Jal Hi Jeevan Hai । जल ही जीवन है।

Jal Hi Jeevan Hai Par Nibandh । जल ही जीवन है, पर निबंध : दोस्तों आज मैं कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी विद्यार्थियों (Students) के लिए जल ही जीवन है, पर निबंध लिखने का प्रयास करी हूँ।

आज इस निबंध के माध्यम से आप सभी यह जान पाएंगे कि जल (Water) का हमारे जीवन में कितना महत्व होता है, और हमारी कोशिश रहेगी कि आज मैं आप सभी को इस विषय पर काफी सरल शब्दों में अधिक-से-अधिक जानकारी दे सकूं; तो चलिए चलते हैं, अपने विषय की ओर —

जल ही जीवन है। Jal Hi Jeevan Hai (150 Words)

जल पृथ्वी पर निवास करने वाले समस्त जीवो को जीवित रखने वाले प्रमुख तत्वों में से एक है।

क्योंकि धरती पर रहने वाले सभी जीव-जंतु, पशु-पक्षियों, कीट-पतंगे, पेड़-पौधे सहित मानव जीवन के लिए जल अमृत के समान होता है। जल के बिना सजीव जगत (Living World) की कल्पना ही नहीं की जा सकती है।

परंतु आज के लोग इसकी महत्ता को समझते हुए भी इसे दूषित करते जा रहे हैं, जिस कारण आज हमारे देश के लगभग आधे से अधिक क्षेत्रो में लोगो को जल संकट (Water Crisis) जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

मानवों की अवेहलना से पनपी इस समस्या का सामना न सिर्फ मानव जाति को बल्कि आज अन्य दूसरी सजीव प्राणियों को भी करना पड़ रहा है।

आज लगभग सभी नदियां (Rivers), तालाब (Pond), पोखर, दूषित हो गई है; जिस कारण पीने योग्य पानी (Drinkable Water) कम हो गई है।

परंतु फिर भी लोग इसे दूषित करने से बाज नहीं आ रहे हैं, और ऐसी स्थिति बनी रही तो एक दिन ऐसा आएगा कि जल संकट संपूर्ण पृथ्वी को तबाह कर के रख देगी।

अतः आवश्यकता है, कि समय रहते हम सभी लोगों को जल को प्रदूषित होने से बचाना चाहिए।

Essay on Water in Hindi in 250 Words

Essay on Water in Hindi in 250 Words

जल (Jal Hi Jeevan Hai) उन प्रमुख तत्वों में से एक है, जो पृथ्वी पर रहने वाली सभी सजीव प्राणियों को जीवन-प्रदान करती है।

क्योंकि जल के बिना पृथ्वी पर सजीव जगत की कल्पना करना नामुमकिन साबित होती है। जल के बिना न सिर्फ सजीव जगत की बल्कि इस हरी-भरी धरती की भी कल्पना नहीं की जा सकती है।

क्योंकि ये पेड़-पौधे, नदी-तालाब, झील-सरोवर के कारण ही तो धरती हरी-भरी और सुंदर दिखती हैं, और ये सभी तब रहेंगे जब इन्हें जल पर्याप्त मात्रा में मिलती रहेगी।

इसलिए तो जल के बिना कुछ भी संभव नहीं है। जल के महत्व का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं, कि समस्त मानव शरीर में करीब 70% हिस्से जल ही मौजूद रहती है।

इसलिए तो जल के बिना मनुष्य का जीवित रहना असंभव होता है। जिस प्रकार हमे जीवित रहने के लिए श्वास लेना जरूरी है, ठीक उसी प्रकार जल लेना भी आवश्यक है।

इस प्रकार हम कर सकते हैं, कि पृथ्वी के समस्त सजीव प्राणियो के लिए जल की महत्ता अमृत से कम नहीं है।

परंतु आधुनिकता के इस दौड़ में लोग आज बेहिसाब जल को प्रदूषित करते जा रहे हैं, जिसका परिणाम आज हम सभी के सामने खड़ी है, जो है : जल संकट।

हमारे ख्याल से आज जल प्रदूषण (Water Pollution) का सबसे बड़ा कारण है : कल- कारखाने; क्योंकि इस कल-कारखाने से निकलने वाली सभी दूषित पदार्थ बड़ी-बड़ी नदियों में छोड़ दिए जाते हैं, जिससे नदियों की जल विषैली और दूषित हो जाती है।

