मेरा प्रिय खेल क्रिकेट। Mera Priya Khel Cricket – दोस्तों, आज मैं आपको मेरा प्रिय खेल क्रिकेट के बारे में निबंध (Essay on Cricket in Hindi) के माध्यम से संपूर्ण जानकारी देने का अथक प्रयास करूंगा। आज दुनिया भर में सबसे ज्यादा पसंदीदा और देखे जाने वाला खेलो में से एक क्रिकेट है। खासकर भारत में तो बच्चे से लेकर बूढ़े तक यहां तक कि लड़कियां और औरतों को क्रिकेट का भूत सवार होता है।
हमारे देश में लोगों का क्रिकेट (Mera Priya Khel Cricket) से एक अलग ही भावना जुड़ा हुआ है। भारत में तो यहां तक होता है, कि भारत के मैच हारने से दुखी लोग खाना तक नहीं खाते हैं। यह हमारे देश के लोगों का क्रिकेट के प्रति प्यार ही तो है। आज हर युवा का सपना होता है, कि वह सचिन तेंदुलकर , सुनील गावस्कर, रिकी पोंटिंग, ब्रेड मेन जैसे महान क्रिकेटर बने।
मेरा प्रिय खेल क्रिकेट। Mera Priya Khel Cricket
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क्रिकेट एक शारीरिक एवं मानसिक दोनों प्रकार का खेल है। यह एक आउटडोर गेम है। यह तो हम सभी जानते हैं, कि मनुष्य को स्वस्थ रहने के लिए शारीरिक एवं मानसिक दोनों प्रकार के व्यायाम की आवश्यकता होती है। यही कारण है कि आज दुनिया में क्रिकेट (Essay on Cricket in Hindi) को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। क्रिकेट के खेल में बैट और बॉल की मुख्य भूमिका होती है।
क्रिकेट खेलने का तरीका
यह खेल एक विशाल गोल मैदान में खेला जाता है। क्रिकेट (Essay on Cricket in Hindi) खेलने के लिए दो टीमों की जरूरत होती है , जिनमें प्रत्येक टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं । प्रत्येक टीम में सामान्यतः पांच बल्लेबाज (जो बैटिंग करता है ), एक विकेटकीपर (जो कीपिंग करता है) और पांच गेंदबाज (जो गेंदबाजी करता है)। इसके साथ ही साथ प्रत्येक टीम के एक खिलाड़ी को कप्तान और एक को उपकप्तान बनाया जाता है।
सभी टीमों के कप्तान का काम होता है कि वह मैदान पर अपने खिलाड़ियों को अनुशासन में रखें तथा उप कप्तान का काम होता है, कि वह कप्तान की अनुपस्थिति में टीम का कमान संभाले। क्रिकेट खेलने के लिए एक 22 गज लंबी पिच होती है, जिसके दोनों छोर पर तीन-तीन विकेट होता है। मैच खेलने से पहले दोनों टीम के बीच टॉस होता है और टॉस जीतने वाले टीम को निर्णय करना होता है कि वह बैटिंग या फिल्डिंग चुने।
इसके साथ ही साथ मैच के निर्णायकर्ता (Umpire) के रूप में चार एंपायर होते हैं। जिनमें दो मैदान पर होते हैं, जिसे ऑन फील्ड अंपायर कहा जाता है तथा एक टीवी अंपायर या थर्ड अंपायर होता है, जिसका काम ऑन फील्ड अंपायर के गलतियों को सुधार करना है और इसका निर्णय सर्वोच्च होता है । चौथे या फोर्थ अंपायर का काम कुछ ज्यादा नहीं होता है, परंतु फिर भी इसके काम को कम नहीं आंका जा सकता है। इनका काम मैदान से बाहर होता है। जैसे- जब गेंद खो जाती है तो नया गेंद मैदान पर उपलब्ध कराना , बल्लेबाजों को मैदान पर रोककर रखना जब तक निर्णय नहीं हो जाता इत्यादि। मैच में पूरे मैच के संचालक के रूप एक मैच रेफरी भी होता है।
