Speech on Independence Day in Hindi । स्वतंत्रता दिवस पर भाषण

Speech on Independence Day in Hindi । स्वतंत्रता दिवस पर भाषण : Friends, आज मैं आप सभी के लिए हमारे देश मे मनायी जाने वाली प्रमुख राष्‍ट्रीय पर्वो (Major National Festivals) मे से एक स्वतंत्रता दिवस/15 अगस्त (15 August Par Bhashan) पर छोटे एवं बड़े शब्‍द सीमा मे भाषण लिखने जा रही हूँ।

ये Article न सिर्फ आप के भाषण देने के काम आएगा बल्कि यह Swatantra Diwas Par Nibandh लिखने मे आपकी सहायता करेगा।

उम्मीद करती हूँ, कि ये भाषण आप विद्यार्थियो के लिए उपयोगी होगी और आप सभी की सुविधा के लिए हमारी कोशिश यही रहेगी कि इस भाषण को मैं जितना हो सके सरल-से-सरल शब्दों में लिख पाऊं।

Speech on Independence Day in Hindi । स्वतंत्रता दिवस पर भाषण

Jump To

आदरणीय!

प्रधानाचार्य महोदय एवं यहां उपस्थित समस्त शिक्षक महोदय एवं मेरे प्यारे सहपाठियों; हमारे देश के राष्ट्रीय पर्वों में अपना खास महत्व रखने वाली त्यौहार में से एक स्वतंत्रता दिवस (Speech on Independence Day in Hindi) के सुअवसर पर आज मुझे अपना विचार प्रकट करने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ है, जिसका इंतजार में काफी लंबे समय से कर रहा था।

परंतु आज इस मंच पर मेरा इंतजार खत्म हुआ और मैं सभी के समक्ष अपनी एक छोटी-सी विचार प्रस्तुत कर इस सभा को सम्बोधित करने जा रहा हूँ।

यहाँ उपस्थित समस्त जन, आज हमारा भारत अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। स्वतंत्रता दिवस की यह पर्व हमारे देश की उन ऐतिहासिक पर्वो (Historical Festival) मे से एक है, जो अपना बहुत ही खास महत्व रखती है।

आज से ठीक 75 वर्ष पहले हमारे देश भारत को अंग्रेजी शासन (British Rule) से आजादी मिली थी। यह अंग्रेज हमारे यहां एक व्यापारी (Business Man) के रूप में आए थे, अर्थात् यह हमारे यहां अपना व्यापार (Business) करने आए थे।

परंतु यह व्यापार करते-करते कब हमारे यहां का शासक (Ruler) बन गया, हमें पता भी नहीं चली और इसने हमारे देश पर करीब 200 वर्षों तक शासन किया।

अपने शासन के दौड़ान इन्होने न जाने हमारे देश के लोगों के साथ कितने गंदे हरकते किए होंगे और स्थिति ऐसी आ गई कि अब इसकी गंदी हरकते अपनी चरम सीमा पर जा पहुंची।

तब हमारे देश के कई वीर योद्धाओं (Brave Warriors) ने अपनी आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। तत्पश्चात हमारा देश हिंदुस्तान 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजी शासन से मुक्त हुआ।

तब से लेकर आज तक हम भारतवासी उसी आजादी के जश्न के दिन 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के रूप में मनाते रहे हैं।

जय हिन्द।

15 August Speech in Hindi । 15 अगस्त पर भाषण 

आदरणीय!

