Essay on Importance of Tree in Hindi । पेड़ का महत्व पर निबंध

पेड़ का महत्व पर निबंध । Essay on Importance of Tree in Hindi : दोस्तों, आज मैं एक ऐसे महत्वपूर्ण Topic के बारे में लिखने जा रही हूं। जिसके ह्वास के कारण न सिर्फ भारत बल्कि संपूर्ण विश्व कई समस्याओं के जाल से घिर चुकी हैं, जो है : importance of tree अर्थात पेड़-पौधो का महत्व पर निबंध।

आज आप इस निबंध के माध्यम से यह जान पाएंगे कि, हमारे जीवन में पेड़ का क्या महत्व है? इसके ह्वास से हमें कौन-कौन सी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है? इन समस्याओं से हमें कैसे बचना चाहिए आदि। तो आइए चलते हैं अपने विषय की ओर।

Essay on Tree in Hindi in 100 Words

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पेड़ सदियों से हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा रहा है। प्रकृति ने इसे हम सभी को उपहार स्वरूप प्रदान किया है। पेड़ हमारे जीवन का प्रमुख आधार है। यह हमारे जीवन में इतना महत्वपूर्ण होती है कि, इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।

क्योंकि यही एक ऐसा चीज है जो हमें ऑक्सीजन प्रदान करती है। यह न सिर्फ हमें ऑक्सीजन प्रदान करती है। बल्कि और भी कई चीजें देती हैं। हमारे आवश्यकता की लगभग अधिकांश वस्तुएं हमें पौधों से ही प्राप्त होती है। पेड़-पौधे न सिर्फ हमारे लिए बल्कि पशु पक्षियों के लिए भी उतना ही मायने रखता है।

जितना हमारे लिए लगभग अधिकांश पशु-पक्षियों का आवास और भोजन का प्रमुख आधार तो पेड़-पौधे (Essay on Importance of Tree in Hindi) ही होते हैं। परंतु आज के मानव अपने ही हाथों अपने जीवनदायी इस पेड़ पौधों की अंधाधुंध कटाई करते जाते हैं। अगर हमें अपने जीवन को बचाना है, तो पहले इसे बचाना जरूरी है।

About Tree in Hindi in 250 Words

पेड़-पौधा हम सभी मानव सहित पशु-पक्षियों के लिए भी प्रकृति द्वारा दिया गया एक अनमोल रत्न है। जो अपनी छटा से संपूर्ण पृथ्वी को हरा-भरा रखती है और हमें खुशहाली का एहसास कराती है। ये कई वर्षों से हमारी पृथ्वी पर उपस्थित है। हमारी तरह ही पेड़-पौधे भी श्वास लेते हैं। कार्बन डाइऑक्साइड जैसी विषैली गैसों को अवशोषित कर।

यह हमें ऑक्सीजन प्रदान करती हैं। प्रदूषण फैलाने वाले सभी तथ्यों को यह हमेशा समाप्त करने में लगी रहती है और वातावरण को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखती है। पृथ्वी पर रहने वाले समस्त जीव-जंतु, पशु- पक्षियों, कीट-पतंगे (कीड़े-मकोड़े) सहित मानव की लगभग सभी जरूरते पेड़-पौधों से ही पूरी होती है।

पेड़-पौधे (Essay on Importance of Tree in Hindi) से हमे अनाज, फल, फूल प्राप्त होते हैं। जिसे खाकर हम अपना जीवनयापन करते हैं। इनके लकड़ियों से हमें जलावन, कागज, रबर, फर्नीचर तथा अन्य चीजें प्राप्त होती है। जिसे हम अपने दैनिक जीवन मे उपयोग में लाते हैं। इतना ही नहीं इनके फलो, फूलों और पौधों से कई प्रकार की औषधियां भी बनाई जाती है।

