About Taj Mahal in Hindi । ताजमहल के बारे में

About Taj Mahal in Hindi । ताजमहल के बारे में : दोस्तो, आज हमने आप सभी के लिए भारत के समस्त ऐतिहासिक इमारतों में (Historical Building in India) से एक ताजमहल पर निबंध पर (Taj Mahal par Nibandh) लिखि हूं।

इस निबंध के माध्यम से आज आप ताजमहल से जुड़े विभिन्न तथ्यों जैसे- ताजमहल (Taj Mahal Kya Hai) क्या है?, ताजमहल का इतिहास (Taj Mahal ka ithas) क्या है? आदि विषयों पर ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल कर पाएंगे।

साथ ही हमारी कोशिश रहेगी कि, मैं इस निबंध को जहां तक हो सके सरल से सरल शब्दों में लिख पाऊं। तो, आइए जानते हैं, ताजमहल के बारे में ( Essay About Taj Mahal in Hindi) कुछ अनकहे, अनसुने और अविश्वसनीय बातें।

About Taj Mahal in Hindi I ताजमहल के बारे में 

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ताजमहल न सिर्फ भारतीय ऐतिहासिक स्मारकों में एक है। बल्कि यह दुनिया के सात अजूबों (Seven Wonders of the World) में भी अपना स्थान कायम रखी है।

भारतीय ऐतिहासिक इमारतों में सबसे अधिक लोकप्रिय, यह ताजमहल प्रेम का प्रतीक माना जाता है। यह आज भी विश्व के समक्ष भारतीय वास्तुकला की अर्थात भवन निर्माण की कला की विशेषताओं को दिखाती है।

इसकी बनावट एवं इसको बनाने में की गई वस्तुओं का किस्म इतना अच्छा है कि, आज सदियों बीत जाने के बाद भी इसकी सुंदरता में कोई परिवर्तन नही आया है।

यह न सिर्फ एक एतिहासिक स्थल है। बल्कि एक पर्यटन स्थल भी है। इसे बनाने में काफी मात्रा में सफेद संगमरमर का प्रयोग किया गया। और इसी संगमरमर के कारण यह आज भी भव्य और चमकदार दिखता है।

लाखों की संख्या में विदेशी पर्यटक यहां आते हैं और इसकी सुंदरता से इतना आकर्षित हो जाते हैं कि, ताजमहल की विशेषताओं (Features of Taj Mahal) का वर्णन करते नहीं थकते है।

हमारे देश भारत को पूरी दुनिया के सामने एक अलग पहचान दिलाने वाली ताजमहल नामक इस स्मारक का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा करवाया गया था।

और खास बात तो यह है कि, ताजमहल प्राचीन मुगल राजधानी “आगरा” में ही स्थित है, जो आगरा की सुंदरता और महत्ता में चार चांद लगा देती है।

Taj Mahal Information in Hindi in 250 Words

अपनी अद्भुत और अद्वितीय वास्तुकला के लिए विश्व (World Famous Building) प्रसिद्ध इमारतों में एक, ताजमहल भारत के आगरा में स्थित है।

लाखों संख्या में विदेशी सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करने वाली है। यह ताजमहल (Essay About Taj Mahal in Hindi) मुगल सम्राटों द्वारा निर्मित लगभग सभी भवनों में सबसे अधिक लोकप्रिय है।

सफेद संगमरमर का प्रयोग किए जाने के कारण इसकी चमक कोसो दूर से ही दिखती है। हमारे भारतीय संस्कृति में होने वाली प्रेम की गहराई को यह और भी स्पष्ट रूप से उजागर करती है।

दुनिया के सात अजूबों में एक यह भी है। इसकी विशेषता का अनुमान हम इन बातों से भी लगा सकते हैं कि, एक बार इसको पास से देख लेने के बाद बार-बार इसे देखने का मन करता है।

साथ ही इसे बनाने वाला कारीगर कितना ज्यादा सिद्धहस्त होगा इसका अंदाजा भी हमें इसके सुंदरता से ही लग जाती है। जिस कारीगर ने इसे बनाया था। शाहजहां ने उनके हाथ कटवा दिए।