आज लोग यह नहीं समझते कि जिस प्रकार धरती पर पाई जाने वाली अन्य संसाधन हमारे लिए सीमित मात्रा में उपलब्ध है; उसी प्रकार जल भी हमारी पृथ्वी पर सीमित मात्रा में ही उपलब्ध है।

परंतु लोग इस बात को समझ नहीं रहे हैं, और जल को प्रदूषित करने की स्थिति अगर ऐसी ही बनी रही तो शायद कुछ वर्षों के आने वाली पीढ़ी के लोगों को पीने योग्य जल का दर्शन करना भी मुश्किल-सा हो जाएगा।

आज प्रदूषित जल पीने से ना जाने कितनी बीमारियां पनप रही है। इन बातों से स्पष्ट हो जाता है, कि अगर जीवित रहना है, तो जल को दूषित होने से बचाना होगा।

Jal Hi Jeevan Hai in Hindi in 550 Words

अगर हम कहते हैं कि, जल ही जीवन है (Jal Hi Jeevan Hai) तो इस कथन को कहने में कोई बुराई नहीं है। क्योंकि इसका प्रमाण सदियो से हमारे सामने उपस्थित है। आज तक इस धरती पर कोई ऐसा सजीव पैदा नहीं हुआ है। जो जल के बिना जीवित रह सके। इस बात से हमें अनुमान लग जाती है कि जल हमारे जीवन में कितना महत्व रखती है।

जल न सिर्फ मानव जीवन में बल्कि पृथ्वी पर रहने वाले समस्त सजीव-जगत के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण होती है। जितना हमारे लिए एक तरह से कहे तो हमें जीवन प्रदान करने वाले अन्य तत्वों की तरह ही जल का भी स्थान महत्वपूर्ण है। यहां तक कि खासकर मानव शरीर के समस्त भाग में करीब 70% से अधिक जल ही होता है।

भोजन से कहीं अधिक हमारे लिए जल का महत्व है। क्योंकि भोजन के बिना तो हम कुछ दिनों तक जीवित रह भी सकते हैं। लेकिन जल के बिना जीवित रहना असंभव है। आज जो यह धरती चारों तरफ हरियाली और खुशहाली से भरी दिखती है। इसमें भी जल महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। क्योंकि ये नदी, तालाब, पोखर, झील, सरोवर, पेड़-पौधे, जीव-जंतु, पशु- पक्षियों के कारण ही तो पृथ्वी स्वर्ग जैसी दिखती है।

और इन सभी का अस्तित्व पानी पर ही तो है। पानी की महत्ता का अनुमान आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि, अगर किसी ग्रह पर अन्य सभी चीजे मौजूद हो परंतु पानी नहीं हो तो उस ग्रह पर जीवन की कल्पना करना असंभव हो जाता है। हमारी पृथ्वी पर कुल मिलाकर 70% जल का ही अनुमान लगाया गया है। जिसमें 2% जल ही पीने योग्य है।

इसकी उपलब्धता हमे नदियां, तालाब, झील, सरोवर, भूमिगत और वर्षा के पानी से होती है। जिस क्षेत्र में जल की मात्रा बहुत ही कम हो जाती है। वहां सुखार की समस्या उत्पन्न हो जाती है।

इतना ही नहीं जल अभाव के कारण कई क्षेत्र बड़े-बड़े रेगिस्तान में तब्दील हो जाते हैं, तो कहीं-कहीं भूमि पूर्णरूप से बंजर हो जाती है। जिस कारण वहा अनाज की उपज नहीं हो पाती है। जिसका परिणाम लोगों के सामने भुखमरी आदि समस्याओं के रूप में आती है।

जलाशयो, नदियां, भूमिगत आदि रूपो में हमारी पृथ्वी पर जल विद्यमान है। परंतु आज हम मानव जैसे-जैसे आधुनिकता की इस दौड़ में अपना कदम बढ़ा रहे हैं वैसे-वैसे ही इस अमृत सामान जल को भी प्रदूषित करते जा रहे हैं। जिसका परिणाम न सिर्फ हम मानव को बल्कि धरती के सभी सजीव जगत को झेलना पड़ रहा है।

इस तरह से हम कहे तो आज मानव जाति अपने ही हाथो अपनी अस्तित्व को मिटाने में लग गई है। आज अधिकांश पानी के प्रदूषित हो जाने के कारण लोगों को पानी से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

