवं मध्यम तीनों प्रकार के होते हैं। साथ ही इसके पेड़ नर एवं मादा दो किस्मों के होते हैं।
नर पौधे में फल नहीं लगते हैं। बल्कि सिर्फ मादा पौधे में ही फल लगते हैं। नर पौधे में सिर्फ लंबे-लंबे फूल पनपते हैं। इसके फूलों का रंग उजला होता है।
इसके पौधों को लगाने के कुछ ही समय बाद इसमें फल लगने शुरू हो जाते हैं और आमतौर पर 3 से 4 साल तक ही इसमें फल लगते हैं। जहाँ पानी का जमाव होता है।
वहां इसके पौधे नहीं लगते हैं। क्योंकि इसके जड़ों को या फिर कहें तो पौधों को अधिक पानी की आवश्यकता नहीं हो पाती है। साथ ही यही कारण है कि,
ज्यादा ठंडे या जल-जमाव वाले स्थानों पर लगाने के बाद इसके पौधे गलने लगते हैं। अक्सर कृषक इसके बीजों को अप्रैल-मई महीनों में लगाते हैं।
इसकी अद्भुत गुणों को ध्यान में रखते हुए ही तो क्रिस्टोफर कोलंबस ने इस फल को “स्वर्गदूतों का फल” का नाम दिया है। इसमें कई प्रकार के विटामिन का मिश्रण होता है।
यही कारण है कि, यह स्वास्थ के लिए काफी लाभदायक माना जाता है। कई प्रकार के औषधीय गुणों के प्रचुरता के कारण ही तो, इसका उपयोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों के उपचार हेतु और औषधीय दवाईयाँ बनाने हेतु की जाती है।
Benefits of Papaya For Health and Using Method
पपीता (Papaya) कई तरह के सामान्य रोगों के उपचार हेतु एक महत्वपूर्ण एवं कारगार दवाई के रूप में उपयोग में लाया जाता है।
साथ ही अपने Body को जरूरत के हिसाब से पोषक तत्व देकर शरीर को स्वस्थ रखने हेतु नियमित रूप से इसका उपयोग हम अपने दैनिक जीवन में करते हैं।
तो आइए जानते है कि, किन-किन रोगों से राहत दिलाने में यह हमारे लिए Useful साबित होता है और हमें इसका इस्तेमाल कैसे करनी चाहिए। साथ ही इससे संबंधित कई अन्य बातों को भी जानने का प्रयास करेंगे।
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बढ़ाए शरीर की प्रतिरोधक क्षमता। Increased Body Resistance
जब हमारे शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं (WBC) की संख्या आवश्यकता से कम हो जाती है। तो कई तरह के रोग हमारे Body में होने लग जाते हैं।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि, सफेद रक्त कोशिका ही हमारे शरीर को विभिन्न प्रकार के रोगों (Disease) से बचाता है। तो स्वाभाविक सी बात है कि,
इसकी संख्या घटने पर हमारे शरीर को कई तरह के रोगों से ग्रसित होने की संभावना बढ़ जाती है। परंतु पपीता एक ऐसा फल है। जिसमे Vitamin C की प्रचुर मात्रा पाया जाता है।
जो हमारे शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या को बढ़ाने में काफी मदद करता है। साथ ही इसके फ्री-रेडिकल को क्षति होने से बचाव करता है।
इसके अतिरिक्त अन्य प्रति-रक्षक प्रोटीन के रूप में पपीता में प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट, Vitamin A और B पाया जाता है। जो एक स्वास्थ्य Immune system के लिए आवश्यक है।
अतः शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु, हमें नियमित रूप से पपीता का सेवन करनी चाहिए।
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मधुमेह को रखे सामान्य। Keep Diabetes Normal
पपीता उन लोगों के लिए एक उपयोगी फल है। जो लोग मधुमेह से ग्रसित हैं। क्योंकि इसमें एंटी-इफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं।
जो मानव शरीर में होने वाली मधुमेह की रोगों को होने से रोकता है। साथ ही इसमें ग्लाइसेमिक सूचकांक की मात्रा भी कम होती है।
Using Method :
शरीर में बनने वाले इंसुलिन की मात्रा को Control रखने हेतु एवं मधुमेह को होने से रोकने के लिए, अपने नाश्ते के 2 घंटे बाद आप पपीता के फलों में पालक डालकर तैयार किया गया। सलाद का सेवन नियमित रूप से कर सकते हैं।