ताकि इसके जैसा कोई दूसरा इमारत न हो और हुआ भी यही। ताजमहल के निर्माण में न सिर्फ समय अधिक लगा बल्कि पैसे भी काफी खर्च हुए। इतना ही नहीं इसके निर्माण में न सिर्फ भारतीय कला शैली बल्कि अनेक शैलियों का प्रयोग किया गया है।

इसके शोभा को बढ़ाने में सबसे अधिक योगदान मकबरा के ऊपर बने गुंबद का है। भारत के कई महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों (Indian Famous Tourist Places) में आगरा को एक अलग पहचान दिलाने में यह किसी भी प्रकार से कोई कसर नहीं छोड़ती है।

न सिर्फ ताजमहल का बाहरी हिस्सा, ताजमहल की सुंदरता को दिखाती है। बल्कि इसके अंदर प्रवेश करने पर इसकी भव्यता और भी गहराती चली जाती है।

अंततः हम कह सकते हैं कि, निश्चित तौर पर यह भारतीय कला का अद्वितीय प्रतीक है।

Essay About the Taj Mahal in Hindi in 550 Words

ताजमहल भारत के सुप्रसिद्ध पर्यटन स्थल उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में स्थित एक ऐतिहासिक इमारत है। जो मुख्य रूप से एक मकबरा है।

भारतीय वास्तुकला की विशेषता का यह एक जीता-जागता उदाहरण पेश करता है। वैसे तो हमारी भारतीय शहरों में कई ऐसे भव्य स्मारक है। जो अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है।

परंतु इन सभी की महत्ता और लोकप्रियता को जब क्रमबद्ध तरीके से सजाया जाता है, तो उस में सबसे पहला स्थान ताजमहल का आता है।

सन 1983 ई० में इसे संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन अर्थात यूनेस्को (UNESCO) द्वारा विश्व धरोहर अर्थात विश्व का अद्वितीय स्मारक के रूप में घोषित किया गया और तब से ही इसे दुनिया के सात अजूबों में गिना जाता है।

इसे न सिर्फ भारतीय बल्कि इस्लामी, तुर्की, और फारसी आदि विभिन्न वास्तुकला शैलियों की समांयोजन से बनाया गया है। इसमें प्रयोग की गई कीमती और उत्तम प्रकार की वस्तुएं आज भी इसके भव्यता और सुंदरता को बनाई हुई है।

इस सच्चाई की पुष्टि करने हेतु हम कह सकते हैं कि, प्रकृति के घात-प्रतिघात तथा मानव की निर्मम क्रिया-कलाप को सहन करते हुए।
आज भी यह शांत, मौन साधक के भांति अविचल खड़ा है।

साथ ही अपनी अद्वितीय सौंदर्य से प्रतिवर्ष लाखों देशी और विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। इसकी गुबंद जो इसकी आकृष्टता को बढ़ाने में सबसे अधिक योगदान देती है। इसकी ऊंचाई लगभग 225 मीटर है।

इसकी भव्यता अद्भुतता और लोकप्रियता को देखते हुए ही तो हमारे भारतीय राष्ट्रीय कवि रविंद्रनाथ टैगोर ने इसेअनंत के गाल पर आंसू कहा था।” यहाँ पहुंचकर पर्यटक इसकी सुंदरता में इतनी गहराई से डूब जाते हैं। मानो उन्हें स्वर्ग मिल गया है।

यह न सिर्फ हमारे देश में बल्कि अन्य कई देशों में भी इतना अधिक लोकप्रिय है कि, जब कभी भी हमारे मन में पर्यटन का ख्याल आता है, तो ताजमहल (About Taj Mahal in Hindi) का एक झलक देखने का ख्याल जरूर आता है।

शरद की पूर्णिमा भी इसकी सौंदर्य को निखारने में कोई कमी नहीं छोड़ती है। यहां न सिर्फ साल के किसी खास महीने में बल्कि सालों भर सैलानियों का भीड़ लगी रहती है।

न सिर्फ ताजमहल के अंदर का बल्कि ताजमहल के आसपास का वातावरण भी काफी मनमोहक है। क्योंकि इसके चारों और बगीचा है। साथ ही इसके बगल में यमुना नदी बहती है। जिसके कारण यहां का वातावरण काफी स्वच्छा रहता है।