प्रधानाध्यापक महोदय,

माननीय मेरे गुरुजन एवं यहां उपस्थित मेरे प्यारे साथियों, आज समस्त भारतवर्ष अपनी आजादी का 74वां सालगिरह मना रहा है, अर्थात आज हमारे देश को आजाद हुआ 74 वर्ष पूरी हो रही है। जिसे हम सभी भारतवासी स्वतंत्रता दिवस के रूप में प्रत्येक वर्ष मनाते हैं।

हम भारतीयों के लिए यह एक बहुत ही शुभ दिन होता है। हमारे भारतीय इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठो में उल्लेखित, यह दिन हमें उन दिनों की याद दिलाती है। जब भारत के कई वीर जवानों द्वारा वर्षों की कड़ी संघर्ष के पश्चात अंग्रेजी शासन से हमें आजादी मिली।

भारत के वीर सपूतों और भारत के आजादी के उसी प्रथम दिन को याद करने के लिए हम लोग प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त (Speech on Independence Day in Hindi) को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं। आज इस भारत में हम सभी स्वतंत्रता दिवस के इस महापर्व को मना रहे हैं।

इसे आजाद करने के पीछे न जाने भारत मां के कितने सपूतों ने अपनी बलिदान दिए। जिसके बलिदानों को हम भारतवासी शायद कभी नहीं भूल पाएंगे। आज इस भारतीय भूमि पर हम सभी खुली हवा में सांस ले पाते हैं और अपनी हसीन जिंदगी अपने तरीके से जी रहे हैं।

इन सारी चीजों का श्रेय खुदीराम बोस, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, महात्मा गांधी, भगत सिंह जैसे लाखों भारत मां के वीर सपूतों को जाता है। क्योंकि इन वीर सपूतों के सहर्षो संघर्ष के बाद हमें 15 अगस्त 1947 को आजाद भारत का दर्जा प्राप्त हुआ और इस दिन हमें एहसास हुआ कि हम एक स्वतंत्र देश का नागरिक हैं।

स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात हम भारतीयों को अपनी सारी मूलभूत अधिकार प्राप्त हुए। आज इस भारतीय भूमि पर हम पैदा होकर गर्व महसूस करते हैं। इसका श्रेय भी भारत मां के उन्हीं वीर सपूतों को जाता है। जिसने हमें अपने अधिकार दिलाने के लिए अपने जान की बाजी लगा दी।

आज भी जब कभी हम अपने भारतीय इतिहास के पन्नों में उन अंग्रेजों के घिनौने करतूतों के बारे में पढ़ते हैं तो, ऐसा लगता है मानो पैरों तले जमीन खिसक जाती है। तो स्वाभाविक सी बात है कि, हम सभी भली-भांति समझ सकते हैं कि गुलाम भारत को एक स्वाधीन भारत बनाने के लिए हमारे पूर्वजों को न जाने और भी कितने प्रताड़ना सहन करने परे होंगे।

इस प्रकार अगर हम कहें कि, आज हमारा भारत जो कुछ भी है। उन्ही महान सपूतों की वजह से है, जिसे हम जन्म-जन्मांतर तक नहीं भूल पाएंगे। दोस्तों, उन्होंने तो हमारे लिए इतने बड़े काम किए जिस कर्ज को शायद हम कभी नहीं चुका पाएंगे।

परंतु इतना तो कर सकते हैं कि, उनके बलिदानों को अमर रखने के लिए, इस भारतीय भूमि की एकता और अखंडता को अक्षुण बनाए रखने के लिए, हम सदा प्रयत्नशील रह सकते हैं। जिससे हमारा भारत सदा विश्व इतिहास के पन्नों में तारों की तरह चमकता रहेगा।
जय हिन्द।

Swatantrata Diwas Par Bhashan in 550 Words

यहां उपस्थित समस्त अतिथिगण, आदरणीय प्रधानाध्यापक एवं अध्यापकगण तथा मेरे प्यारे सहपाठियों!

आज हम समस्त भारतीय नागरिको (Indian Citizens) के लिए बड़े ही हर्ष और उल्लास का दिन है। क्योंकि आज समस्त भारत अपनी आजादी का 74वां जश्न मना रहा है, जिसे हम स्वतंत्रता दिवस के नाम से जानते हैं।

दोस्तों, हम किसी पशु या पक्षियों को एक पिंजरे में रखकर कितना भी अच्छा भोजन क्यों न दे, कितना भी प्यार क्यों न करें, उसे घुटन का ही महसूस होता है। ठीक ऐसी ही हालत अंग्रेजों ने हमारी भी कर दी थी। परंतु जब हम भारतीय अंग्रेजों के शासन रूपी पिंजरे से आजाद हुए तब जाकर हमें महसूस हुआ कि, दुनिया के हर सजीव के लिए आजादी कितना जरूरी होती है।

