Tiger in Hindi/ About Tiger in Hindi । बाघ के बारे में

Tiger in Hindi/ About Tiger in Hindi । बाघ के बारे में : दोस्तों, आज मैं कक्षा 1 से 12 तक के सभी विद्यार्थीयों के लिए काफी सरल शब्दों में बाघ पर निबंध (Tiger Par Nibandh) लिखी हूँ।

मैं इस आर्टिकल अर्थात ‘Tiger in Hindi/ About Tiger in Hindi’ के माध्यम से आप सभी को बाघ के बारे में संपूर्ण जानकारी देने का प्रयास करूंगी।

तो चलिए चलते हैं अपनी मुद्दो की ओर, और जानते हैं बाघ के बारे में (About Tiger in Hindi) कुछ रोचक, अनसुने और रहस्यमयी बातें।

Tiger in Hindi/ About Tiger in Hindi । बाघ के बारे में 

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बाघ एक बहुत ही हिंसक जंगली जानवर है। यह भारत का राष्ट्रीय पशु है। बाघ अपनी स्फूर्तता, ताकत और चंचलता के कारण दुनिया भर में प्रसिद्ध है।

वैसे तो बाघ को बिल्ली का ही एक प्रजाति माना जाता है। इसका वैज्ञानिक नामपैंथेरा टाइग्रिस’ है। यह विभिन्न रंगों में पाया जाता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बाघ के शरीर का रंग चाहे जैसा भी हो, परंतु उसके पेट के नीचे का भाग का रंग हमेशा सफेद होता है।

आज वर्तमान समय में वैश्विक स्तर पर बाघों की संख्या काफी कम रह गई है। इस कारण बाघ को दुर्लभ प्रजाति के सूची में रखा गया है।इतना ही नहीं बल्कि विश्व के कई देशों में बाघ विलुप्त हो चुके हैं।

इसका कारण जंगलों का कटाव और बाघों के लिए उपयुक्त परिस्थिति का अभाव है। इस हिंसक जानवर का आकार 7 से 10 फीट लंबा होता है। साथ ही साथ इस का वजन लगभग 230-250kg होता है।

दुनिया भर में आज बाघ के संरक्षण के लिए अनेंको टाइगर रिजर्व बनाए गए हैं। भारत में भी बाघों की संख्या कम है।

Information of Tiger in Hindi in 250 Words

बाघ एक निर्दयी और आदमखोर जानवर है। यह एक मांसाहारी पशु है। यह अपने शिकार को कभी जिंदा नहीं छोड़ता है। बाघ बहुत ही ताकतवर होता है।

इसके मांसों की संरचना काफी मजबूत होती है। जिस कारण यह काफी तेज दौड़ सकता है, इसके साथ ही यह लंबा छलांग भी मार सकता है। वैसे तो बाघ दिखने में काफी शांत स्वभाव का लगता है, परंतु यह बहुत ही हिंसक होता है।

बाघ के भय से संपूर्ण जंगली जानवर और मनुष्य तक भयभीत रहते हैं। यही कारण है कि बाघों को जंगल का देवता अथवा भगवान माना जाता है। बाघ हमारे पारिस्थितिक तंत्र के लिए बहुत ही आवश्यक है।

बाघ के ताकत और शक्ति का अंदाजा हम इस बात से लगा सकते हैं कि यह विशालकाय हाथी और जिराफ जैसे जानवर को भी अपना शिकार बना लेता है। वास्तव में यह काफी खूंखार जानवर होता है।

भारत में बाघों की संख्या (number of tiger in india) में पिछले कुछ समय से निरंतर वृद्धि देखने को मिल रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में विश्व का लगभग आधा बाघ पाया जाता है।

भारत में अधिकांशतः बाघ पश्चिम बंगाल के सुन्दर वन क्षेत्र में पाया जाता है। जिसेरॉयल बंगाल टाइगर’ के नाम से जाना जाता है।खास बात तो यह है कि रॉयल बंगाल टाइगर का उद्भव स्थल भारत को ही माना जाता है।