अब जहां तक बात आती है। इसके निर्माण की तो, इसका निर्माण मुगल साम्राज्य के पांचवे सम्राट शाहजहां द्वारा अपनी पत्नी मुमताज की याद में करवाया गया था। वर्तमान दौर में पर्यटकों से ताजमहल में प्रवेश करने का शुल्क लिया जाता है।

फर्क सिर्फ इतना है कि, भारतीय एवं विदेशी पर्यटकों के लिए अलग-अलग शुल्क निर्धारित किया गया है। साथ ही ताजमहल (About Taj Mahal in Hindi) प्रवेश के दौरान पर्यटकों को कुछ नियमों का भी पालन करना पड़ता है।

इतना ही नहीं यह एक ऐसे स्थान पर स्थित है। जहां लगभग सभी मार्गों से पहुंचा जा सकता है। सबसे खास बात तो यह है कि, यहां आए देशी एवं विदेशी सभी पर्यटकों के लिए कई प्रकार की सुविधाओं का भी प्रावधान किया गया है।

जिससे उन्हें किसी भी तरह की समस्याओं का सामना न करना पड़े। यह न सिर्फ भारतीय बल्कि खास तौर पर मुगलों की वास्तुकला शैली पर विशेष रूप से प्रकाश डालती है।

Long Type Taj Mahal Essay in Hindi।

विश्व प्रसिद्ध ताजमहल दुनिया के समक्ष भारत को एक अलग पहचान दिलाती है I यह न सिर्फ एक मकबरा है। बल्कि कई मायनों में इसका महत्व है। यह भारतीय संस्कृति में प्रेम की गहराई और वास्तुकला के क्षेत्र में भारतीयों की पहुंच को दर्शाती है।

इसके निर्माण को लगभग तीन शताब्दी बीत चुके हैं। परंतु आज भी यह अपनी सुंदरता बरकरार रखी है। हमारी भारतीय संस्कृति में वास्तुकला के क्षेत्र में निर्मित लगभग सभी भवनों या फिर कहे तो इमारतों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण एवं लोकप्रिय ताजमहल है।

सबसे खास बात तो यह है कि, कि दुनिया के सात अजूबों में यह अपना स्थान रखती है। दुनिया के कोने- कोने से यहां हर साल करोड़ों के तादात में विदेशी पर्यटक आते हैं।

और यहां के मनमोहक और अविश्वसनीय यादें अपने साथ ले जाते हैं। तो, आइए जानते हैं बारिकी से ताजमहल से जुड़े (Several related Points About Taj Mahal in Hindi) सभी कड़ियो के बारे में।

ताजमहल क्या है? (What is Tajmahal)। Taj Mahal Kya Hai

ताजमहल भारतीय ऐतिहासिक स्मारकों में एक महत्वपूर्ण इमारत है। जिसने अपनी अमिट भव्यता के द्वारा संसार के प्रत्येक भाग में भारत को एक अलग पहचान दिलाई है।

यह अपनी अद्वितीय विशेषता से हम भारतीयों की शान- शौकत और संस्कृति की महत्ता को दुनिया के समक्ष प्रत्यक्ष रूप से दिखाती है।वर्षों बीत जाने के बाद आज भी यह नई-नई सी दिखती है। हम भारतीयों का शान यह ताजमहल न सिर्फ एक मकबरा है।

बल्कि यह अपनी पत्नी मुमताज के प्रति शाहजहां के प्रेम को भी प्रदर्शित करती है। हर-क्षण, हर-पल लाखों करोड़ों की संख्या में पर्यटन प्रेमियों को अपनी सुंदरता से लुभाकर यह उसे अपना दीदार करा ही देती है।

काफी गहनता से अध्ययन करने के बाद जब यूनेस्को के सदस्यों को यकीन हो गया कि, वास्तव में इसकी तुलना दुनिया के किसी अन्य चीजों से नहीं की जा सकती हैं।

तब जाकर यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर के रूप में मान्यता प्रदान किया। सदियों से प्रकृति एवं मानव की चोटे और निर्मम कामों को सहन करते हुए। आज भी यह अपनी सुंदरता को निखारी हुई है।

जो इसमें प्रयुक्त अमूल्यवान वस्तुओं की मत की पुष्टि करता है। जब कभी विश्व में इमारतों की सुंदरता को क्रमबद्ध तरीके से सजाने की बात आएगी।