मैच शुरू होने पर सबसे पहले कप्तान चारों तरफ अपने 11 खिलाड़ियों को क्षेत्ररक्षण के लिए लगाता है। एक विकेट के पीछे होता है, इसे विकेटकीपर कहा जाता है। सामान्यता एक या दो खिलाड़ी कीपर के ठीक बगल में होते हैं , इसे स्लिप कहा जाता है । इसके अलावा खिलाड़ियों को थर्ड मैन, प्वाइंट, कवर, मिड ऑफ, मिड ऑन, मिड विकेट, लोंग ऑफ ,लॉन्ग ऑन, फाइन लेग, गली, स्क्वायर लेग, एक्स्ट्रा कवर इत्यादि जगहों पर गेंदबाज के आवश्यकता अनुसार लगाया जाता है।
अब गेंदबाज द्वारा बॉल फेंकने पर अगर वह बल्लेबाज के बैट से टकराकर खाली स्थानों में जाता है, तो दोनों बल्लेबाज दौड़कर रन पूरा करते हैं। इस प्रकार अगर गेंद जमीन को छूकर निर्धारित बाउंड्री लाइन तक जाता है, तो इसे 4 रन माना जाता है। वहीं अगर गेंद उड़ते हुए बाउंड्री के पार जाता है, तो उसे छह रन माना जाता है। इसके साथ ही साथ है अगर गेंद बल्लेबाज के शरीर में लगता है और फिर भी बल्लेबाज रन लेता है ,तो उसे लेग बाइ रन कहा जाता है। इसके अलावा कुछ रन अतिरिक्त भी दिए जाते हैं। जैसे- वाइड, नो बॉल इत्यादि होने पर 1 रन अतिरिक्त बल्लेबाजी करने वाली टीम को दिया जाता है।
अगर हम बल्लेबाज द्वारा खेले जाने वाला शॉर्ट की बात करें तो इनमें कवर ड्राइव, स्क्वायर ड्राइव, स्क्वायर कट, कट, लेट कट, लेग ग्लान्स, हुक, पुल, ऑन ड्राइव, स्ट्रेट ड्राइव, ऑफ ड्राइव इत्यादि शॉट बल्लेबाजों के द्वारा खेला जाता है। जहां तक बल्लेबाजों के आउट होने की बात है तो बल्लेबाज कई तरीकों से आउट होते हैं। जिनमें कैच आउट, एलबीडब्ल्यू, हिट विकेट, बोल्ड, रन आउट इत्यादि तरीकों से बल्लेबाज आउट हो सकते हैं। इन सबके अतिरिक्त बल्लेबाज कभी कभी रिटायर्ड हर्ट या क्रिकेट के नियम के उल्लंघन में दोषी पाए जाने पर भी उसे आउट करार दे दिया जाता है।
क्रिकेट का इतिहास । History o Cricket in Hindi
यह तो हम सभी जानते हैं, कि क्रिकेट का संबंध निश्चित तौर पर इंग्लैंड से जुड़ा है। विश्व में क्रिकेट जैसे महान और लोकप्रिय खेल देने का श्रेय ग्रेट ब्रिटेन को दिया जाता है। यही कारण है कि ग्रेट ब्रिटेन को क्रिकेट का जनक या जन्मदाता कहा जाता है।
वैसे जहां तक सर्वप्रथम क्रिकेट (Mera Priya Khel Cricket) खेलने की बात है तो माना जाता है कि 16 वीं शताब्दी में सर्वप्रथम यह महान खेल खेला गया था। प्रारंभिक अवस्था में यह खेल ऊन के गोला और लकड़ी के डंडे से खेला जाता था। धीरे-धीरे समय के साथ इसमें बदलाव आया। वैसे तो माना जाता है कि क्रिकेट खेलने की पहल सर्वप्रथम बच्चे के द्वारा की गई और बाद में यह खेल वयस्कों के बीच लोकप्रिय हो गया।
अगर हम क्रिकेट के विस्तार होने की बात करें तो इसका सीधा संबंध इंग्लैंड के औपनिवेशिकरण से जुड़ा हुआ है। दूसरे शब्दों में हम ऐसा भी कह सकते हैं कि जहां जहां इंग्लैंड ने अपना उपनिवेश स्थापित किए, वहां यह खेल काफी लोकप्रिय हो गया। इसका सबसे अच्छा उदाहरण हम भारत को ले सकते हैं। इसके अलावा यह महान खेल अमेरिका, वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया आदि जगहों काफी लोकप्रिय हुआ।