जो कई खतरनाक बीमारियों को दूर करने में उपयोग में लाए जाते हैं। पेड़-पौधों की पत्तियां भूमि की उर्वरक क्षमता बढ़ाती है। जीव-जंतुओं को घर और भोजन भी पेड़ पौधों ही प्रदान करते हैं। वर्षा के दिनों में यह मिट्टी के कटाव को रोकते हैं। इन सभी बातों से यह स्पष्ट हो जाती है कि, यह हमारे लिए सच्च में बहुत ही उपयोगी है। परंतु दुखद पहलू तो यह है कि, जैसे-जैसे हम मानव आधुनिकता की ओर बढ़ते जा रहे हैं।

वैसे-वैसे पेड़ रूपी इस बहुमूल्य रत्न का विनाश करते जा रहे हैं और आज स्थिति ऐसी आ गई है कि, पृथ्वी के समस्त प्राणी सुनामी, तूफान, बाढ़ आदि जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। अतः हमें इन संकटों से निपटने के लिए वनों का संरक्षण करना अत्यंत आवश्यक के हैं और यह तभी संभव है। जब हम मानव वनो की उपयोगिता को गंभीरता से समझ पाएंगे।

Essay on Tree in Hindi in 550 Words

पृथ्वी पर निवास करने वाले समस्त जीव-जंतुओं, पशु-पक्षियों के लिए पेड़-पौधा (Essay on Importance of Tree in Hindi) प्रकृति प्रदत एक बहुमूल्य उपहार है। जो हमारी प्रत्येक काम में हर संभव हमारी मदद करता है। इसकी महत्ता को देखते हुए ही इसे हरा सोना का दर्जा भी दिया गया है।

संपूर्ण पृथ्वी के सुंदरता को बढ़ाने में पेड़-पौधे का भूमिका महत्वपूर्ण है। जिस स्थान पर पेड़-पौधे की मात्रा संतुलित है। वहां की जलवायु कभी भी हानिकारक नहीं होती है। यह हमें जीवन जीने की सभी महत्वपूर्ण संपदा प्रदान करती है। प्राचीन समय के अपेक्षा आज हमारे देश में पेड़-पौधे का उतना सम्मान नहीं किया जाता है।

जितना कि पहले के समय में किया जाता था। इसका सबसे बड़ा कारण है पश्चिमी देशो के लोगों के रहन-सहन, वेश-भूषा को अपनाना। इतना ही नहीं, यह शहरीकरण और औद्योगीकरण ने तो आज हमारे देश की इस धरोहर को बर्बाद करके रख दी है। यह शहरीकरण का जैसे-जैसे विस्तार हो रहा है।

उसी गति में पेड़-पौधे की कटाई हो रही है और दुखः की बात तो यह है कि, इसकी भरपाई के लिए कोई सोचता ही नहीं। यही कारण है कि, आज पेड़ पौधे के ह्वास होने वाली हानियों का सामना ना सिर्फ हमें करना पड़ता है। बल्कि पृथ्वी पर रहने वाले सभी प्राणियों को इसका सामना करना पड़ रहा है।

पेड़-पौधों से होने वाले लाभ (Benefits From Tree Plants)

पेड़ पौधों की सबसे बड़ा खासियत तो यह है कि, यह पृथ्वी पर वसने वाले समस्त सजीवो के लिए ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराती है। जिसे ग्रहण कर सभी जीव जीवित रह पाते हैं। पेड़-पौधों से हमें अनाज के रूप में चावल, गेहूं, दाल आदि मिलते हैं। वही फलो और सब्जियों के रूप में अनार, सेब, संतरा, गाजर, मूली, आलू, प्याज आदि प्राप्त होते हैं।

इतना ही नहीं इससे कई प्रकार की जड़ी-बटियां भी बनाई जाती है। जो कई प्रकार की बीमारियों के इलाज में महत्वपूर्ण साबित होती है। पेड़-पौधों से कई इमारती लकड़ियों प्राप्त होती है। जिसका उपयोग कई कामो में किया जाता है। यह प्रदूषण फैलाने वाली एवं कार्बन डाइऑक्साइड जैसी जहरीली गैसों को अवशोषित कर हमें कई बीमारियों से बचाती है।