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गठिया रोगियों के लिए एक आदर्श फल। For Arthritis Patients
यह फल उन लोगों के लिए भी कारगर है। जो गठिया जैसे रोगों से पीड़ित हैं। क्योंकि पपीता में अनेक ऐसे Enzyme पाए जाते हैं। जो लोगों को गठिया के वजह से होने वाले दर्द को Normal करने में अपना योगदान देते हैं।
एक शोध के अनुसार जो लोग पपीता का नियमित सेवन नहीं करते हैं। उनमें गठिया नामक रोग के होने की आशंका अधिक होती है।
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तनावों से पाएं छुटकारा। Get Rid of Stress
हमारे शरीर में कुछ ऐसे Hormone स्रावित होते हैं। जो हम मानव के तनाव को बढ़ाने का काम करता है। परंतु Vitamin E हमारे तनाव को कम करने तथा दिमाग को शांत रखने का कार्य करती है।
जो पपीता में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इतना ही नहीं पपीता में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट एड्रेलाईन एवं कॉर्टिसोल जैसे तनाव हार्मोन के बनने की मात्रा को भी कम करने में सहायक होता है।
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शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियंत्रित करें। Control the Amount of Cholestrol in Body
हमारे शरीर में जब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है। तो इस कॉलेस्ट्रोल के कारण हमें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है और फाइबर एवं Vitamin C इसके मात्रा को सामान्य रखने में बहुत ही कारगर होता है।
सबसे खास बात तो यह है कि, पपीते (Papaya) में इसकी भरपूर मात्रा पाई जाती है। अतः निश्चित रूप से इसके लिए पपीता का रोजाना प्रयोग हमारे लिए लाभदायक होगा।
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आंखों की रोशनी बढ़ाए। Increase the Eyesight
जैसा कि हम सभी को मालूम है कि, हमारे आंखों की रोशनी को बेहतरीन बनाने में सबसे अधिक योगदान विटामिन A C और E का होता है।
परंतु जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है। हमारे शरीर में इन विटामिनों की कमी होने लग जाती है। परिणाम स्वरूप हमारे आंखों की रोशनी कम होने लगती है।
या फिर जिन लोगों में इन विटामिनों की कमी होती है। उनकी आंखों की रोशनी अपेक्षाकृत कम होती है। अतः अपनी आंखों की रोशनी को बरकरार रखने हेतु।
हमें पपीता का नियमित सेवन करनी चाहिए। क्योंकि पपीता में इन विटामिनों की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है।
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शरीर के वजन को कम करें। Reduce Body Weight
कैलोरी की मात्रा का पाए जाने के बावजूद भी पपीता हमेशा आपको ऐसा महसूस कराएगा मानो आपका पेट भरा हुआ है। साथ ही आंतों की गतिविधियों को Control रखने हेतु फाइबर बहुत ही उपयोगी होता है।
जो पपीता में पर्याप्त मात्रा में उपस्थित होता है। इतना ही नहीं पाचन क्रिया को बेहतर बनाने हेतु पैपेन और अन्य फाइटो-कैमिकल जैसे तत्वों की आवश्यकता होती है।
जो पाचन क्रिया को सुदृढ़ बना कर वजन घटाने में काफी मददगार होता है और इन सभी तत्वों का एक निश्चित मात्रा पपीता में मौजूद होता है।
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निखारे अपनी त्वचा को। Enhance Your Skin
आजकल लोग अपनी त्वचा को चमकदार बनाने के लिए कई तरह के Method अपनाते हैं। उन्हीं में से एक पपीता भी आ जाता है। क्योंकि पपीता में कई ऐसे एंजाइम पाए जाते हैं।
जो आपकी त्वचा को सुंदर और चमकीला बनाने में अपना भरपूर योगदान देता है। इसका इस्तेमाल हमारी त्वचा की मृत Cells को समाप्त करने एवं सुंदर त्वचा प्रदान करने में पूर्ण रूप से सक्षम होता है।