अगर हम पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने की बात करें तो यह मैच सर्वप्रथम कनाडा और यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका के बीच 1844 ई० में खेला गया था। यह मैच वर्जीनिया नामक स्थान पर खेला गया था। प्रारंभिक दिनों में क्रिकेट में एक ओवर में मात्र 4 गेंद हुआ करता था, परंतु बाद में 1947 ई० में इस नियम में संशोधन कर एक ओवर में छह गेंद डालने का नियम बनाया गया।
जहां तक पहला अंतरराष्ट्रीय अधिकारिक टेस्ट मैच खेलने की बात है तो यह मैच इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच 15 मार्च 1877 से लेकर 19 मार्च 1877 को मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेला गया था। यह मैच ऑस्ट्रेलिया ने 45 रनों से जीता था। अगर हम प्रथम वनडे अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने जाने की बात करें तो इसके पीछे एक बड़ा ही रोचक कहानी है-
5 जनवरी 1971 को इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न में टेस्ट मैच खेला जा रहा था। इस टेस्ट मैच में पहले 3 दिन मूसलाधार वर्षा हुई। जिसके कारण तीनों दिन बिना कोई गेंद फेंके खेल रद्द करना पड़ा। जिससे दर्शकों के बीच काफी असंतोष और निराशा की भावना जागृत हुई। दर्शकों के निराशा को देखते हुए आईसीसी ने यह फैसला किया कि 40-40 ओवर का मैच खेला जाएगा और प्रत्येक ओवर में 6 गेंद के बदले 8 गेंद फेंके जाएंगे । इस मैच को ऑस्ट्रेलिया ने 5 विकटो से जीत लिया। इस मैच को देखने से दर्शक बहुत खुश हुए और माना जाता है कि यहीं से वनडे क्रिकेट का आगाज हुआ। ”
प्रारंभिक दिनों में वनडे क्रिकेट 60 ओवर का होता था। परंतु 1987 ईस्वी में इस नियम में संशोधन कर इसे 50 ओवर किया गया। जहां तक अब T20 अंतरराष्ट्रीय मैचों की बात है तो यह मैच सर्वप्रथम ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच 17 फरवरी 2005 को खेला गया था। अगर हम 1877 से लेकर आज तक की बात करें तो क्रिकेट (Mera Priya Khel Cricket) ने कई हस्तियों को जन्म दिया है जिनमें सर डॉन ब्रैडमैन, कपिल देव, सुनील गावस्कर, एलन बॉर्डर, डेनिस लिली, सचिन तेंदुलकर, रिकी पोंटिंग, सौरभ गांगुली, राहुल द्रविड़, मुथैया मुरलीधरन, शेन वॉर्न इत्यादि हैं ।
भारत में क्रिकेट का इतिहास । History of Cricket in India
यह तो हम सभी जानते हैं कि भारत इंग्लैंड का उपनिवेश रहा है। भारत में क्रिकेट के लोकप्रिय और शुरुआत की जाने का श्रेय इंग्लैंड को दिया जाता है। भारत में सर्वप्रथम 1721 ई० में ईस्ट इंडिया कंपनी के नाविकों को द्वारा क्रिकेट खेला गया था।
भारत में अनौपचारिक टेस्ट मैच खेले जाने की बात करें तो इसकी शुरुआत में 1864 में चेन्नई में हुआ था। भारत ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स पर 25 – 28 जून 1932 को खेला था। इस मैच में भारत को हार झेलनी पड़ी थी। जहां तक भारत द्वारा कुल टेस्ट मैच खेलने की बात है तो भारत अब तक 535 टेस्ट मैच खेल चुका है। जिसमें से भारत को 152 में जीत मिली तथा 165 में हार झेलनी पड़ी । इसके साथ ही साथ 217 टेस्ट मैच ड्रा हुआ और एक टाई हो गया।