जल को बचाने के कुछ उपाय। Ways to Save the Water in Hindi

आज जिस तरह से हम मानव जाति के लोग इस अमृत रूपी जल का दुरुपयोग करते जा रहे हैं। अगर जल प्रदूषित करने की यह रफ्तार जारी रही तो एक दिन ऐसा आएगा कि, पृथ्वी पर जल की पूर्णरूपेण अभाव हो जाएगा और समस्त सजीव प्राणी पानी के लिए तरस-तरस कर मर जाएंगे। इसलिए हमें इसे बचानी चाहिए। जल (Essay on Water is Life in Hindi) बचाने के कुछ उपाय इस प्रकार हैं।

  • हमे वृक्षों की हो रही अंधाधुंध कटाई को रोकने चाहिए और लोगों को अधिक से अधिक मात्रा में वृक्ष लगाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। क्योंकि पेड़-पौधे वर्षा कराने मे मदद करती है।
  • लोगो द्वारा कल कारखाने से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों को नहर, नदियों में बहाने से रोकना चाहिए।
  • हमें अपनी जरूरत के हिसाब से ही पानी का उपयोग करना चाहिए और वर्षा जल को संग्रहित करना चाहिए।

उपसंहार (Conclusion)

इन बातों से तो हम सभी पहले ही अवगत हो चुके हैं कि, जल का संपूर्ण सजीव जगत के लिए कितना महत्व है। परंतु आज स्थिति ऐसी आ गई है कि इनकी महत्ता को समझते हुए भी लोग इसे दूषित कर रहे हैं। अतः जरूरत है कि, हमें जल को प्रदूषित होने से बचाने चाहिए।

जल ही जीवन है। Jal Hi Jeevan Hai (1000 Words)

धरती के सभी सजीव जगत को जीवित रहने के लिए जिस प्रकार वायु की आवश्यकता है। ठीक उसी तरह जल की है। क्योंकि वायु और जल ये तो ऐसे तत्व हैं। जिनके बिना पृथ्वी पर सजीव जगत की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। जिस प्रकार हमें जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता है। जिसे हम वायु द्वारा प्राप्त करते हैं।

ठीक उसी तरह हमारे शरीर और दिमाग को सही रूप से काम करने के लिए जल की जरूरत होती है। क्योंकि हमारे शरीर को कुछ ऐसे आवश्यक तत्व की आवश्यकता होती है। जिसकी पूर्ति पानी ही कर पाता है। इतना ही नहीं हमारे अलावा पशु-पक्षियों, कीट- पतंगे, पेड़-पौधों को भी जीवित रहने के लिए पानी की जरूरत होती है।

वायु और मिट्टी आदि की तरह ही जल भी हमारे लिए प्रकृति प्रदत एक अमूल्य उपहार है और प्रकृति ने अन्य संसाधनों के तरह ही इसे भी (जल संसाधन) हमे सीमित मात्रा में ही प्रदान किया है। क्योंकि हमारे पृथ्वी के केवल 70% हिस्से में ही जल है I जिसमे मात्र 2% जल पीने योग्य है।

आज पृथ्वी पर जो हरे-भरे पेड़-पौध, झाड़ियाँ-लताएँ हम देखते हैं यह सब पानी का ही तो देन है। इतना ही नहीं ये नदियाँ, पोखर, समुद्र, झील आदि जो हमारी पृथ्वी पर उपस्थित होकर इसकी सुंदरता को बढ़ाती है। इसका कारण भी जल ही है।

क्योंकि जल नहीं होती तो यह समंदर, पोखर, नदियां कहाँ से बनती। मै इस बात को मानती हूँ कि, बीसवीं शताब्दी में बेशक मानव-सभ्यता और विज्ञान प्रौद्योगिकी का बड़ा ही तेजी से विकास हुआ है। बेशक मानव जीवन इनसे उन्नत और खुशकर हुआ है। परंतु ये बात भी सत्य है कि, इन सभी के कारण आज हमे काफी हानि भी हुई है।

आज वायु-जल-आकाश तीनो का अनियंत्रित और अंधाधुंध दोहन हुआ है। जिस कारण आज मानव अस्तित्व की रक्षा का प्रश्न हमारे सामने मुंह बाएँ खड़ी है। जो हमे इस बात की चेतावनी देती है कि, यदि धरती पर सजीव जगत की अस्तित्व को कायम रखना है तो हमे इन बहुमूल्य संसाधनों की हो रही दोहन से इसे बचाना होगा।

हमारे जीवन में जल का महत्व। Importance of Water in Human life in Hindi

जैसा कि हम सभी जानते हैं। जल न सिर्फ पर्यावरण का एक अभिन्न हिस्सा है। बल्कि मानव जीवन का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जिससे हमें जीवनयापन करने की हर वो आवश्यकता पूरी होती है। जिसका हमारे शरीर को जरूरत होती है। मानव जीवन में जल की महत्ता तो इतनी है कि, बिना पानी पिए वह जीवित रहने की कल्पना ही नहीं कर सकता।