तो निश्चित तौर पर ताजमहल का स्थान उसमें सबसे ऊपर होगा। यह अपनी सुंदरता की एक ऐसी मिसाल पेश करती है। जिसे देखकर शायद ही कोई पर्यटक इसकी भव्यता में मुग्ध नहीं होता होगा।

शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल के नाम पर ही इस स्मारक का नाम ‘ताजमहल’ रखा। इसकी तीन दिशाओं में लगी मनोहारी पुष्प-उद्यान जहां अपनी हरियाली और सुगंध से यहां के वातावरण को सुशोभित करती है।

वहीं इसके सम्मुख अर्थात सामने यमुना की कलकल बहती धारा चारों ओर के वातावरण को शीतल बनाने में अपना पूर्ण योगदान देती है। इस प्रकार कहे तो, वास्तव में यह भारतीय कला-कौशल की अद्वितीय नमूना पेश करता है।

ताजमहल के विभिन्न भाग (Several Part of Taj Mahal)

  • ताजमहल के मकवाड़ा का एक दृश्य

लगभग 42 एकड़ जमीन में फैला, यह मकबरा समूचे ताजमहल का केंद्र बिंदु है। सफेद मार्बल अर्थात सफेद संगमरमर युक्त इस मकबरे के ऊपरी भाग में बनी विशाल गुंबद इसकी सुंदरी को बढ़ाने में अपनी मुख्य भूमिका अदा करती है।

इस मकबरे का आकार वर्गाकार है। जिसकी प्रत्येक किनारे 55 मीटर है। इतना ही नहीं इसके चार दिवार स्मारक की चौखट बनती नजर आती है। चारों ओर से बगीचा से घिरा, यह मकबरा अष्टकोण वाली है।

सबसे खास बात तो यह है कि, इसके बीच चार किनारों की दीवारों की अपेक्षा इसके 8 कोणों की दीवारें अधिक बड़ी है।

  • ताजमहल का गुबंद

ताजमहल के सबसे सुंदर भागों में एक यह गुबंद मुमताज महल के मकबरे के ठीक ऊपर बनी है। जहां तक इसके आकार की बात है।
तो, आमतौर पर इसकी तुलना प्याज के आकार से की जाती है।

इसके बेलनाकार आधार की ऊंचाई 7 मीटर है। सफेद संगमरमर से निर्मित इस गुंबद के चारों और मुसलमानों के धार्मिक ग्रंथ ‘कुरान’ की आयतें अंकित है। साथ ही गुंबद की पच्चीसकारी भी वास्तव में अद्भुत है।

इतना ही नहीं इस गुंबद के नीचे तहखाने में शाहजहां और मुमताज की समाधियों को देखकर अनायास ही दर्शकों का हृदय कोमल भावनाओं से द्रवित हो उठता है। और मुगल सम्राट शाहजहां के अमर प्रेम की ताजा हो जाती है।

  • छतरियों का एक झलक

मुमताज महल के मकबरे पर रोशनी देने एवं गुंबद को सहारा प्रदान करने के लिए गुंबद के चारों ओर से गुंबद के आकार का ही छतरियां बनी हुई है। जो काफी शोभनीय दिखती है।

  • कलश का सौंदर्य

गुंबद के ऊपरी भाग अर्थात शीर्ष भाग पर स्थापित इस कलश पर सोने का पानी चढ़ाया गया है। जबकि इसके निर्माण में कांस्य का प्रयोग किया गया है।

कलश पर निर्मित चंद्रमा का स्वरूप जिसकी ऊपरी हिस्सा स्वर्ग की ओर अपना इशारा करती है। इतना ही नहीं इस कलश में एक त्रिशूल की आकृति बनती है।

जो हिंदू धर्म के देवता शिव का चिन्ह है। इस त्रिशूल की आकृति कलश की नोक और चंद्रमा की आकृति के मिलने से निर्मित होती है।

  • चार मीनार या मीनार की शोभा

40 मीटर की ऊंचाई वाले यह विशाल गगनचुंबी चार-मीनार ताजमहल के चारों कोने पर स्थित है। इस चार-मिनार को इतनी रोचक ढंग से निर्मित किया गया है। जिसे देखने पर थोड़ी सी बाहर की ओर झुकी नजर आती है।