अगर हम भारत के द्वारा प्रथम वनडे इंटरनेशनल मैच खेले जाने की बात करें तो भारत ने अपना पहला वनडे अंतरराष्ट्रीय मैच 13 जुलाई 1974 को इंग्लैंड के खिलाफ ही खेला था। दुर्भाग्यवश यह मैच भी भारत हार गया। भारत अपने वनडे क्रिकेट के इतिहास में अब तक 978 वनडे मैच खेल चुका है। जिसमें से 509 में भारत को जीत मिली तथा 419 में भारत को हार झेलनी पड़ी। इसके साथ ही साथ 9 मैच टाई हो गया और 41 मैचों में कोई नतीजा नहीं आया।
अंततः अगर अब हम T20 इंटरनेशनल की बात करें भारत ने अपना पहला T20 इंटरनेशनल मैच साउथ अफ्रीका के विरुद्ध 1 दिसंबर 2006 को जोहानिसबर्ग में खेला था। भारत अपने T20 क्रिकेट के इतिहास में अब तक 117 टी20 इंटरनेशनल मैच खेल चुका है। इसमें से उसे 72 मैं जीत मिली एवं 41 मैच भारत हार गया। इसके साथ ही साथ एक मैच टाई हो गया तथा तीन मैचों में कोई नतीजा नहीं निकला।
भारत ने सर्वप्रथम आईसीसी टूर्नामेंट में 1975 के वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया था। भारत अब तक 14 बार वर्ल्ड कप में हिस्सा ले चुका है और दो बार वर्ल्ड चैंपियन बना है। भारत 1983 में कपिल देव की कप्तानी में अपना पहला विश्व कप लॉर्ड्स के मैदान पर वेस्टइंडीज को हराकर जीता था। 1983 से ही भारत में क्रिकेट युग की शुरुआत होती है और 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने दूसरा वर्ल्ड कप जीता था। यह वर्ल्ड कप भारत अपने सरजमीं पर जीता था।
जहां तक भारत की ओर से खेलने की बात है तो रणजीत सिंह जी भारत के पहले क्रिकेटर थे। जिन्होंने अपना पहला मैच इंग्लैंड की तरफ से वर्ष 1896 में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध खेला था। अगर हम भारत टीम की बात करें तो भारत ने अपना पहला मैच सी. के. नायडू की कप्तानी में खेला था। यह मैच इंग्लैंड के विरुद्ध था तथा इस मैच में भारत को हार मिली। अगर हम भारत की पहली जीत की बात करें तो भारत को 1952 में इंग्लैंड के खिलाफ पहली जीत हासिल हुई थी।
भारत में क्रिकेट का संचालन बीसीसीआई (BCCI-Board of Control for Cricket in India) के नेतृत्व में होता है। भारतीय क्रिकेट को शिखर पर पहुंचाने में कपिल देव, सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली इत्यादि खिलाड़ियों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। अगर अब तक के भारतीय क्रिकेट इतिहास के उपलब्धि पर गौर करें तो भारत अब तक 2 बार विश्व कप, 1 बार टी20 वर्ल्ड कप और दो बार आईसीसी चैंपियन ट्रॉफी जैसे खिताब जीत चुके हैं। भारत के अंतरराष्ट्रीय टीम को मजबूती प्रदान करने के लिए भारत में बहुत से घरेलू क्रिकेट खेले जाते हैं। जिनमें सबसे प्रमुख आईपीएल, रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी, ईरानी ट्रॉफी, दिलीप ट्रॉफी जैसे घरेलू क्रिकेट लीग होता है।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम । International Cricket Team in Hindi