भोजन करने के बाद अथवा किसी काम को करने के बाद मानव शरीर में गर्मी बढ़ जाती है। उस गर्मी की तृप्ति के लिए भी हमें जल की आवश्यकता होती है।हमारे दैनिक जीवन के लगभग सभी कार्यों में हमें जल की आवश्यकता पड़ती है। जैसे- स्नान करना, कपड़ा धोना, खाना बनाना आदि। जब हम कोई ज्यादा ऊर्जा खपत होने वाली काम करते हैं। तो हमे प्यास लगती है जिसे शांत करने के लिए हमे पानी पीनी पड़ती है।

जब हम मानव खेती करते हैं। तो फसलो की सिंचाई करने की आवश्यकता होती है। जिसमे जल की ही जरूरत होती है। इतना ही नहीं प्रत्येक मनुष्य को स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन करीब 3-6 लीटर पानी सेवन करने की सलाह दी जाती है। इन बातों से आप समझ सकते हैं कि, मानव जीवन में जल की महत्ता कितनी अधिक होती है।

पेड़-पौधों के लिए जल का महत्व

हमारे ख्याल से जल जितना महत्वपूर्ण हमारे जीवन के लिए होता है। उतना ही महत्वपूर्ण पेड़-पौधों के लिए भी होता है। क्योंकि पेड़-पौधों को भी अपना भोजन बनाते समय जल की आवश्यकता होती है। यदि जल नहीं रहेंगे तो पौधे अपना भोजन नहीं बना पाएगा तो स्वाभाविक सी बात है कि, बिना भोजन के पेड़-पौधे ज्यादा समय तक जीवित नहीं रह सकेगें।

इस बात से स्पष्ट हो जाती है कि, पेड़-पौधों को जीवित रखने में भी जल की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। इतना ही नहीं आज हम मानव जितनी भी फल, फूल, आनाज, सब्जियां आदि खाते हैं। वह हमें पौधे से ही तो प्राप्त होती है और यह पेड़-पौधे भी तो जल के कारण ही जीवित और हरे-भरे रहते हैं। उपरोक्त बातों से हमें इस बात की समझ आ जाती है, किजल है, तोहम हैं।

पशु पक्षियों और अन्य जीवो के लिए जल का महत्व

जल न सिर्फ मानव जीवन और पेड़-पौधों को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। बल्कि पशु पक्षियों को भी जीवित रखने का श्रेय इस अमृत रूपी जल या फिर कहे तो पानी को ही जाता है। क्योंकि जिस प्रकार मानव को अपनी प्यास बुझाने, स्वस्थ रहने और अन्य घरेलू उपयोग के लिए जल की आवश्यकता होती है और पेड़-पौधों को अपना भोजन बनाने के लिए पानी की आवश्यकता होती है।

ठीक उसी तरह पशु-पक्षियों तथा कीट-पतंगों को भी अपनी प्यास बुझाने से लेकर अन्य कई कामो में जल  की आवश्यकता पड़ती है। इस प्रकार कहा जाए तो पशु-पक्षियों और कीट-पतंगों को भी जीवित रखने में जल का महत्वपूर्ण भूमिका है।

जल ह्वास/प्रदूषण के कारण होने वाली समस्याएं

जल (Essay on Water is Life in Hindi) प्रदूषण के दुष्प्रभाव आज न सिर्फ मानव जीवन को बल्कि सभी जलीय जीव, स्थानीय पशु-पक्षियों, कीट-पतंगे, पेड़-पौधों को भी प्रभावित किया है। क्योंकि कल-कारखानो एवं बहिःस्त्राव में उपस्थित अनेक विषैले पदार्थ जलीय जीवन को नष्ट कर देती है। इतना ही नहीं ये जलीय जीवो की विविधता को भी घटा देती है।

यदि पर्याप्त मात्रा में पौधों को जल की प्राप्ति नहीं हो पाती है तो वह भी सूख जाती है। इन बातो से स्पष्ट हो जाती है कि, दूषित जल से पेड़- पौधों एवं जीव-जंतुओं का विनाश हो जाता है। दूषित जल के प्रयोग से आज लोगो को हैजा, एग्जिमा, उदरशूल, नारू, अतिशय, टाइफाइड, पीलिया, पेचिश आदि नामक भयंकर बीमारियो का सामना करना पड़ रहा है।