सबसे खास बात तो यह है कि, इन मीनारों के मध्य में ताजमहल की गुंबद स्थित है। इस चार-मीनार का निर्माण मुख्य रूप से ताजमहल की इमारत को किसी भी तरह कि नुकसान न पहुंचे इस सोच से बनाई गई है।

  • ताजमहल के लेख

ताजमहल में प्रविष्ट होने से पूर्व सबसे पहले दर्शकों को एक विशाल लाल पत्थर द्वारा निर्मित प्रवेशद्वार मिलता है। इमारत की सीमा-रेखा पर निर्मित यह दीवार यथेष्ट ऊंची और दृढ़ है। जहां पहुंचने के बाद एक अलग शांति का अहसास या फिर कहे तो अनुभूति होती है।

काफी सुंदर अक्षरों में इस पर लिखा है। “हे आत्मा! तू ईश्वर के पास विश्राम कर, ईश्वर के पास शांति के साथ रह तथा उसकी पूर्ण शांति तुझ पर बरसे।” कुरान में मौजूद कई सूरा ताजमहल पर लिखे गए इस लेख में वर्णित है।

फारसी लिपिक “अमानत खां” को इस लेख का श्रेय दिया जाता है। सबसे खास बात तो यह है कि, इस सुरा में ‘कुरान’ की कई आयतें मौजूद है।

ताजमहल की बाहरी सुंदरता (External Beautines of Taj Mahal)

इन बातों से तो आप पहले ही अवगत हो चुके हैं कि, न सिर्फ ताजमहल की आंतरिक सुंदरता लोगों को अपनी ओर आकृष्ट करती है।
बल्कि बाहरी सुंदरता भी ताजमहल नामक इस इमारत को भव्यता प्रदान करने के लिए हमेशा तत्पर रहती है।

तो, आइए इसकी कुछ बाहरी शोभनीय तथ्यों के बारे में जानने की कोशिश करते हैं। जब हम ताजमहल की ओर बढ़ते हैं। तो, हमें ताजमहल के काफी निकट एक सुंदर सा अजायब-घर मिलता है। जिसमें मुगल बादशाहों के अस्त्र-शस्त्र प्रदर्शित हैं।

प्रमुख प्रवेश द्वार पर एक चौड़ा मार्ग बना हुआ है। इस मार्ग के दोनों ओर सघन हरे-भरे वृक्ष है। साथ ही इस मार्ग के दोनों और सुंदर फव्वारे बने हुए हैं। जिसमें से हमेशा पानी झरता रहता है।

इन फव्वारों के निकट दूर्वा-चल अक्सर पर्यटकों के मन को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। कुछ दूर आगे बढ़ने पर एक सुंदर तालाब दिखाई पड़ता है। इस तालाब में मछलियां हमेशा क्रीड़ा करती रहती है और नेत्रों को सुख देने वाली कमल खिले रहते हैं।

सरोवर के जल में लहराती पत्तियां और विकसित कमलो की शोभा वास्तव में दर्शनीय होती है। इस स्थान पर संगमरमर की श्वेत शिलाओं पर बैठकर यहां की अपूर्व छटा देखी जा सकती है।

पूर्णचंद्र के धवल प्रकाश में ताजमहल की संगमरमर युक्त श्वेत दीवारें ऐसी प्रतीत होती है। मानो शीशे की बनी हुई है। ताजमहल के सम्मुख बहती हुई यमुना की श्यामल जलधारा पर थिरकती हुई ज्योत्स्ना अपूर्व दृश्य उपस्थित करती है।

इस प्रकार अगर हम कहें कि, ताजमहल (About Taj Mahal in Hindi) का यह बाहरी सौंदर्य हमें स्वर्ग का एहसास कराती है। तो, हमारे ख्याल से शायद कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।

History of Taj Mahal in Hindi। ताजमहल का इतिहास

दुनिया के सात अजूबों में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान ग्रहण करने वाली ताजमहल नामक इस इमारत के बारे में कई ऐसे तथ्य हैं। जिसे जानने के लिए हमें काफी उत्सुकता रहती है।

तो, आइए उन्हीं तथ्यों में से एक है कि, ताजमहल का निर्माण किसने करवाया या फिर ताजमहल को किसने बनाया (Taj Mahal Kisne Banaya) था? अर्थात ताजमहल का इतिहास क्या है? जिसके विषय में आज हम गहनता से जान पाएंगे।