जैसा कि हम सभी जानते हैं 15 अगस्त 1947 के दिन हम भारतवासी अंग्रेजी शासन के जंजीर से आजाद हुए थे। यही कारण है कि 15 अगस्त का यह दिन हम भारतीयों के लिए एक ऐतिहासिक दिन के रूप में सामने आती है। क्योंकि इसी दिन हम भारतीयों को पहली बार खुली हवा में सांस लेने की आजादी मिली।

आजादी से पहले हम भारतीयों के साथ अंग्रेजों ने कितना बुरा बर्ताव किया। आज भी हमारा इतिहास इसका गवाह है। हमारा भारत वर्ष करीब 200 वर्षों तक अंग्रेजों का गुलाम रहा। दूसरे शब्दों में हम यह भी कह सकते हैं कि, करीब 200 वर्षों तक हमारा देश ब्रिटिश शासन के अधीन रहा।

इन बातों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि, वे कितने तेज-तर्राक थे। अपने इसी दिमागी खेल से तो इन्होंने हमें इतने दिनों तक गुलाम बना के रखा। क्योंकि जब भी हम भारतीयों ने अपनी आवाज उठाई। अंग्रेज हर बार अपनी दिमागी चाल चलकर हम आम जनता की आवाजों को दबाने में सफल रहे।

हम भारतीयों को उन्होंने तो इतना गुलाम बना लिया था कि, हमारे दिलों-दिमाग पर भी अपना अधिकार चलाने लगे थे। अर्थात स्थिति ऐसी आ गई थी कि हमारे पहनने के कपड़े और खाने के लिए भोजन भी इन अंग्रेजों के अनुसार ही बनने लगे थे।

जब हम अंग्रेजों के काले कारनामों के बारे में और भी गहराई से जानने का प्रयास करते हैं तो उनके कारनामे के बारे में जानकर ही हमारा रूह कांपने लगता है। तो हम खुद भी अंदाजा लगा सकते हैं कि, हम भारतीयों के ऊपर इन्होंने कितने जुल्म ढाए होंगे परंतु कहते हैं न कि, अति का अंत जरूर होता है।

यही कहावत लागू होती है, इन अंग्रेजों पर क्योंकि इनकी अत्याचार अब चरम पर पहुंच चुकी थी। तो स्वाभाविक सी बात है कि, उनका अंत होना भी निश्चित सा हो गया था और इसका अंत किसी और ने नहीं बल्कि भारतीय भूमि पर ही जन्मे महात्मा गांधी, खुदीराम बोस, चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस, रानी लक्ष्मीबाई, मौलाना आजाद, राजेंद्र प्रसाद आदि जैसे और भी कई महान सपूतों के द्वारा हुआ।

इन स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष के पश्चात हमारा देश भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ। इसी आजादी के जश्न को याद करने के लिए एवं भारत के उन महान सपूतों को याद करने के लिए हम भारत के लोग प्रतिवर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं।
जय हिन्द।

Long Type Speech on Independence Day in Hindi

आदरणीय! गुरुजनों एवं कार्यक्रम में उपस्थित परम आदरणीय अतिथिगण एवं मेरे प्यारे सहपाठियों, आज मेरे लिए बहुत ही हर्ष की बात है कि, आज हमारी भारतीय संस्कृति का महापर्व स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर मुझे इस तिरंगे के नीचे खड़ा होने का गौरव प्राप्त हुआ है।

वास्तविकता तो यह है कि, यह एक ऐसी जगह है जहां आने के पश्चात हमें शान, गरिमा और गर्व की अनुभूति होती है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आज हम सभी लोगों द्वारा यहां इकट्ठा होने का एक ही कारण है कि आज संपूर्ण भारतवर्ष अपनी स्वाधीनता का 74 वां जश्न मना रहा है।