आज कल जल इतनी प्रदूषित हो चुकी है कि, लोगों को पीने योग्य पानी नहीं मिल रही है। उपरोक्त बातो से स्पष्ट हो जाती है, कि जल प्रदूषण (Water Pollution) आज संपूर्ण विश्व के लिए एक गंभीर समस्या बन चुकी है।

जल संरक्षण के कुछ उपाय। About Save Water in Hindi

आज जिस तरह से लोग जल की महत्ता को भूलकर इसकी अंधाधुध और अनियंत्रित दोहन कर रहे हैं। अगर यह स्थिति बनी रही तो आने वाले समय में जल संकट संसार के लोगों के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती बनकर सामने आएगा। अतः समय रहते हमे इनकी संरक्षण करनी चाहिए तो आइए जानते हैं जल संरक्षण के कुछ सरल उपाय।

  • कल कारखानों के अवशिष्ट पदार्थों को नदियों और समुद्रों में बहाने पर रोक लगाना चाहिए क्योंकि इन अपशिष्ट पदार्थों में विद्यमान विषैले तत्व नदियों के जल में घोलकर उसे भी विषैला बना देती है।
  • लोगों को नदियाँ, पोखर या फिर कहे तो ताल तलैया के जल में साबुन, शैंपू, आदि से नहाने और कपड़े धोने से लोगो को रोकना चाहिए।
  • गिरते भूगर्भ जल-स्तर को स्थिर करना होगा।
  • बड़े-बड़े गड्ढे खोदकर पानी एकत्र करना होगा।
  • वर्षा जल को संग्रहित करना होगा।
  • लोगों को आवश्यकता अनुसार ही पानी उपयोग करने का सलाह देना होगा।

उपरोक्त बातों पर अगर हम मानव थोड़ी भी ध्यान देंगे तो जल (Jal Hi Jeevan Hai) को प्रदूषित होने से बचा सकेंगे।

विश्व जल दिवस। World Water Day

जल संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष संपूर्ण विश्व 22 मार्च को विश्व जल दिवस (World Water Day) के रूप में मनाती है। ताकि लोग इसकी महत्ता को समझ सके और इसकी हो रही अनियंत्रित दोहन को रोकने में सफल हो सके।

जल संरक्षण पर कुछ स्लोगन। Save Water in Hindi Slogan

  1. जल रहेंगे तो हम रहेंगे। — Jal Rahenge to Ham Rahenge.
  2. जल ही है जीवन का आधार जल बिना ना कोई संसार। — Jal Hi Hai Jeevan Ka Aadhar, Jal Bina Na Koi Sansar.
  3. पानी जो बचाएगा समझदार वो कहलाएगा। — Pani Jo Bachayega Samajhadaar Wahi Kahlyga.
  4. स्वच्छ जल अपनाएं अच्छी सेहत पाएं। — Swakesh Jal Apnaye Acchi Sehat Payen.
  5. पानी को बचाए, पृथ्वी ग्रह को सजाएं। — Pani Ko Bachaye Prithvi Grah Ko Sajae.
  6. जल है, तो जीवन है। — Jal Hai to Jeevan Hai.
  7. जल को बचाओगे तो जीवन को पाओगे। — Jal Ko Bachaoge to Jeevan Ko Paoge.
  8. जल होंगे तो कल होंगे। — Jal Honge to Kal Honge.
  9. जल की करो मत बर्बादी खोनी पड़ेगी आजादी। — Jal Ki Karo Mat Barbadi Khoni Padegi Azadi.
  10. आज जल नहीं बचाओगे तो कल कहाँ से पाओगे। — Aaj Jal Nahi Bachaoge to Kal Kaha Se Paoge.

उपसंहार । Conclusion

जल उन बहुमूल्य संसाधनो में से एक है, जो न सिर्फ हमे बल्कि संसार के समस्त सजीव जगत को जीवित रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में उसे आवश्यक तत्व उपलब्ध कराती है।

परंतु आज आधुनिकता (Modernity) के इस युग में इसकी हो रही अनियंत्रित दोहन (Uncontrolled Exploitation) आने वाले समय में हमारे सामने एक बहुत ही गंभीर समस्या के रूप में प्रकट होगी, जिसका सामना न सिर्फ हम मानव को बल्कि पृथ्वी के सभी सजीव जगत को करना पड़ेगा।

अतः इन समस्याओं से बचने के लिए हमे जल संरक्षण (Water Conservation) के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाना चाहिए।