दुनिया भर में बाघ की कई प्रजातियां पाई जाती है। भारत में एकमात्र प्रजाति रॉयल बंगाल टाइगर पाया जाता है। जो अपने शाही अंदाज के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है।

Essay on Tiger in Hindi in 350 Words

बाघ अपनी खूंखार और हिंसक व्यवहार के कारण दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यह एक स्तनधारी मांसाहारी जानवर है। जो बच्चे को जन्म देती है और दूध पिलाती है। बाघ कई रंगों में पाया जाता है, जैसे- नीला, सफेद और काले रंगों की धारियों के साथ नारंगी रंग में।

भारत सरकार द्वारा बाघ को राष्ट्रीय पशु के रूप में अपनाया गया है। बाघ का वैज्ञानिक नाम (scientific name for tiger) पैंथेरा टाइग्रिस होता है। वैसे मादा बाघ नर बाघ से लंबाई में थोड़ी छोटी होती है।

बाघों के बारे में सबसे रोचक बात तो यह है कि इनके सभी जातियों का आकार और वजन अलग अलग होता है। आज दुनिया भर में ‘साइबेरियन टाइगर’ को सबसे लंबा और बड़ा माना जाता है।

जहां तक टाइगर की उत्पत्ति की बात है तो बंगाल टाइगर का उत्पत्ति स्थल साइबेरिया को माना जाता है। परंतु गर्म मौसम के कारण वह वहां से पलायन कर दक्षिण में आ गए।

इसीलिए वर्तमान समय में रॉयल बंगाल टाइगर का प्राकृतिक विरासत भारत को ही माना जाता है। मनुष्यों द्वारा विभिन्न उद्देश्य की पूर्ति हेतु बाघों का निरंतर अंधाधुंध शिकार किए जाने की वजह से आज बाघ विश्व भर में विलुप्त प्रजाति के रूप में गिना जाता है।

भारत में भी स्वतंत्रता के बाद बाघों का शिकार अंधाधुन किया जाने लगा था। परंतु भारत सरकार द्वारा अप्रैल 1973 में ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ नामक अभियान को शुरू किया गया था।

जिसका मुख्य उद्देश्य भारत में बाघ के शिकार को रोकना और उनकी संख्या में वृद्धि करने हेतु विभिन्न लाभकारी कदम को उठाना था। बाघों के विलुप्त होने का एक कारण वनों के उन्मूलन को भी माना जाता है।

भारत में बाघों का आश्रय स्थल आमतौर पर सुंदरवन क्षेत्र अर्थात पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, असम, मध्य भारत इत्यादि है। दुनिया भर में रॉयल बंगाल टाइगर अपनी सुंदर और आकर्षक शरीर के लिए प्रसिद्ध है।

यह लगभग 85 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ लगा सकता है और लगभग 7 फीट लंबा छलांग भी मार सकता है। बाघ लगभग संपूर्ण एशिया, रूस इत्यादि देशों में पाया जाता है।

Tiger Eassy in Hindi in 550 Words । बाघ पर निबंध

बाघ एक शाही जानवर है I इसीलिए तो इसे भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया है। दुनिया भर में बाघों के कई प्रजातियां मौजूद हैं। जो अलग-अलग भागों में अलग-अलग रंगों में और अलग-अलग आकार और वजनों में पाए जाते हैं।

वैसे बाघ के 8 प्रजातियां हैं। जिनमें 3 प्रजातियां विलुप्त हो चुकी है। बाघ के मौजूदा उपलब्ध प्रजातियां बंगाल टाइगर, इंडो-चाइनीस बाघ, दक्षिणी-चीनी बाघ, मलयान बाघ, सुमनत्रन बाघ, साइबेरियन बाघ है।

जहां तक विलुप्त प्रजातियों की बात है तो वह है ,जवन टाइगर, कैस्पियन टाइगर और बाली टाइगर। इन सब में भारत में रॉयल बंगाल टाइगर पाया जाता है। जो बहुत ही खूबसूरत होता है।