साथ ही मुंहासे एवं त्वचा संबंधी अन्य संक्रमण को रोकने में यह हमारे लिए काफी सहायक होता है। अब जहां तक बात आती है कि,
त्वचा पर इसका इस्तेमाल कैसे करें (How to use Papaya on Face)। तो हम इस संबंध में कह सकते है कि, इसका इस्तेमाल फेस पैक के रूप में किया जा सकता है।
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करे दांतो के दर्द को कम। Reduce Tooth Pain
कच्चे पपीते से निकाले गए। दूध जिसे हम आक्षीर भी कहते हैं। को रूई में डालकर दातों पर कुछ समय तक रखने पर दांतों के दर्द से राहत मिलती है।
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शरीर की कमजोरी से पाएं छुटकारा। Get Ride of Body Weakness
जब हम काफी लंबे समय तक बीमार रहते हैं, या हमारे शरीर में पर्याप्त पोषक तत्वों की कमी रहती है। तो हमें काफी Weakness लगता है।
और इससे छुटकारा पाने के लिए, हमें नियमित पपीता के सेवन से काफी लाभ होता है। क्योंकि पपीता एक ऐसा फल है जिसमें Multiple पोषक तत्व पाए जाते हैं।
पपीता खाने का तरीका । Papita Khane Ka Tarika
- पपीता का अचार बनाकर भी इसका सेवन कर सकते हैं।
- सलाद के रूप में भी इसका उपयोग किया जा सकता है।
- कच्चा पपीता में नमक, मिर्च, नींबू आदि डालकर भी इसे खा सकते हैं।
- मछली के साथ भी पपीता का सेवन किया जा सकता है।
- कच्चा पपीता का सब्जी बनाकर भी इसका सेवन किया जा सकता है।
विभिन्न भाषाओ में पपीता के नाम। Papaya Name in Different Language
आमतौर पर पपीता को अंग्रेजी में Papaya और हिंदी में पपीता के नाम से जाना जाता है। परंतु भारत के कई अन्य क्षेत्रों में इसे विभिन्न नामों से संबोधित किया जाता है। जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं।
Papaya Name In :
Hindi : पपीता
Malayalam : कप्पलम
Nepali : मेवा
Panjabi : खरबूजा
Sanskrit : ब्रह्मएरण्ड, एरण्ड, कर्करी
- Scientific Name of Papaya : पपीता का वैज्ञानिक नाम Carica Papaya है।
Papita Ke Beej Ke Fayde । पपीता के बीज के फायदे
इन बातों से तो, हम सभी पहले से ही अवगत हो चुके हैं कि, कच्चा एवं पका पपीता दोनों ही हमारे लिए कितने अधिक लाभदायक हैं। तो आइए अब जानते हैं कि, पपीता के बीज का हमारे जीवन में क्या उपयोग (Papita ke beej ka Upyog) है।
और यह किन-किन चीजों में हमारे लिए उपयोगी है। इन के बीजों का उपयोग हम या तो बिना पेस्ट बनाए या फिर इसे सुखाकर इसका पेस्ट बनाकर कर सकते हैं।
Benefits of Consuming Papaya Seeds। पपीते के बीजों के सेवन से होने वाले लाभ
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कैंसर के लिए। For Cancer
पपीता के बीजों में आइसोथायोसायलनेट नामक एक एंजाइम पाया जाता है। जो कैंसर की कोशिकाओं को तीव्र गति से बढ़ने से रोकती है। यही कारण है कि,
पपीता के बीजों का उपयोग कैंसर रोग के उपचार हेतु दवाईयां बनाने में किया जाता है। साथ ही कैंसर पीड़ितों को इसका नियमित सेवन करने की सलाह दी जाती है।
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बुखारो से बचाव। Fever Prevention
पपीता के बीजों के सेवन से कई प्रकार की बुखार यथा- टाइफाइड (आंत ज्वर), डेंगू, काला-जार, मलेरिया बुखार जैसी रोगों का भी उपचार किया जाता है।
क्योंकि पपीता का बीज उन चीजों में अपना स्थान रखता है, जो एंटी-वायरल होते हैं।
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पेट के कीड़ों के लिए। For Stomach Worms
पपीता के बीज का नियमित सेवन से पेट की सभी कीड़े समाप्त हो जाते हैं और पेट पूर्णतः साफ हो जाता है। जिससे हमारा शरीर स्वस्थ रहता है।
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लीवर संबंधी समस्याओं में। In Liver Problem