बारिश के समय में यह मिट्टी अपरदन को रोकने में मदद करती है। यह भूमि की उर्वरता  बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। क्योंकि इसके पत्तियों से जैविक खाद बनते हैं। जिसके उपयोग से फसलों की पैदावार अच्छी होती है। इस प्रकार कहे तो पेड़ पौधे समस्त जीव-जंतुओं की रक्षक होता है। परंतु आज के इस आधुनिक दौड़ में जिस तरह लोग पेड़ पौधों की कटाई कर रहे हैं।

अगर ऐसी स्थिति बनी रही तो हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। क्योंकि इसकी महत्ता को देखते हुए। किसी ने सच ही कहा है कि, “वन रहेंगे तो हम रहेंगे।” लेकिन आज के लोग तो इस वाक्य के विपरीत ही काम करते हैं। क्योंकि आज लोग अपने स्वार्थ में आकर वृक्षों को असीमित कटाई कर रहे हैं। जिससे समस्त पृथ्वी के कई भागो में पेड़-पौधे की संख्या कम पड़ गई है।

इसके कुप्रभाव के रूप में आज हमें बाढ़, सुखाड़, ग्लोबल वार्मिंग, सुनामी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए हमें लोगों को जागरूक करना चाहिए और पेड़-पौधे (Essay on Importance of Tree in Hindi) की महत्ता को समझाते हुए। उन्हें इन की कटाई से रोकना चाहिए जिससे हमारी वातावरण हमेशा सदा संतुलित रहें।

Tree in Hindi Essay in 1500 Words

परिचय (Introduction)

हमारा देश भारत अपने शुरुआती दिनों से ही प्राकृतिक रमणीयता, सुरम्यता,और वासंती वैभव के लिए विश्व में प्रसिद्ध रहा है। यहां की मनोहारी प्राकृतिक सुषमा को देख विदेशी पर्यटक, यात्री और आक्रांता इतने विमुग्ध हो जाते हैं कि, वे अपनी जन्मभूमि को भूलकर इसी स्वर्ग जैसी भारत भूमि को अपना देश समझने लग जाते हैं।

प्राचीन भारतीय इतिहास के पृष्ठ में भी ऐसी घटनाएं आज भी सन्नीहीत हैं। हिमालय की घनी वन राशि की हरीतिमा, ब्रज की सुखद छाया वाली सघन कुंजे, विंध्यांचल के वैभव पूर्ण विपिन सहसा, दर्शक के हृदय और आंखों को अपने यौवन की ओर आकर्षित कर लेते थे। क्योंकि भारतीय संस्कृति और सभ्यता में वृक्ष (Essay on Importance of Tree in Hindi) में देवत्व का आरोपण किया गया था।

उनकी पूजा की जाती थी और उनके साथ मनुष्यों की तरह आत्मीयता का व्यवहार की जाती थी। उनके सुख-दुख का ख्याल रखा जाता था। वर्षा के जलघर्षण के आघात से, शिशिर में तुषारपात से और गृष्म में सूर्यपात से उन्हें उसी प्रकार बचाया जाता था। जिस प्रकार एक मां अपने बच्चे को बचाती है। देवी- देवता की तरह पीपल के वृक्ष की पूजा अर्चना की जाती थी।

तुलसी के पौधों की पूजा उतनी ही महत्व रखती थी। जितना कि भगवदाराधना। संध्या के उपरांत किसी भी पेड़-पौधों की पत्तियों को तोड़ना निषेध था और लोग को यह कह कर पत्तियों को तोड़ने से मना कर दिया जाता था कि, पौधे अब सो रहे हैं। हरे पौधों को काटना पाप माना जाता था। लोगों की मान्यता थी कि, जो हरे वृक्षों को काटता है। उसकी संतान मर जाती है।