दुनिया भर में क्रिकेट के संचालक एवं उससे संबंधित नियम बनाने के लिए एक संस्था कार्य करती हैं, जिसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद या International Cricket Council कहा जाता है। इसे संक्षेप में आईसीसी कहा जाता है। आईसीसी की स्थापना 15 जून 1906 को हुआ था। इसका मुख्यालय दुबई में है।
यह संस्था क्रिकेट से संबंधित नियम बनाने, उसमें संशोधन तथा उसके रखरखाव के लिए जिम्मेदार होता है। आईसीसी द्वारा ही अंपायर की नियुक्ति की जाती है। अगर हम टूर्नामेंट की बात करें तो आईसीसी द्वारा विभिन्न क्रिकेट प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। जिनमें आईसीसी वर्ल्ड कप, आईसीसी T20 वर्ल्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी इत्यादि प्रमुख हैं। आईसीसी के द्वारा कुल 12 देशों के क्रिकेट टीम को फुल मेंबरशिप प्रदान किया गया है। फुल मेंबर्स का अर्थ है कि यह टीमें क्रिकेट (Mera Priya Khel Cricket) के सभी प्रारूपों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल सकता है। यह सभी टीमें इस प्रकार है –
देश- कब पूर्ण सदस्य बने
- इंग्लैंड -15 जून 1909
- ऑस्ट्रेलिया -15 जून 1909
- साउथ अफ्रीका- 15 जून 1909
- भारत -31 मई 1926
- न्यूजीलैंड -31 मई 1926
- वेस्टइंडीज -31 मई 1926
- पाकिस्तान -28 जुलाई 1952
- श्रीलंका -21 जुलाई 1981
- ज़िंबाब्वे -06 जुलाई 1992
- बांग्लादेश-26 जून 2000
- अफगानिस्तान-22 जून 2017
- आयरलैंड-22 जून 2017
इसके अलावा आईसीसी के 38 एसोसिएट सदस्य हैं। यह सदस्य टीम सिर्फ वनडे खेल सकते हैं तथा आईसीसी के प्रतियोगिताओं में क्वालीफायर करके आईसीसी टूर्नामेंट खेल सकते हैं। इसके साथ ही साथ आईसीसी के 57 संबद्ध सदस्य है। जहां तक बात रही वर्तमान आईसीसी के अध्यक्ष और चेयरमैन की तो वर्तमान आईसीसी के चेयरमैन शशांक मनोहर और अध्यक्ष जहीर अब्बास हैं
क्रिकेट के प्रारूप । Formates of Cricket in Hindi
अब हम क्रिकेट के प्रारूप के बारे में चर्चा करेंगे। वैसे तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट के मुख्यतः तीन प्रारूप होते हैं- टेस्ट, वनडे और T20 ।
- टेस्ट क्रिकेट मैच (Test Cricket Match in Hindi)- क्रिकेट के शुरुआती दिनों में टेस्ट मैच ही खेला जाता था। यह मैच प्रारंभिक दिनों में काफी लोकप्रिय और प्रसिद्ध हुआ। परंतु आज के दिनों में धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता कम होती जा रही है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि यह मैच 5 दिनों तक चलता है और आज क्रिकेट के इस प्रारूप में रोमांच कम हो गया है।
क्रिकेट (Mera Priya Khel Cricket) के इस प्रारूप में प्रत्येक टीम को दो बार बल्लेबाजी और गेंदबाजी करने का मौका मिलता है। उदाहरणस्वरूप अगर पहली टीम पहले बल्लेबाजी करके अपना 10 विकेट खोकर जितना रन बनाता है, फिर दूसरी टीम अगर उससे कुछ कम रन बनाता है तो पहली टीम को टीम को उतना रन एक्स्ट्रा मिलता है जितना रन से पहली टीम पीछे रह जाती है और दूसरी इनिंग में पहली टीम जितना रन बनाती है, अगर दूसरी टीम अपनी दूसरी इनिंग में निर्धारित रनों के लक्ष्य को पूरा कर लेती है तो दूसरी टीम को विजेता घोषित किया जाता। परंतु अगर दूसरी टीम निर्धारित रनों के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाती है तो पहली टीम को विजेता घोषित किया जाता है।
