Kaju Ke Fayde । काजू के फायदे

Kaju Ke Fayde (काजू के फायदे) : Friend’s आज मैं आप सभी के लिए एक बहुत ही खास Topic लेकर आई हूं। आज के इस आर्टिकल में हम मुख्य रूप से बात करेंगे। काजू के फायदे (Benefits of Cashew Nuts in Hindi) के बारे में। साथ ही Kaju से संबंधित और भी बातों को जानने का प्रयास करेंगे। जैसे कि काजू खाने का समय (Kaju Khane Ka Time), काजू के नुकसान (Kaju Ke Nuksan), काजू का उपयोग (Uses of Cashew Nuts) आदि।

तो आइए चलते हैं, अपनी मुद्दों की ओर, और जानते हैं : काजू (Cashew Nuts in Hindi) के बारे में कुछ रोचक बातें :

Kaju Ke Fayde । काजू के फायदे

Kaju Ke Fayde, Benefits of Cashew Nuts in Hindi

Cashew Nuts जिसे हम हिंदी में काजू (Kaju) के नाम से जानते हैं। वास्तव में हमारे लिए यह काफी फायदेमंद है, क्योंकि काजू नामक इस Dry Fruits में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हमें अपने शरीर को स्वस्थ रखने हेतु अति-आवश्यक के होता है।

तो आइए सबसे पहले जानते हैं, कि काजू किस प्रकार हमें फायदा पहुंचाती है।

  • शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियंत्रित रखना। Control the Amount of Cholesterol in the Body

कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर में बनने वाले एक ऐसे पदार्थ है, जिसकी मात्रा अत्यधिक हो जाने पर हमें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन काजू एक ऐसा Dry Fruits है, जिसका नियमित सेवन हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियंत्रित रखता है।

  • कैंसर के उपचार में सहायता। Help in the Treatment of Cancer

आज के दौर में हमारे वातावरण में कई ऐसे खतरनाक बीमारियाँ पनपती जा रही है। जिसने कई घरों को काफी परेशानियों में डाल रखा है। उन्हीं में से एक है : कैंसर।

परंतु काजू के Extract में एनाकार्डिक नामक एक ऐसा Acid पाया जाता है, जो कैंसर मेटास्टेसिस अर्थात शरीर में कैंसर फैलने की प्रक्रिया को रोकने में मदद करता है। अतः कैंसर पीड़ितों के लिए नियमित रूप से काजू का सेवन लाभकारी हो सकता है।

  • शरीर के वजन को रखे संतुलित। Keep Body Weight Balanced

काजू हमारे शरीर के वजन को नियंत्रित रखने में भी काफी मदद पहुंचाता है, क्योंकि फाइबर (Fiber) हमारे पेट को काफी देर तक भरा हुआ महसूस कराता है, जो काजू में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।

  • बालो को बनाएं चमकदार और मजबूत। Make Hair Shiny and Strong

कई कारणों से आज हमें बालों से संबंधित कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जैसे बालों का झड़ना, रुखा होना, असमय बालों का सफेद होना आदि।

परंतु इन सभी समस्याओं से छुटकारा पाने में काजू हमें काफी मदद करता है। क्योंकि फॉस्फोरस (Phosphorus), मैग्नीशियम (Magnesium), कॉपर (Copper), आयरन (Iron), जिंक (Zinc) जैसे पोषक तत्व काजू में भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जो हमारे बालों को पर्याप्त मात्रा में पोषण देकर उन्हें लंबा, घना, मजबूत और चमकदार बनाता है।

  • दांतो को मजबूती प्रदान करना। Teeth Strengthening

हमारे दांतो को मजबूत और मसूड़ों को स्वस्थ रखने के लिए कई पोषक तत्व की आवश्यकता होती है। जिनमें सबसे महत्वपूर्ण कैल्शियम को माना जाता है। काजू में भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। अतः Kaju का उपयोग हमारे दांतो एवं मसूड़ों को स्वस्थ एवं मजबूत बनाए रखने में मददगार साबित हो सकता है।