सूखे वृक्षों को घरेलू उपयोग के लिए भले ही काट लिए जाते थे। कदम वृक्षो को भगवान कृष्ण का प्रिय समझकर लोग इसे श्रद्धा पूर्वक प्रणाम करते थे। अशोका का वृक्ष शुभ और मंगलदायी समझा जाता था। यह था, भारत की प्राचीन सभ्यता और संस्कृति में हमारी वन संपदा का महत्व।

जहां 19वीं तथा बीसवीं शताब्दी के मध्य तक वृक्ष काटने वाले मनुष्य को अपराधी समझा जाता था। परंतु जब से यह औद्योगीकरण का नवीन वैज्ञानिक युग आया। तब से यह सारी परंपराएं पुराण-पंथी समझी जाने लगी और इसका ही परिणाम है कि, आज हम समस्त पृथ्वीवासी कई प्रकार के संकट से जूझ रहे हैं।

वृक्ष के काटे जाने के प्रमुख कारण (The main reasons for Tree pruning)

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Essay on Importance of Tree in Hindi

जनसंख्या वृद्धि के कारण लोगों के लिए आवस योग्य भूमि और कृषि योग्य भूमि की खोज शुरू हुई। जिस कारण वृक्षो और वनो को काटा गया। वहां आवास बस्तियाँ वसी कृषि योग्य भूमि को कृषि के लिए दिया गया। सघन या फिर कहे तो घने वन कुंजो का स्थान या तो किसी साम्राज्य ने ले लिया या फैक्ट्रियों ने ले लिया।

वृक्षों की निर्धनता के साथ कटाई की गई। उनसे जो भूमि प्राप्त हुई वह नई-नई औद्योगिक कारखानो की स्थापना में काम आई। बाकी जो भी बचे उसमें लोगों के लिए आवास गृह बना दिया गया या फिर कृषि के लिए दे दी गई। जिन वृक्षों की शीतल और सुखद छाया में थकारा ही विश्राम कर लेता था।

वहां अब फैक्ट्रियां हैं, उद्योग संस्थान हैं और आवास गृह हैं और पेड़ो को काटे जाने की वही सिलसिला आज भी उसी रफ्तार में जा रही है और इसका ही परिणाम है कि, भारतवर्ष की जलवायु से लेकर अन्य सभी क्षेत्रों में कई समस्याएं पैदा हो गई है।

वृक्षों के ह्वास से होने वाली हानियां (Losses due to deforestation of Tree) 

पेड़-पौधों (Essay on Importance of Tree in Hindi) की ह्वास या फिर कहे तो कमी के कारण आज ना सिर्फ भारत को बल्कि दुनिया भर की लगभग समस्त देशों को कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। जिनमें से कुछ इस प्रकार है-

  • वृक्षो के कमी के कारण खासकर आज के समय में हमारी भारतीय जलवायु में नीरसता एवं शुष्कता आ गई है। जिसके कारण वर्षा ना तो सही समय पर होती है और ना ही सही मात्रा में होती है। यही कारण है कि हमारे देश में कही लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ता है तो कहीं सुखाड़ का।
  • कई क्षेत्रो में वन कटाई के कारण भूमि का जल स्तर बहुत ही नीचे चला गया है। जिसके कारण लोगो के सामने अब ना सिर्फ सिंचाई बल्कि पीने के पानी का भी संकट पैदा हो गया है।
  • वनों की अंधाधुंध कटाई के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन होता है और चट्टानों के खिसकने से उपजाऊ मृदा बहकर दूर चली जाती है।
  • जल वायु मृदा और ध्वनी जैसे प्रदूषण में वृद्धि होने का कारण भी वनो की ही कमी है। इन प्रदूषणो के कारण आज मानव सहित पृथ्वी पर रहने वाले समस्त जीव-जंतुओं को कई प्रकार की खतरनाक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।
  • पेड़-पौधों की कटाई के कारण आज कई क्षेत्र बड़े-बड़े रेगिस्तान में तब्दील हो चुके हैं।
  • वृक्षों के कमी के कारण आज लगभग अधिकांश जगहों पर भूमि क्षरण प्रारंभ हो गया है।
  • वृक्षों की अंधाधुंध कटाई के कारण कई वन्य जीवों की प्रजातियां ही समाप्त हो गई हैं।
  • वृक्षो के कमी के कारण आज भूमि की उर्वरता कम हो गई है। जिसका परिणाम आज किसानो को भुगतना पड़ रहा है।
  • खासकर शहरों की स्थिति तो इतनी बदत्तर हो गई है कि, लोगों को अब सांस लेने में भी कठिनाइयां होने लगी है।
  • वृक्षों के ह्वास के कारण ही तो आज हमारी पृथ्वी का तापमान दिन-व-दिन बढ़ती जा रही है।
  • सुनामी, भूकंप, बाढ़, ज्वालामुखी जैसी समस्याओं का कारण भी तो पेड़-पौधे की कमी ही है।