क्रिकेट के इस प्रारूप का पहला मैच 15 मार्च 1877 से 19 मार्च 1877 के बीच खेला गया था। क्रिकेट के इस प्रारूप ने अनगिनत महान हस्तियों को एक अपना पहचान दिलाया। जिनमें क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर, सर डॉन ब्रैडमैन, रिकी पोंटिंग, डेनिस लिली, कपिल देव इत्यादि शामिल है।
- वन डे क्रिकेट मैच (One Day Cricket Match in Hindi)- ‘वन डे’ नाम से ही स्पष्ट है एक दिन। अर्थात यह प्रारूप एक दिन का होता है। वर्तमान समय में यह प्रारूप काफी लोकप्रिय और प्रसिद्ध है। क्रिकेट के प्रारंभिक दिनों में इस प्रारूप से मैच नहीं खेला जाता था। परंतु 5 जनवरी 1971 को इस प्रारूप का पहला मैच खेला गया। क्रिकेट के इस प्रारूप में मैच 50-50 ओवर का होता है।
इस प्रारूप में प्रत्येक टीम को 50 ओवर खेलने का मौका मिलता है। अगर पहली टीम निर्धारित 50 ओवरों में जितना रन बनाता है और दूसरी टीम निर्धारित रनों के लक्ष्य को यदि निर्धारित 50 ओवरों में हासिल कर लेती है, तो दूसरी टीम को विजेता घोषित किया जाता है। परंतु अगर दूसरी टीम निर्धारित रनों के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाता है, तो पहले दिन को विजेता घोषित किया जाता है। इस प्रारूप ने कई महान दिग्गजों जैसे सचिन तेंदुलकर, रिकी पोंटिंग, विराट कोहली, एडम गिलक्रिस्ट, महिला जयवर्धने, महेंद्र सिंह धोनी इत्यादि को अपना पहचान दिलाया। क्रिकेट के इस प्रारूप में सर्वाधिक व्यक्तिगत रन और शतक लगाने का रिकॉर्ड क्रिकेट के भगवान कहलाने वाले सचिन तेंदुलकर के नाम है।
- टी 20 क्रिकेट मैच (T20 Cricket Match in Hindi)- यह क्रिकेट का सबसे छोटा प्रारूप है, क्योंकि इसमें मात्र 20- 20 ओवरों का खेल खेला जाता है। परंतु यह खेल आज के दिनों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय और देखे जाने वाला प्रारूप है। इस प्रारूप का उद्भव 1 दिसंबर 2006 को हुआ था। क्रिकेट के इस प्रारूप में प्रत्येक टीम को 20 ओवर खेलने का मौका मिलता है।
निर्धारित 20 ओवरों में पहली टीम द्वारा बनाए गए रनों के लक्ष्य को यदि दूसरी टीम निर्धारित 20 ओवरों में हासिल कर लेती है, तो दूसरी टीम को विजेता घोषित किया जाता है। परंतु अगर दूसरी टीम यह लक्ष्य हासिल नहीं कर पाती है तो पहली टीम को विजेता घोषित किया जाता है। क्रिकेट का यह प्रारूप काफी रोमांचक होता है। इस प्रारूप के मैच के दौरान अक्सर दर्शकों के दिल की धड़कन तेजी से धड़कने लगते हैं, क्योंकि काफी रोमांच से भरा होता है। इस प्रारूप में कई महान दिग्गजों जैसे क्रिस गेल, ब्रैंडन मैकुलम, विराट कोहली, मार्टिन गुप्टिल इत्यादि का उद्भव हुआ।
उपसंहार (Conclusion)
इस प्रकार हम क्रिकेट के सभी पहलुओं को देखते हैं, तो हमें यह प्रतीत होता है, कि यह खेल वास्तव में महान और रोमांच से भरा हुआ है। सच में यह दुनिया का सबसे ज्यादा रोमांचक और लोकप्रिय खेल है। यह खेल अनिश्चितताओं से भरा है। यह काफी मनोरंजक है।
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