लीवर हमारे शरीर का एक ऐसा अंग है। जिसमें हमारे शरीर के सभी विषाक्त तत्वों का फिल्ट्रेशन होता है। और लीवर के द्वारा ही यह पदार्थ हमारे शरीर से बाहर आते हैं, और पपीता के बीज लीवर को सही ढंग से काम करने के लिए मजबूती प्रदान करता है।
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गर्भ-निरोधक के रूप में। As Contraceptive
अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए नियमित रूप से एक चम्मच पपीते के बीज का सेवन कारगर साबित हो सकता है।
Papita Khane Ke Nuksan । पपीता खाने के नुकसान
जहाँ पपीता खाने के कई फायदे हैं। वहीं इसके सेवन से कुछ हानियां भी हैं। तो आइए जानते हैं, इसके नुकसान से संबंधित कुछ बातें।
- गर्भावस्था के दौड़ान पपीता के सेवन से महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यथा- गर्भपात आदि। क्योंकि इसमें लैक्टस की मौजूदगी होती है। जो गर्भाशय को हानि पहुंचा सकता है। अतः गर्भावस्था के दौड़ान इसका सेवन नहीं करनी चाहिए।
- पपीता में Beta-Carotene प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। अतः काफी अधिक मात्रा में इसके सेवन से पीलिया होने की संभावना बढ़ जाती है।
- पपीता का अधिक मात्रा में सेवन से किडनी में पथरी भी हो सकती है।
- पपीता का आवश्यकता से अधिक सेवन श्वसन संबंधी कई समस्याएं यथा- दमा, हे-फीवर आदि का कारण बन सकता है।
- जहां कब्ज जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने हेतु पपीता का सेवन लाभदायक होता है। वही अत्यधिक मात्रा में इसका सेवन हानिकारक भी साबित हो सकता है।
Useful Parts of Papaya । पपीता के उपयोगी भाग
अब जहां तक बात आती है। पपीते के उपयोगी हिस्सों की, तो इस संबंध में हम कह सकते हैं कि पपीता के लगभग सभी भाग उपयोगी होते हैं। क्योंकि इसके फल, बीज, जड़, दूध, पत्ते का इस्तेमाल कई मायने में किया जाता है।
Where is Papaya Found – पपीता कहां पाया जाता है?
पपीता उन फलो में अपना स्थान रखता है। जो मुख्य रूप से दुनिया के उपोष्णकटिबंधीय एवं उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है।मैक्सिको एक ऐसा देश है। जहां प्रथम बार पपीता लगाया गया था।
ऐसा माना जाता है कि, पपीता को भारत लाने का श्रेय पुर्तगालियों को जाता है। क्योंकि पहली बार उन्हीं लोगों के द्वारा पपीता भारत लाया गया था।
अमेरिका का उष्णकटिबंधीय भाग पपीता के लिए मुख्य रूप से जाना जाता है। अनुमान के मुताबिक ऐसा कहा जाता है कि, पहली बार इसे भारत के केरल राज्य में लाया गया था।
परंतु अब यह भारत के लगभग सभी भागों में पाया जाने वाला एक लोकप्रिय फल बन चुका है। आज के दौर में रांची, पूना, चेन्नई, मुंबई और बेंगलुरु के पपीते सबसे सुप्रसिद्ध एवं उत्तम कोटि के माने जाते हैं।
Nutrition Value in Papaya । पपीता में पोषक तत्वों की मात्रा
- कैलोरी : 54•6 कैलोरी
- कैल्शियम : 33•6 मिग्रा०
- कार्बोहाइड्रेट : 50•6 मिग्रा०
- सोडियम : 4•2 मिग्रा०
- पोटेशियम : 360 मिग्रा०
- मैग्नीशियम : 14 मिग्रा०
- Vitamin K : 3•6 एमसीजी
- Vitamin C : 86•5 मिग्रा०
- Vitamin E : 1 मिग्रा०
- ओमेगा- 3 फैटी एसिड : 35 मिग्रा०
उपसंहार (Conclusion)
निश्चित तौर पपीता के बारे में (About Papaya in Hindi) पर हम कह सकते हैं कि, पपीता हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद है। यह फल देखने में भले ही छोटे लगते हैं।
परंतु औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। यह एक ऐसा Fruits है। जिसका नियमित सेवन करके हम कई बीमारियों को अलविदा कह सकते हैं।
हालांकि इसके अनियमित सेवन से हमारे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकते हैं। इसलिए हमें कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए।
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