वृक्षों से होने वाले लाभ (Benefits from the Tree)

वृक्ष या फिर कहे तो पेड़-पौधे (Essay on Imoprtance of Tree in Hindi) ना सिर्फ हमारे लिए बल्कि इस विशालमय पृथ्वी पर निवास करने वाले समस्त जीव-जंतु, पशु-पक्षियों के लिए भी बहुत उपयोगी और लाभप्रद है।

यह संसार के समस्त सजीव जगत के लिए इतने उपयोगी होते हैं कि इसके बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना करना भी नामुमकिन साबित होता है। तो आइए जानते हैं। कुछ तथ्यों के माध्यम से की पेड़-पौधे समस्त प्राणी जगत के लिए कैसे उपयोगी और लाभप्रद है।

  • पेड़-पौधे हमारे वातावरण में ऑक्सीजन उपलब्ध कराते हैं। जिसे श्वसन क्रिया द्वारा ग्रहण कर धरती के सभी प्राणी जीवित रह पाते हैं। यही कारण है कि ऑक्सीजन को प्राणवायु भी कहा जाता है।
  • पेड़-पौधे सभी प्रकार के अर्थात जल, वायु, ध्वनि आदि प्रदूषण को कम करने में भी सहायक सिद्ध होती है। क्योंकि पेड़-पौधे किसी भी प्रकार के प्रदूषणो को फैलने से रोकती है।
  • वृक्ष से हमें ना सिर्फ जलावन बल्कि कई प्रकार की मौसमी फल और सब्जियां भी प्राप्त होती है। जिसे भोजन के रूप में ग्रहण कर समस्त सजीव जगत अपना जीवनयापन करती है।
  • खासकर जंगली जानवरों और पक्षियों के लिए तो पेड़-पौधे और भी महत्वपूर्ण होते हैं। क्योंकि पशु पक्षियों का घर और भोजन प्राप्त करने का एक मात्र स्रोत होते हैं : पेड़-पौधे जिसमें ये पशु-पक्षियों रहती हैं और भोजन भी प्राप्त करती हैं।
  • पेड़-पौधे न सिर्फ जंगली पशु-पक्षियों के लिए बल्कि पालतू पशुओं के लिए भी उतनी ही उपयोगी या फिर कहे तो महत्वपूर्ण होती है। क्योंकि इन पशुओं को भी अपने भोजन का अधिकांश हिस्सा पेड़-पौधे से ही प्राप्त होती है।
  • पेड़-पौधे व्यवसायिक दृष्टिकोण से भी काफी उपयोगी है। क्योंकि कई लोग इमारती लकड़ीयाँ जैसे- शीशम, सागवान, आबनूस, साखू, चीड़, महुआ, देवदार आदि की खेती कर तो कई फसलो जैसे- पान, केला, सोयाबीन, चाय, लाख, गन्ना, चावल, गेहूं आदि की खेती कर अपनी जीवन निर्वाह करते हैं।
  • कुछ औषधीय पौधे जैसे- ब्राह्मी, तुलसी, अंकोल, अनानास, अतीश, अश्वगंधा आदि से कई प्रकार की जड़ी-बूटियां बनाई जाती है। जो कई प्रकार के खतरनाक बीमारियों के उपचार में लाए जाते हैं।
  • वृक्षों से प्राप्त होने वाली लकड़ियों से घरों की खिड़कियां, दरवाजे तथा घरेलू उपयोग में लाई जाने वाली कई प्रकार की फर्नीचर बनाई जाती है।