और हम लोग भी अपने कॉलेज के इस प्रांगण में स्वतंत्रता दिवस के इसी महापर्व को मनाने के लिए यहां आए हैं। 15 अगस्त का यह दिन न सिर्फ हमारे लिए बल्कि समस्त भारत वासियों के लिए खुशी का दिन होता है। क्योंकि इसी तारीख को हमारा देश ‘भारत’ दुनिया के नक्शा पर एक आजाद देश के रूप में उभरकर सामने आया।

क्योंकि इसी दिन हमारा देश अंग्रेजी शासन के जंजीर से आजाद हुआ, और पहली बार हम भारतीयों को एहसास हुआ कि, हम एक स्वतंत्र (Speech on Independence Day in Hindi) देश के स्वतंत्र नागरिक हैं। तो स्वाभाविक सी बात है कि, हम भारतीय नागरिकों के लिए यह एक ऐतिहासिक दिन होता है।

हर वर्ष भारतवर्ष के कोने-कोने में समस्त भारतीयों द्वारा काफी उत्साह के साथ स्वतंत्रता दिवस नामक इस राष्ट्रीय पर्व (National Festival Of India) को मनाया जाता है। परंतु इस तिथि से पहले देखते हैं तो हमें दूर-दूर तक भारत का एक अंधकारमय रूप दिखता है।

जैसा कि हम सभी जानते हैं, अंग्रेज जो हमारे देश में एक व्यापारी के रूप में यहां अपना व्यापार करने आए थे। परंतु वे कब हमारे देश की भोली-भाली जनता को बेवकूफ बनाकर यहां का शासक बन बैठा हमें पता तक नहीं चला।

धीरे धीरे वे हम समस्त भारतीय नागरिकों पर इतने हावी हो गए कि, हमारे देश पर कब्जा करने के साथ-ही-साथ हम सामान्य लोगों के दिलों-दिमाग पर भी कब्जा कर लिया। इतना ही नहीं अब तो वह हम पर इतना हावी हो चुके थे कि, हम भारतीयों की पहनावे और भोजन भी उनके अनुसार ही चलने लगा था।

हम भारतीय अब अंग्रेजों के के इतने गुलाम हो चुके थे कि, हमारे जिंदगी के हर क्षेत्र का निर्णय भी अब उनके हाथों में जा चुका था। वह हमारे भारतीय समाज के हर मान-मर्यादा, रीति-रिवाज को समाप्त कर, वह अपनी संस्कृति, अपना विचार और अपने देश की जीवन जीने की शैली हम पर थोपना चाहते थे।

इसके लिए उन्होंने काफी प्रयास भी किया और वे अपने इस दिमागी खेल में काफी हद तक सफल भी रहा। हमारे यहां के सैनिकों के साथ ही उन्होंने कई भेद-भाव किए। हम भारतीय नागरिकों की धर्म परिवर्तन कराने के लिए उन्होंने कई कानून भी बनाई।

हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था को समाप्त कर, वे अपनी शिक्षा व्यवस्था लागू करने के लिए भी कई उपाय किए परंतु वे अपने कूटनीतिक चाल में अपेक्षाकृत बहुत ही कम सफल हो सके। हम भारतीयों की सामाजिक एकता एवं अखंडता को भी इन अंग्रेजों ने तोड़ने का प्रयास किया।

क्योंकि उन्हें यह भी डर था कि, यह एकता एवं भाईचारा कहीं न कहीं उस के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है। शायद यही कारण है कि, उन्होंने हमारे देश में अपने कई प्रयासों द्वारा संप्रदायिकता की भावना को जन्म दिया एवं “फूट डालो और शासन करो” की नीति अपनाई।

इस प्रकार से हम कहे तो वास्तव में अंग्रेजों ने अपने फायदे के लिए हम भारतीयों का आर्थिक, सामाजिक और मानसिक रूप से शोषण करने में किसी भी प्रकार की कोई कसर नहीं छोड़ी।