  • लाए अपने त्वचा की रंगत में चमक। Bring Glow to Your Skin

कई बार हमारी त्वचा रूखी हो जाती है। साथ ही त्वचा संबंधी और भी कई समस्याएं पनप जाती हैं। इन समस्याओं से छुटकारा पाने हेतु काजू का सेवन फायदेमंद हो सकता है।

  • ब्लड प्रेशर को रखे नियंत्रित। Keep Blood Pressure Under Control

आजकल हम मानव में Blood Pressure होना सामान्य बात हो गई है। फर्क सिर्फ इतना है, कि किसी की Blood Pressure High, होती है, तो किसी की Low होती है। लेकिन दोनों ही स्थिति में Blood Pressure हमारे शरीर के लिए घातक होती है।

इसलिए इसका Normal होना हमारे शरीर के लिए काफी जरूरी है। इसे सामान्य बनाए रखने के लिए रोजाना काजू का 4-5 पीस सेवन हमारे शरीर के लिए लाभदायक हो सकता है।

  • पित्ताशय में पथरी होने की संभावना को करें कम। Reduce the Possibility of Gall Bladder Stones

नियमित रूप से काजू का सेवन गॉलब्लैडर में होने वाली पथरी की संभावना को 25% तक कम कर देती है। अतः काजू का निश्चित मात्रा में सेवन हमारे शरीर के लिए लाभकारी हो सकता है।

  • गर्भवती महिलाओं के लिए। For Pregnant Women

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के लिए काजू का उपयोग फायदेमंद हो सकता है. क्योंकि काजू में मिनरल्स और विटामिन की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। अतः इसका नियमित सेवन निश्चित रूप से गर्भवती महिलाओं के लिए कारगार हो सकता है।

  • पाचन तंत्र को बनाएं मजबूत। Make the Digestive System Strong

जब हमारा पाचन तंत्र कमजोर पड़ जाता है, तो हमें पेट संबंधी कई समस्याओं से जूझना पड़ता है।

जैसे : पेप्टिक अल्सर, कब्ज, पेट के कैंसर आदि। लेकिन नियमित रूप से काजू का सेवन हमारे पाचन तंत्र को मजबूत बनाए रखने में मदद करता है। क्योंकि काजू में प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है।

  • थकान को कम करने में मददगार। Helpful in Reducing Stress

जब हम अपने दिन-भर के काम-काज से निवृत्त होते हैं, तो हमें काफी आलस आने लगती है। साथ ही साथ हम सुस्त महसूस करने लगते हैं, क्योंकि हमें काफी थकान महसूस होती है। ऐसी स्थिति में काजू का सेवन हमारे लिए लाभप्रद हो सकती है। क्योंकि काजू उन मैवों में से एक है, जिसमें इंस्टेंट एनर्जी (Instant Energy) देने वाला गुण पाया जाता है।

  • बढ़ाएं अपनी यादाश्त शक्ति को।  Increase Your Memory

बढ़ती उम्र के साथ हमारा दिमाग भी कमजोर होने लग जाता है। हमारे दिमाग को मजबूत बनाए रखने में विटामिन E काफी मदद करता है, जो काजू में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। अतः काजू का नियमित सेवन हमारी याददाश्त को मजबूत बनाए रख सकती है।

Kaju Ke Nuksan । काजू के नुकसान

जहां काजू (Cashew Nuts) का सेवन हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। वहीं कई स्थिति में इसका सेवन हमारे लिए नुकसानदेह भी साबित होता है, तो आइए अब काजू के सेवन से होने वाली कुछ हानियों के बारे में भी जानने का प्रयास करते हैं-

  • काजू में सोडियम (Na) की अधिक मात्रा पाई जाती है। इसलिए का काजू आवश्यकता से अधिक सेवन करने से हमें High Blood Pressure की समस्या हो सकती है।
  • काजू में फैट की मात्रा पाई जाती है। यही कारण है, कि मोटापे से ग्रसित लोगों को इसके सेवन से परहेज करने की सलाह दी जाती है।
  • जिन लोगों को माइग्रेन और सिरदर्द की समस्या है। उनके लिए अधिक मात्रा में काजू का सेवन हानिप्रद हो सकता है।