आमतौर पर बाघ भारत में पश्चिम बंगाल ,त्रिपुरा ,असम और मघ्य भारत के सुंदरवन क्षेत्रों में पाया जाता है। बाघ अनेक रंगों में पाए जाते हैं। जैसे- नीला ,सफेद ,शरीर पर काली धारियों में इत्यादि।

बाघों के शरीर के रंग (colour of Tiger) भले ही अलग हो परंतु उनके पेट के नीचे का भाग एक समान सफेद होता है। बाघ बिल्ली के परिवार का सबसे बड़ा सदस्य माना जाता है।

जहां तक बाघों की वजन और आकार की बात है तो इसका वजन लगभग 230- 250 kg के बीच होता है और इसका आकार लगभग 7 से 10 फीट लंबा होता है।

बाघों के बारे में सबसे खास बात तो यह है कि यह स्तनधारी जीव है ,क्योंकि यह बच्चे को जन्म देती है और उन्हें दूध पिलाती है। मादा बाघ की गर्भावस्था की अवधि 95 से 112 दिन का होता है।

इतना ही नहीं बल्कि बाघ एक बार में 1 से 5 बच्चे को जन्म देती है। जहां तक बाघ के बच्चे के परिपक्व होने की बात है तो नर बाघ 4 से 5 साल में परिपक्व हो जाता है , इसके विपरीत मादा बाघ 3 से 4 सालों में ही परिपक्व हो जाती है।

बाघ का औसतन आयु काल 20 से 22 वर्ष माना जाता है। बाघ अपने गद्देदार पंजों के कारण काफी लंबा छलांग मार सकता है और तेज दौड़ भी सकता है।

बाघ औसत रूप से 85 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ लगा सकता है और लगभग 7 फीट तक छलांग लगा सकता है। यह काफी ताकतवर और फुर्तीला जानवर होता है।

इसके मजबूत दाँत, जबड़े और तेज पंजों से किसी भी शिकार का बच पाना लगभग नामुमकिन होता है। इसकी लंबी पूछ दौड़ने के दौरान इनके शरीर का संतुलन बनाए रखता है। बाघ अपने से कई गुना भारी और बड़े जानवर का भी शिकार कर सकता है।

जैसे- जिराफ, हाथी, भैंस इत्यादि। यह एक आदमखोर जानवर है। भारत में बाघ का महत्व इस बात से लगा सकते हैं कि बाघ का चित्र नोटों और डाक टिकटों पर चित्रित किया गया है।

सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि भारत में विश्व का लगभग आधा बाघ पाया जाता है। इसका कारण यह हैं कि  भारत सरकार द्वारा बाघों के संरक्षण हेतु चलाए जाने वाले विभिन्न संरक्षण योजना है।

Long Type Eassy on Tiger in Hindi

बाघ बिल्ली के प्रजाति का ही एक सदस्य है। इसका वैज्ञानिक नाम पैंथेरा टाइग्रिस है। यह काफी ताकतवर, फुर्तीला और हिंसक जानवर है।यही कारण है कि बाघ को जंगल का भगवान माना जाता है। इसके शरीर की मांसपेशियां काफी मजबूत होती है।

साथ ही इसके पंजे गद्देदार होते हैं। जिस कारण यह काफी तेज दौड़ सकता है और लंबा छलांग भी मार सकता है। यह विभिन्न रंगों और आकारों में पाया जाता है। इतना ही नहीं बल्कि बाघ काफी शक्तिशाली होता है। यह अपने से बड़े जानवर का भी शिकार कर सकता है।

यह एक दुर्लभ जीव है। इतना ही नहीं बल्कि बाघों की कुछ प्रजातियां विलुप्त भी हो चुकी है। वर्तमान समय में बाघ विश्व के कम ही देशों में पाया जाता है। भारत बाघ का सबसे प्रमुख आश्रय स्थल है, क्योंकि यहां का वातावरण बाघ के अनुकूल है