इन्होंने हम भारतीयों को इतनी गहराई से अपनी परतंत्रता की बेड़ियों में जकड़ लिया था कि 200 वर्षों तक उन्होंने हमें अपना गुलाम बना कर रखा। लेकिन कहा जाता है न कि, बुरा कर्मों द्वारा या छल द्वारा पाया गया जीत कितनी भी बड़ी क्यों न हो लेकिन वह क्षणिक होती है अर्थात एक-न-एक दिन उन्हें हारना ही पड़ता है और जीत सच्चाई की ही होती है।

हमारे ख्याल से शायद यही कहावत अंग्रेजों पर लागू होती है। क्योंकि अब हम भारतीयों में इतनी क्षमता नहीं रह चुकी थी कि, हम उनकी जुल्मों को सहन कर सके। शायद इसी का परिणाम हुआ कि, अब भारत के सभी नागरिकों के मन में स्वतंत्रता पाने की भावना का ज्वाला दहक उठी और अपने देश की स्वतंत्रता के लिए हमने अपनी कदम आगे बढ़ाया।

जिसमें हमारे कई स्वतंत्रता सेनानियों महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, खुदीराम बोस, पंडित जवाहरलाल नेहरू, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, डॉ राजेंद्र प्रसाद आदि ने अपनी सक्रिय भूमिका निभाई। ‘सिपाही विद्रोह’ भारतीय जनता के स्वतंत्र होने की आकांक्षा का प्रथम प्रदर्शन माना जाता है।

समय बीतता गया और हम भारतीयों की यह लड़ाई भी धीरे-धीरे अपना विकराल रूप धारण करते गई। इस लड़ाई में न जाने हमारी कितनी माताओं ने अपने सपूत को खो दी, कितनी बहनों ने अपने भाई और अनंत पत्नियों ने अपने सुहाग खो दी। इस प्रकार कहे तो परिवार-के-परिवार इस पवित्र यज्ञ की अग्नि में भस्म हो गई।

अंग्रेजों द्वारा इस संग्राम को कुचलने का तो कई प्रयास किया गया परंतु हम भारतीयों के दृढ़ संकल्प और संघर्ष के सामने वे ज्यादा समय तक टिक नहीं पाए और एक समय आया जब हुए सदा के लिए हमारे देश को छोड़ कर चले गए।

इस प्रकार काफी लंबे संघर्षों का परिणाम हम भारतीयों को 15 अगस्त 1947 के अर्धरात्रि को अपनी खोई हुई स्वतंत्रता को पुनः प्राप्त करने के रूप में मिलीऔर हमारे देश के प्रधानमंत्री ने पहली बार दिल्ली के Lal Kila Delhi (Red Fort in Delhi) पर अपना झंडा लहराए।

तब से लेकर प्रति वर्ष इसी स्वर्णिम दिन की यादों को ताजा करने एवं भारत मां के हारून वीर सपूतों के बलिदानों को याद करने के लिए एवं उनके शहादत को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रति वर्ष हम समस्त भारतीय नागरिक काफी पवित्रता के साथ अपने इस राष्ट्रीय पर्व को मनाते रहे हैं।

15 अगस्त (Speech on Independence Day in Hindi) के दिन सभी निजी और सरकारी बैंकों विद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है एवं झंडारोहन होता है। इस दिन हमारे देश के कोने-कोने में देशभक्ति का गाना सुनने को मिलता है।

स्वर्णिम दिन के शुभ अवसर पर हमारे देश के सभी नागरिक जाति, धर्म आदि की भावना के भेद-भाव से ऊपर उठकर, देश भक्ति के रंग में रंग जाते हैं और 15 अगस्त के दिन को काफी उत्साह के साथ मनाते हैं एवं अपने देश के वीर सपूतों को नम आंखों से श्रद्धांजलि देते हैं।

यद्यपि हमें आजादी मिल गई तथापि हमारे देश की दयनीय स्थिति है। अतः इन्हें मिटाना होगा तभी हम सभी सही अर्थ में स्वतंत्र देश के आदर्श नागरिक बन सकेंगे।
जय हिन्द।

15 August/Swatantra Diwas Related Some FAQs

Read More-