  • वृक्ष ही एक ऐसा माध्यम है। जिससे समस्त पृथ्वी जगत पर समय-समय पर वर्षा होती है। क्योंकि वृक्ष मानसूनी हवाओं को रोककर वर्षा कराती हैं। जिससे हमारी अन्नोत्पादन अच्छी होती है। इतना ही नहीं बल्कि यह हमे सुखाड़, मृदा अपरदन जैसी समस्याओं से भी छुटकारा दिलाती है। क्योंकि पर्याप्त मात्रा में वर्षा होने से नदिया, नहर, पोखर, तालाब और भूमिगत जल में वृद्धि होती है। जिससे सुखार की संभावना नहीं रहती है। जब कभी वर्षा का पानी वेग से पृथ्वी पर आती है। तो उसको वृक्ष स्वयं ही अपने ऊपर वहन कर लेते हैं जिससे भूमिक्षरण (कटाव) अर्थात मृदा अपरदन नहीं हो पाती है।
  • ग्रीष्मकाल अर्थात गर्मी के समय में पेड़-पौधे समस्त सजीव जगत को अपनी सुखद छाया प्रदान कर सुख और शांति का एहसास कराती है।
  • काष्ठ शिल्प के लिए तथा कागज जो आज के आधुनिक युग में सर्वाधिक प्रयोग में लाई जाने वाली वस्तुओं में से एक है। को बनाने के लिए वृक्षो से ही हमें कच्चा माल प्राप्त होता है।
  • पेड़-पौधे ही पृथ्वी के ओजोन परत को सुरक्षित रखती है। जो सूर्य से निकलने वाली पराबैगनी किरणों को पृथ्वी पर पड़ने से रोकती है।

आज आधुनिकता के इस दौर में पेड़-पौधों की हो रही अंधाधुंध कटाई को रोकने के कुछ उपाय

आज पेड़-पौधों (Essay on Importance of Tree in Hindi) की हो रही वेहिसाब या फिर कहे तो अंधाधुंध कटाई का परिणाम या दुष्प्रभाव समस्त पृथ्वी के सजीव जगत के लिए एक बहुत बड़ी समस्या बन बैठी है। इतना ही नहीं अगर समय रहते इन समस्याओं के समाधान के विषय में कोई कदम न उठाया गया।

तो एक दिन ऐसा आएगा कि, संपूर्ण पृथ्वी जगत पेड़ पौधे समाप्त हो जाएंगे तो स्वाभाविक सी बात है कि पृथ्वी पर निवास करने वाले समस्त सजीव जगत की अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगी और अगर हम धरती पर सजीव जगत के अस्तित्व को बनाए रखना चाहते हैं तो निश्चित तौर पर हमें पेड़ पौधों को बचा कर रखना पड़ेगा तो आइए जानते हैं पेड़ पौधों की हो रही हुआ को रोकने के कुछ उपाय।

  • वनो को जंगली आग, जानवरों और लकड़ी तस्करों से बचाना होगा।
  • वनो की विविधता को बनाए रखने के लिए भिन्न भिन्न प्रकार के पेड़-पौधे, झाड़ियां और लताएं लगाई जानी चाहिए।
  • अधिक से अधिक मात्रा में लोगों को पौधे लगाने के लिए जागरूक करना चाहिए।
  • सरकार को वृक्षारोपण अभियान चलाना चाहिए और लोगों को सख्ती के साथ इसका पालन करने का निर्देश देना चाहिए।
  • बेवजह पेड़-पौधों की कटाई करने वालों पर सरकारी कार्यवायी होनी चाहिए।