सबसे प्रमुख बात तो यह है कि यह एक स्तनधारी मांसाहारी जीव है। नर बाघ मादा बाघ से थोड़ा बड़ा होता है। वास्तव में बाघ एक खूंखार शिकारी जीव है। भारत सरकार द्वारा बाघ को राष्ट्रीय पशु का दर्जा प्रदान किया गया है।

भारत में बाघों का महत्व का पता इस बात से चलता है कि भारत में बाघों के तस्वीरों को नोटों और डाक टिकटों इत्यादि जगहों पर लगाया गया है।

बाघ के शरीर की संरचना (Body Structure of Tiger)

यह तो हम सभी जानते हैं कि, बाघ काफी ताकतवर और तेजतर्रार जानवर होता है। इसको चार पैर, दो आंख ,दो कान ,एक नाक ,एक मुँह और एक लंबी पूछ होती है। बाघों की मांसपेशियां काफी मजबूत होती है।

बाघों की पूंछ की विशेषता यह है कि, जब बाघ अपने शिकार के पीछे दौड़ लगाता है तो पूछ उनके शरीर का संतुलन बनाए रखता है। इनके पंजे गद्देदार होते हैं। जिसकी मदद से यह तेज दौड़ सकता है साथ ही लंबा छलांग भी मार सकता है।

बाघ औसत रूप से 85 किलोमीटर प्रति घंटा की तेज गति से दौड़ और लगभग 7 फीट लंबा छलांग भी मार सकता है। इनके तेज दांत, जबड़े और पंजों से किसी भी शिकार का बचना असंभव होता है। यह इतना ताकतवर होता है कि अपने से बड़े और वजनदार जानवर का भी शिकार कर सकता है।

बाघ का दिनचर्या (Daily Routine of Tiger)   

साधारणतः बाघ का दिनचर्या काफी आरामदायक होता है। बाघ मुख्य रूप से दिन में सोता है और रात में शिकार करता है। बाघ दिन में जंगल का शेर करता है और अपने शिकार को ढूंढता रहता है।

वैसे माना जाता है कि बाघ 24 घंटे में सिर्फ 1 या 2 घंटे ही शिकार करता है। परंतु फिर भी बाघ के भय से जंगल हमेशा भयभीत रहता है। इसीलिए तो बाघ को जंगल का भगवान कहा जाता है।

साथ ही बाघ किसी भी देश के जंगल का जंगली धन का प्रतीक माना जाता है। वास्तव में बाघ का दिनचर्या काफी आरामदायक होता है। बाघ दिखने में तो शांत स्वभाव का होता है।

परंतु यह काफी खूंखार और हिंसक जानवर होता है। जिस के आतंक से संपूर्ण जंगल आतंकित रहता है।

बाघ का जीवनकाल (Life Span of Tiger in Hindi)

बाघ का जीवनकाल औसत रूप से 20 से 22 वर्षों का होता है। क्योंकि बाघ एक स्तनधारी जीव है। इसीलिए मादा बाघ बच्चों को दूध पिलाती है और उसे जन्म देती है। जहां तक मादा बाघ की गर्व काल की बात है तो इसका गर्भावधि 95 से 112 दिनों का होता है।

इतना ही नहीं बल्कि मादा बाघ एक बार में 1 से 5 बच्चे तक को जन्म दे सकती है। बाघ के बच्चे को शावक(cub) कहा जाता है। नर शावक आमतौर पर 4 से 5 साल में परिपक्व हो जाता है जबकि मादा शावक को परिपक्व होने में मात्र 3 से 4 साल लगते हैं।

बाघ के बच्चे की सबसे बड़ी खासियत तो यह है कि, नर शावक परिपक्व होने पर अपनी मां का क्षेत्र छोड़कर दूर चले जाते हैं। जबकि मादा शावक अपने मां के करीब ही रहती है। बाघों का जंगल में उपस्थिति जंगलों की प्रकृति को दर्शाता है।

बाघ कि प्रजाति (Species of Tiger)

दुनियाभर में बाघों की अनेक प्रजातियां पाई जाती है। जो दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में पाए जाते हैं। वैसे बाघ एक दुर्लभ प्रजाति है। साथ ही बाघों की कई प्रजातियां विलुप्त भी हो चुकी है। वैसे विश्व में बाघों के 8 प्रजातियां पाई जाती हैं।