क्योंकि इसमें ‘अमीनो एसिड’ प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। जो सिरदर्द और माइग्रेन जैसी समस्या को बढ़ाने में मदद करती है।

  • काजू का अधिक मात्रा में सेवन से हमें पेट संबंधी कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। क्योंकि इसमें फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है। जहां फाइबर हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। वहीं इसका आवश्यकता से अधिक सेवन हमारे लिए हानिकारक भी है।
  • काजू का अत्यधिक मात्रा में सेवन किडनी संबंधी समस्याओं का कारण भी बन सकता है। इसलिए हमें इसके अधिक मात्रा में सेवन से बचना चाहिए।

काजू के पेड़ के बारे में। About Cashew Nuts Tree in Hindi

  • काजू के पौधे के लिए उष्णकटिबंधीय वातावरण अनुकूल होता है।
  • आमतौर पर काजू के पौधे की लंबाई 13-14 मीटर तक होती है।
  • काजू काफी तेजी से बढ़ने वाला पौधा है।
  • काजू की बौनी कल्टीवर नामक प्रजाति के पौधे की ऊंचाई सबसे कम होती है।
  • काजू की खेती हेतु उपयुक्त तापमान 20 डिग्री सेल्सियस होनी चाहिए।

काजू के विभिन्न भाषा में नाम। Name of Cashew Nuts in Different Language

सामान्य तौर पर हम सभी Kaju को अंग्रेजी में Cashew Nuts एवं हिंदी में काजू के नाम से जानते हैं। लेकिन कई अलग-अलग प्रांतों में इसे अलग-अलग नामों से संबोधित किया जाता है। जिनमें से कुछ नाम निम्नलिखित हैं : English : Cashew Nuts Hindi : काजू Nepali : काजु Tamil : कालामावु Odia : भालीया Bengali : हिजली Gujrati : काजू Telgu : जिदियान्ती Kannadai : गेरा-बीजा।

काजू का सेवन कैसे करें? How to Consume Cashew Nuts in Hindi?

अब जहां तक बात आती है, कि काजू कैसे खाए? अर्थात् काजू खाने का तरीका (Kaju Khane Ka Tarika) क्या होनी चाहिए। तो इस संबंध में हम कह सकते हैं, कि इसके खाने के कई तरीके हो सकते हैं। जिनमें से कुछ मैं नीचे बता रही हूं। आप अपनी सुविधा अनुसार इसका Use कर सकते हैं-

  • चाहे तो आप Kaju को दूध में भिगोकर खा सकते हैं।
  • काजू को आप मिठाई, पुलाओ आदि में डालकर सेवन कर सकते हैं।
  • काजू को हल्का भून कर खा सकते हैं।
  • रोजाना आप 4-5 पीस खाली काजू खा सकते हैं।
  • आप काजू का बर्फी बनाकर भी खा सकते है।

काजू खाने का टाइम। Cashew Nuts Eating Time

जहाँ तक बात आती है। काजू खाने का सही टाइम (Kaju Khane Ka Time) के बारे में तो हमारे ख्याल से Normaly सुबह या रात के समय में आप इसका सेवन कर सकते हैं।

काजू का वैज्ञानिक नाम। Scientific Name of Cashew Nuts

काजू का वैज्ञानिक नाम “Anacardium Occidentale” होता है।

काजू कहाँ पाया जाता है? Kaju Kahan Paya Jata Hai?

ऐसा माना जाता है, कि काजू का उत्पादन सर्वप्रथम ब्राजील में किया गया था। यही कारण है, कि आज भी काजू को ब्राजीलियन नट के नाम से जाना जाता है।

हालांकि आज के समय में यह दुनिया के अधिकतर देशों में पाई जाने वाली Nuts में से एक है। परंतु जब काजू के प्रमुख उत्पादक देशों की बात आती है, तो इसका प्रमुख उत्पादक देश दक्षिण अमेरिका एवं उत्तर पूर्वी ब्राजील है।

साथ ही भारत में मुख्य रूप से यह पश्चिमी तट के क्षेत्रों विशेषता पश्चिम बंगाल, गोवा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उड़ीसा, महाराष्ट्र, केरल आदि क्षेत्रों में पाया जाता है।

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