मुगलकालीन इतिहास में अपनी राजनीतिक कुशलता एवं महानता के कारण अपना प्रमुख स्थान रखने वाले पांचवा बादशाह शाहजहां ने भारत पर कई वर्षों तक शासन किया I

अपने शासनकाल के दौरान उन्होंने भारत में अनेक ऐतिहासिक इमारत बनवाया। इसका प्रमुख कारण यह है कि वे स्थापत्य कला के साथ ही साथ वास्तुकला में काफी रुचि रखते थे।

उनके द्वारा निर्माण करवाए गए समस्त इमारतों में सबसे अधिक प्रसिद्धि ताजमहल को ही मिला। दुनिया भर में अपना खूबसूरती का मिशाल पेश करने वाली यह इमारत आज शाहजहाँ की स्थापत्य कला एवं अपनी पत्नी के प्रति प्रेम की गहराई को दर्शाता है।

खासकर ताजमहल के निर्माण के कारण की वास्तविकता को जब हम जाने का प्रयास करते हैं।

तो, हमें पता चलता है कि, शाहजहां जो खुर्रम (उपनाम) के नाम से भी प्रसिद्ध है। सन 1612 ई० में परसिया देश की राजकुमारी अरजुमंद बानो बेगम अर्थात मुमताज महल की सौंदर्य से आकर्षित होकर।

उससे निकाह किए और उन्हें अपनी 13वीं पत्नी के रूप में स्वीकार किए। सबसे बड़ी बात तो यह है कि, मुमताज शाहजहां की सबसे चहेती पत्नी रही। साथ ही खुर्रम भी से अटूट प्रेम करते थे।

परंतु से 34 वर्ष की आयु में ही अपनी 14वीं संतान जिसका नाम गौहरा बेगम रखा गया के जन्म के दौरान सन 1631 ईसवी में उसकी मृत्यु हो गई। जिससे कुछ समय के लिए बादशाह काफी हताश हुए।

और अपनी पत्नी की याद को अमर बनाने के लिए ताजमहल बनाने की घोषणा आधिकारिक रूप से उन्होंने 1631 ई० में ही किया।
तत्पश्चात इसका निर्माण कार्य 1632 ई० में प्रारंभ हुआ।

इसे बनाने में करीब 20000 कारीगरों ने “उस्ताद अहमद लाहौरी” जो एक मुगल काल के सिद्धहस्त शिल्पकार थे, के निर्देश में काम किया। साथ ही इसके निर्माण में लगभग 700 करोड़ रुपए का खर्च आया।

आज की तुलना में जिसकी कीमत 52•8 अरब रुपया है। इसके निर्माण में न सिर्फ काफी रुपए लगे। बल्कि लगभग 21 वर्ष का समय भी लगा, जो काफी लंबा समय था।

अंततः 1653 ईस्वी में संपूर्ण ताजमहल (About Taj Mahal in Hindi) का निर्माण कार्य पूरा हुआ। और यह ताजमहल आज भी शाहजहां और मुमताज के प्रेम कहानी को दुनिया के समक्ष उपस्थित करती है।

ताजमहल कहाँ है? ( Where is Taj Mahal)। Taj Mahal Kaha Hai ?

ताजमहल भारत की सबसे लंबी नदी गंगा के उपनदी यमुना के तट पर बसा है, जो आगरा में है। ताजमहल के कारण संपूर्ण विश्व में अपना प्रसिद्धि प्राप्त करने वाले यह आगरा नामक शहर उत्तर प्रदेश का सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के रूप में गिना जाता है।

साथ ही यह यूपी का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। जब हम आगरा नामक इस शहर के इतिहास के बारे (History of Agara in Hindi) में जानने की कोशिश करते हैं।

तो हमें पता चलता है कि, 1506 ई० में लोदी वंश के द्वितीयक शासक सिकंदर लोदी ने इस शहर को बसाया था। जिस पर 1658 ई० तक मुगल शासक का आधिपत्य रहा।

वैसे तो मुगल सम्राटों ने यहां कई इमारतों का निर्माण करवाया। जो अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है, परंतु ताजमहल उनमें सबसे प्रमुख है। जो हर वर्ष लाखों सैलानियों को अपनी ओर खींच लाती हैं। इतना ही नहीं आगरा यूपी का एक प्रमुख शिक्षा केंद्र भी है।