जिनमें भारत में पाए जाने वाला एक मात्र प्रजाति रॉयल बंगाल टाइगर है। जी भारत के उत्तरी पश्चिम भाग को छोड़कर संपूर्ण देश में पाया जाता है। भारत में बाघ मुख्य रूप से सुंदरवन क्षेत्र में पाया जाता है। दुनिया में पाए जाने वाले बाघ की जीवित प्रजातियां है।

बंगाल टाइगर, सुमनत्रन बाघ, इंडो-चाइनीज बाघ, मलयान टाइगर, दक्षिणी-चीनी टाइगर, साइबेरियन बाघ। जहां तक बाघों की विलुप्त प्रजाति की बात है तो, वे है, जवन टाइगर, कैस्पियन टाइगर और बाली टाइगर।

बाघों के यह सभी प्रजातियां एशिया के विभिन्न देशों जैसे : भारत, बांग्लादेश, कंबोडिया, चीन, म्यांमार, इंडोनेशिया, थाईलैंड, वियतनाम, नेपाल, भूटान, मलेशिया, लाओस और साथ ही रूस में भी पाया जाता है। बाघों की साइबेरियन प्रजाति मुख्य रूप से ठंड इलाकों में पाए जाते हैं।

जबकि भारत में पाए जाने वाले रॉयल बंगाल टाइगर मुख्य रूप से सुंदरवन के डेल्टा और नदी के किनारे रहते हैं। इतना ही नहीं बल्कि इनकी सबसे बड़ी खासियत तो यह है कि यह तैरना जानते हैं।

भारत में बाघ का महत्व (Imoprtance of Tiger in India)

भारत में बाघ का महत्व बहुत ही ज्यादा है। इनकी ताकत ,शक्ति और चंचलता के कारण ही इसे भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पशु के रूप में स्वीकार किया गया है।

भारतीय संस्कृति में बाघ का महत्व का अंदाजा हम इस बात से लगा सकते हैं कि, रॉयल बंगाल टाइगर की तस्वीर को भारत सरकार द्वारा डाक टिकटों और नोटों पर भी लगाया गया है।

भारतीय धार्मिक संस्कृति में भी बाघों का विशेष महत्व है, क्योंकि बाघ मां दुर्गा की सवारी करता है। इस कारण इसका महत्व बहुत ही ज्यादा है।

निष्कर्ष (Conclusion)

उपयुक्त बातों को ध्यान में रखते हुए अंततः हम कह सकते हैं कि, बाध पारिस्थिति तंत्र का बहुत ही महत्वपूर्ण घटक है। हमें इसका संरक्षण करना चाहिए। वास्तव में भारतीय संस्कृति में बाघ का महत्वपूर्ण स्थान है।

प्रोजेक्ट टाइगर क्या है? (What is Project Tiger) 

प्रोजेक्ट टाइगर बाघों के संरक्षण से संबंधित है। इस अभियान को भारत सरकार द्वारा अप्रैल 1973 में शुरू किया गया था। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भारत में बाघों का संरक्षण, प्रजनन द्वारा उनकी संख्या में वृद्धि और बाघों के शिकार को रोकना था।

भारत सरकार द्वारा इस अभियान का शुरुआत विलुप्त हो रहे बाघों को बचाने के लिए किया गया था। इस अभियान के तहत पूरे देश में बाघों के लिए अनुकूलित पर्यावरण और सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए।

इतना ही नहीं इस अभियान में पूरे भारत में 23 बाघ अभ्यारण बनाए गए। बाद में इस अभियान का परिणाम सुखद रहा है। इससे भारत में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है और शिकार भी बहुत हद तक रुक गया है।

इस अभियान में केंद्र सरकार ने बहुत धन व्यय किए हैं। भारत सरकार द्वारा बाघों (Tiger in Hindi/ About Tiger in Hindi) के संरक्षण की दिशा में उठाया गया यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

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