पेड़ो से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य (Some important facts related to the Tree)

  • भारत में करीब 150 से भी अधिक इमारती लकड़ीयो वाले वृक्ष की प्रजातियां पाई जाती है।
  • पेड़-पौधे पूरे 1 वर्ष की अवधि में करीब 260 पाउंड ऑक्सीजन उपलब्ध कराते हैं।
  • एक कार के 26000 Km चलने पर जितना प्रदूषण उत्पन्न होती है। एक पेड़ एक साल में उतना अवशोषित करता है।
  • बड़े-बड़े मकानो के अगल-बगल पेड़-पौधे रोपने से मकान 30% अधिक ठंडी रहती है।
  • 1 टन से भी ज्यादा कार्बन-डाइऑक्साइड एक पौधा अपने पूरे जीवन काल में ग्रहण कर लेता है।
  • पेड़ से हर इंसान 1 साल में 78 लाख 84 हजार का ऑक्सीजन मुफ्त में प्राप्त करता है।

उपसंहार (Conclusion)

जैसा कि हम सभी जानते हैं। पेड़-पौधे आदिकाल से ही पृथ्वी पर रहने वाले समस्त प्राणी का अभिन्न हिस्सा रहा है या फिर हम यह भी कह सकते हैं कि, वृक्ष और मानव जीवन का आदिकाल से ही अभिन्न संबंध रहा है। जो सभी प्राणी के जीवन का आधार होता है।क्योंकि जीवन के हर क्षेत्र में पेड़-पौधे ने हमारी सहायता की है।

परंतु आज उसी पेड़-पौधे की स्थिति ऐसी हो गई है कि, अब पेड़-पौधे को ढूंढनी पड़ती है। पेड़-पौधों के कमी के कारण आज न सिर्फ मानव जीवन बल्कि पशु-पक्षी भी संकट के महाजाल में फंस चुकी हैं। इस बात से तो हम सभी भली-भांति अवगत हैं कि, अगर पृथ्वी पर पेड़-पौधे का अस्तित्व रहेगा तो संपूर्ण सजीव जगत का पृथ्वी पर अस्तित्व रह पाएगा।

इसलिए इनकी रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य बनता है। हमे नैतिक शिक्षा देने वाली चीजो में से एक है- पेड़ जो मनुष्य के निराशा से भरे जीवन में आशा और धैर्य की शिक्षा देती है। क्योंकि जब मनुष्य देखता है कि, कटा हुआ वृक्ष भी कुछ दिनो बाद फिर हरा-भरा हो उठता है। तो उसकी समस्त निराशाएं शांत होकर धैर्य और साहस भरी आशाएं हरी-भरी हो उठती है।

इतना ही नहीं नैतिक शिक्षा के साथ-ही-साथ वृक्षो से हमे पर-कल्याण और परोपकार की शिक्षा भी मिलती है। क्योंकि जिस प्रकार वृक्ष अपने पैदा किए हुए फूलों को स्वयं नहीं खाते उसी प्रकार मानवो को भी दूसरो का कल्याण करने के लिए प्रेरित करती है। परंतु दुखद पहलू तो यह है कि, आज उसी पेड़-पौधे को लोग विनाश के कगार पर पहुंचाने मे लग गए हैं।

अतः अब आवश्यकता इस बात की है कि, वृक्षों (Essay on Importance of Tree in Hindi) के महत्व को हमे समझ नहीं चाहिए। और अधिक से अधिक क्षेत्रों में लोगों को इसकी महत्ता को समझाते हुए। वृक्षों को काटने से बचाने तथा नए वृक्षों को लगाने के लिए जागरूक करना चाहिए।

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