ताजमहल (About Taj Mahal in Hindi) के कारण दुनिया मे अपना पहचान बनाने वाली आगरा नामक यह शहर, आज आधुनिकता के इस दौर में लगभग हर क्षेत्र में समृद्धि प्राप्त करने की ओर अग्रसर है।

ताजमहल के पर्यटन का बेहतरीन समय।

जहां तक बात ताजमहल के सैर के लिए अच्छे से अच्छे समय की बात आती है। तो आमतौर पर हम कह सकते हैं कि, सामान्यत: सभी मौसम में इसका सैर किया जा सकता है।

परंतु अगर किसी खास मौसम की बात की जाए। तो, हमारे ख्याल से शायद हल्की शरद और वसंत का समय इसके पर्यटन में चार चांद लगा देती है।

ताजमहल के पर्यटन के लिए निर्धारित कुछ समय और नियम

सप्ताह के 7 दिनों में सिर्फ शुक्रवार को ताजमहल की सैर करने की अनुमति नहीं है। लेकिन शुक्रवार के अलावा सभी दिन सुबह 6:00 बजे से लेकर शाम के 7:00 बजे तक खुला रहता है।

शुक्रवार को ताजमहल में सैलानियों के प्रवेश पर पाबंदी लगा रहता है। इसका प्रमुख कारण यह है कि, प्रत्येक शुक्रवार ताजमहल परिसर में दोपहर के 12:00 बजे से 2:00 बजे तक प्रार्थना होती है।

साथ ही ताजमहल में प्रवेश के समय कुछ जरूरी सामान यथा- मोबाइल फोन , पानी की बोतल, स्टील कैमरा, आदि ही ले जाने की इजाजत होती है।

इतना ही नहीं ताजमहल में देशी एवं विदेशी सैलानियों के प्रवेश के लिए कुछ प्रवेश शुल्क भी निर्धारित किए गए हैं।

दुनिया के सात अजूबों में ताजमहल

स्विट्जरलैंड के न्यू वंडर्स फाउंडेशन द्वारा वर्ष 2000 से 2007 के दौरान विश्व के लगभग 200 ऐतिहासिक इमारतों का सर्वेक्षण किया गया। जिसमें दुनिया के लगभग 10 करोड़ लोगों ने भाग लिया।

इस सर्वेक्षण के परिणाम के आधार पर वर्ष 2007 में ताजमहल की अद्वितीयता को देखते हुए। ताजमहल (About Taj Mahal in Hindi) को दुनिया के सात अजूबों में सम्मिलित किया गया।
उपसंहार (Conclusion)

अंततः अगर हम कहें कि, वास्तव में ताजमहल विश्व के उत्कृष्ट रचना है। तो शायद कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। इसके अनुपम शोभा को देखकर न सिर्फ भारतीय बल्कि विदेशी भी इसकी भव्यता में डूब जाते हैं।

निश्चित तौर पर हम कह सकते हैं कि, इस संसार में जब तक यह अद्भुत इमारत विद्वान है। तब तक मध्यकालीन भारतीय वास्तुकला और कारीगर का गौरव भी सुरक्षित रहेगा।

10 Lines on Taj Mahal in Hindi। ताजमहल से सम्बंधित दस महत्वपूर्ण बाते

  • ताजमहल के निर्माण हेतु लगभग 8 देशों से सामान मंगाया गया था।
  • लाल पत्थरों से निर्मित काफी विशाल ताजमहल का द्वार “बुलंद दरवाजा” के नाम से प्रसिद्ध है।
  • लगभग 1500 हाथियों ने इसके निर्माण के समय सामान ढोने के लिए अपना सहयोग दिया।
  • इसके चार-बाग अर्थात बगीचों की लंबाई 300 मीटर है।
  • वर्ष 2007 में इसे विश्व-धरोहर के रूप में मान्यता मिली।
  • इसके निर्माण में कुल 21 वर्षों का समय लगा।
  • करीब 700 करोड़ इसकी निर्माण लागत आयी थी।
  • सन 1653 ई० में इसका निर्माण कार्य पूरा हुआ।
  • विदेशी सैलानियों के लिए ₹750 प्रवेश शुल्क निर्धारित है।
  • इसके निर्माण में सफेद संगमरमर का प्रयोग किया गया है।

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